Friday, March 29, 2024
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सड़क के नाम को लेकर बुरी तरह भिड़े रूस और अमेरिका, जानें क्या है मामला!

रूस ने अमेरिका के इस कदम की कड़ी आलोचना की है और एक रूसी नेता ने इसे 'गंदी चाल' करार दिया है...

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: January 11, 2018 18:14 IST
Vladimir Putin and Donald Trump | AP Photo- India TV Hindi
Vladimir Putin and Donald Trump | AP Photo

वॉशिंगटन: अमेरिकी प्रशासन ने वॉशिंगटन में रूसी दूतावास के बाहर की सड़क के नाम में परिवर्तन कर इसे रूस के उस विपक्षी नेता के नाम पर रखने का फैसला किया है जिसकी हत्या कर दी गई थी। रूस ने इसकी कड़ी आलोचना की है और एक रूसी नेता ने इसे 'गंदी चाल' करार दिया है। 'BBC' की रिपोर्ट के अनुसार, वॉशिंगटन डीसी नगर परिषद ने रूसी दूतावास परिसर के बाहर की सड़क के नाम को रूसी नेता बोरिस नेम्तसोव के नाम पर रखे जाने के पक्ष में मत दिया। नेम्तसोव की क्रेमलिन के बाहर 2015 में हत्या कर दी गई थी। 

नगर परिषद ने एक बयान में कहा है कि यह फैसला 'मारे गए लोकतंत्रिक कार्यकर्ता' के सम्मान में सर्वसम्मति से लिया गया। वॉशिंगटन परिषद के बयान के अनुसार, यह निर्णय 'विशेष रूप से रूसी दूतावास के सामने विस्कॉन्सिन एवेन्यू के हिस्से' को लक्षित करता है। रूस की समाचार एजेंसी 'इंटरफैक्स' ने राष्ट्रवादी LDPR पार्टी के नेता व्लादिमीर झिरिनोव्सकी के हवाले से कहा कि 'अमेरिकी अधिकारी विशेष रूप से रूसी दूतावास के बाहर गंदी चाल चलना चाहते हैं।' कम्युनिस्ट पार्टी के नेता दिमित्रि नोविकोव ने कहा, ‘अमेरिकी अधिकारी रूस के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के अपने खेल में लंबे समय से लगे हैं।’ राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के मुखर आलोचल नेम्तसोव की मास्को में एक रेस्तंरा से घर जाते वक्त फरवरी 2015 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

'BBC' के अनुसार, नेम्तसोव की जिस जगह हत्या हुई थी, वहां बनाए गए एक छोटे से स्मारक को सड़क सफाई कर्मियों ने आधी रात में ध्वस्त कर दिया था। नेम्तसोव की बेटी झैना ने दिसंबर के शुरुआत में सड़क का नाम बदलने के आग्रह के साथ वॉशिंगटन डीसी की यात्रा की थी। उन्होंने कहा था, ‘वर्तमान रूसी सरकार मेरे पिता की स्मृति को मिटाना चाहती है क्योंकि वह मानती है, और सही मानती है, कि यह प्रतीक महत्वपूर्ण हैं और वे संभावित रूप से परिवर्तन को प्रेरित कर सकते हैं।’ उन्होंने कहा था कि उनके पिता खुले विचारों वाले देशभक्त थे जिन्हें याद किया जाना चाहिए। 'BBC' ने झैना के हवाले से बताया, ‘रूस के अधिकारियों के अप्रत्याशित विरोध के कारण अभी हम रूस में यह नहीं कर सकते हैं लेकिन अमेरिका में यह संभव है। यहां उनकी यादों को नष्ट करना मुश्किल होगा।’

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