Friday, April 19, 2024
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रूस से S-400 डील: आसान नहीं होगा भारत के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति से छूट पाना

पिछले साल कानून का रूप लेने वाले ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शन एक्ट’ (सी ए ए टी एस ए) के तहत भारत पर अब प्रतिबंध लग सकता है क्योंकि उसने रूस के साथ एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए 5.4 अरब डॉलर का सौदा किया है।

India TV News Desk Edited by: India TV News Desk
Published on: October 07, 2018 16:54 IST
S-400- India TV Hindi
S-400

वॉशिंगटन: विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी प्रशासन के भीतर बदलते राजनीतिक समीकरणों और भारत की व्यापार तथा शुल्क नीतियों के प्रति राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कड़े निजी विचारों के बीच रूस के साथ एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद के बाद कड़े ‘सी ए ए टी एस ए’ प्रतिबंधों से भारत को छूट मिलना आसान नहीं होगा।

पिछले साल कानून का रूप लेने वाले ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शन एक्ट’ (सी ए ए टी एस ए) के तहत भारत पर अब प्रतिबंध लग सकता है क्योंकि उसने रूस के साथ एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए 5.4 अरब डॉलर का सौदा किया है। अमेरिका की नजर में यह महत्वपूर्ण सौदा है। सी ए ए टी एस ए ट्रंप प्रशासन को रूस, ईरान और उत्तर कोरिया के खिलाफ आर्थिक तथा राजनीतिक प्रतिबंधों के माध्यम से उन्हें निशाना बनाने की ताकत देता है।

गौरतलब है कि अमेरिका ने हाल ही में सी ए ए टी एस ए का प्रयोग कर एस-400 की खरीद को लेकर चीनी प्रतिष्ठानों पर प्रतिबंध लगाए हैं। अमेरिका में मौजूद ‘फ्रेंड्स ऑफ इंडिया’ को आशा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत को सी ए ए टी एस ए के तहत प्रतिबंधों से छूट देंगे क्योंकि अमेरिका भारत को महत्वपूर्ण रक्षा साझेदार मानता है। साथ ही अमेरिका आगामी कुछ वर्षों में अरबों डॉलर की रक्षा सामग्री भारत को बेचने के संबंध में सौदे करने के अंतिम दौर में है।

संसदीय सूत्रों का कहना है कि रक्षा मंत्री जिम मैटिस और विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने भारत के मद्देनजर ही सी ए ए टी एस ए में राष्ट्रपति द्वारा छूट पर जोर दिया था। लेकिन इस संबंध में अंतिम निर्णय ट्रंप को ही करना है, जो पिछले कुछ सप्ताह से भारत की व्यापार और शुल्क नीतियों के प्रति आलोचनात्मक रुख अपनाए हुए हैं।

ट्रंप ने पिछले सप्ताह भारत को ‘‘शुल्क का राजा’’ (टेरिफ किंग) बताया था और कहा था कि उनके आयातों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की उनकी चेतावनी के बाद भारत अमेरिका के साथ एक व्यापार समझौता चाहता है। उनके हालिया बयान से ही कुछ विशेषज्ञों को लगता है कि रूस के साथ भारत के एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली समझौते के संबंध में अमेरिकी राष्ट्रपति से छूट मिलना आसान नहीं होगा।

पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन में सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति में महत्वपूर्ण पद पर रहे अनीश गोयल का कहना है कि ‘नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्ट 2019’ रूस से भारत की रक्षा खरीद को सी ए ए टी एस ए से स्वत: छूट प्रदान नहीं करता है। उन्होंने कहा, ‘नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्ट 2019’ के तहत प्रशासन को सिर्फ छूट देने का अधिकार मिला है। इसमें अंतत: फैसला प्रशासन के हाथों में है।

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