Tuesday, April 23, 2024
Advertisement

भारत में आदिवासियों, मुस्लिमों के बीच गरीबी घटने की दर सर्वाधिक: संयुक्त राष्ट्र

सूचकांक में बताया गया कि भारत में 2005-06 और 2015-16 के बीच 27.1 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकल आए। देश में गरीबी की दर लगभग आधी रह गई है और दस वर्षों के अंतराल में यह 55 फीसदी से कम होकर 28 फीसदी रह गई है।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: September 22, 2018 6:58 IST
भारत में आदिवासियों, मुस्लिमों के बीच गरीबी घटने की दर सर्वाधिक: संयुक्त राष्ट्र- India TV Hindi
भारत में आदिवासियों, मुस्लिमों के बीच गरीबी घटने की दर सर्वाधिक: संयुक्त राष्ट्र

न्यूयॉर्क: भारत में गरीबी घटने की दर सबसे ज्यादा बच्चों, गरीब राज्यों, आदिवासियों और मुस्लिमों के बीच है जहां 2005-06 के बाद के दशक में 27 करोड़ लोग गरीबी से बाहर हुए हैं। एक नये आंकड़े में यह जानकारी सामने आई है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और ऑक्सफोर्ड गरीबी एवं मानव विकास पहल (ओपीएचआई) की तरफ से जारी 2018 वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) के मुताबिक पूरी दुनिया में करीब 1.3 अरब लोग बहुआयामी गरीबी में जीवन व्यतीत करते हैं।

इसने बताया कि यह 104 देशों की आबादी का करीब एक चौथाई है जिसके लिए 2018 एमपीआई की गणना हुई। इनमें से 1.3 अरब लोग (46 फीसदी) समझा जाता है कि काफी गरीबी में जी रहे हैं और एमपीआई में जिन मानकों को चुना गया है उनमें से कम से कम आधे में वह वंचित हैं।

सूचकांक में बताया गया कि भारत में 2005-06 और 2015-16 के बीच 27.1 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकल आए। देश में गरीबी की दर लगभग आधी रह गई है और दस वर्षों के अंतराल में यह 55 फीसदी से कम होकर 28 फीसदी रह गई है। इसमें कहा गया है, ‘‘बच्चों, गरीब राज्यों, आदिवासियों और मुस्लिमों के बीच गरीबी घटने की दर सबसे तेज है।’’

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। US News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement