Thursday, April 18, 2024
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कश्मीर में यह काम शुरू होने के साथ ही पाकिस्तान की 70 साल की योजना धरी की धरी रह जाएगी: जयशंकर

बौखलाए पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर का राग अलापा। इस दौरान इमरान खान ने परमाणु युद्ध की गीदड़भभकी दी और कहा कि कश्मीर से कर्फ्यू हटने के बाद वहां खून-खराबा होगा।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 02, 2019 10:20 IST
कश्मीर में यह काम शुरू होने के साथ ही पाकिस्तान की 70 साल की योजना धरी की धरी रह जाएगी: जयशंकर- India TV Hindi
कश्मीर में यह काम शुरू होने के साथ ही पाकिस्तान की 70 साल की योजना धरी की धरी रह जाएगी: जयशंकर

वाशिंगटन: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका के एक शीर्ष थिंक टैंक से कहा है कि भारत जैसे ही जम्मू-कश्मीर में विकास को गति देगा, पाकिस्तान की सारी योजना पर पानी फिर जाएगा जो वह पिछले 70 साल से कश्मीर के खिलाफ रच रहा है। जयशंकर ने उन्हें सुनने आए वाशिंगटन के लोगों को यह भी बताया कि कश्मीर घाटी में मोबाइल सेवाएं फिलहाल इसलिए बंद रखी गई हैं ताकि भारत विरोधी ताकतों को उग्र होने एवं एकजुट करने की मंशा से इंटरनेट और सोशल मीडिया का दुरुपयोग करने से रोका जा सके। साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए भी ऐसा किया गया है कि विकास को बल देने के दौरान होने वाले बदलाव के दौरान कोई हताहत न हो। 

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जयशंकर की यह टिप्पणी शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक, ‘सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशल स्टडीज’ में विदेश नीति पर उनके भाषण के बाद पूछे गए एक सवाल के जवाब में आई। उन्होंने कहा, “वहां इस संबंध में प्रतिक्रियाएं दी जा रही हैं। पिछले 70 साल में वहां निहित स्वार्थ पैदा हुए हैं। ये स्थानीय एवं सीमा पार के निहित स्वार्थ हैं।” साथ ही उन्होंने यह स्वीकार किया, “जब भी किसी चीज पर यथास्थिति को ठोस तरीके से बदला जाता है तो परिवर्तन संबंधी खतरे रहते हैं और प्रतिक्रियाएं देखने को मिलेंगी।” 

उन्होंने कहा, “लेकिन, अगर हम जम्मू-कश्मीर में विकास को गति देने में कामयाब हो जाते हैं तो समझिए कि पाकिस्तानियों ने जो पिछले 70 साल से योजना बनाई हुई है वह धरी की धरी रह जाएगी।” विदेश मंत्री का यह बयान जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक की तरफ से पिछले महीने दिए गए बयान से काफी मिलता-जुलता है। 

मलिक ने कहा था, “अगर हम जम्मू-कश्मीर को विकास के मार्ग पर ले जाने में कामयाब होते हैं, जो कि बहुत संभव है, तो वह दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के निवासी जिन्हें पाकिस्तान के दखल का सबसे ज्यादा खामियाजा भुगतना पड़ रहा है, वे खुद ही भारत का हिस्सा बनने के लिए हमारी तरफ दौड़े आएंगे।” 

जयशंकर का यह रुख जम्मू-कश्मीर के संवैधानिक प्रावधानों में भारत की तरफ से किए गए हालिया बदलावों तथा इससे जुड़े जोखिमों पर हो रही बातचीत के संबंध में था। बता दें कि आर्टिकल 370 हटाए जाने से बौखलाए पाकिस्तान ने दुनियाभर के देशों का दरवाजा खटखटाया लेकिन उसे चीन के अलावा किसी प्रमुख देश का साथ नहीं मिला।

वहीं बौखलाए पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर का राग अलापा। इस दौरान इमरान खान ने परमाणु युद्ध की गीदड़भभकी दी और कहा कि कश्मीर से कर्फ्यू हटने के बाद वहां खून-खराबा होगा। इसके बाद भारत ने राइट टू रिप्लाई का इस्तेमाल करते हुए कहा कि इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र के मंच का गलत इस्तेमाल किया है। उनका भाषण नफरत से भरा रहा।

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