Friday, March 29, 2024
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यमन के प्रति अमेरिका का नरम रुख, लगभग 8.7 करोड़ डॉलर की सहायता देगा

अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि यमन को मानवीय संकट से निपटने के लिए अमेरिका उसे लगभग 8.7 करोड़ डॉलर की सहायता देगा। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि...

India TV News Desk Edited by: India TV News Desk
Published on: April 04, 2018 12:17 IST
donald trump- India TV Hindi
donald trump

वाशिंगटन: अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि यमन को मानवीय संकट से निपटने के लिए अमेरिका उसे लगभग 8.7 करोड़ डॉलर की सहायता देगा। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि इस सहायता का उपयोग भोजन, पीने के पानी और कुपोषित बच्चों के लिए इलाज के लिए किया जाएगा। एक बयान के अनुसार, अमेरिकी सरकार ने यह घोषणा स्विट्जरलैंड के जेनेवा में आयोजित यमन उच्च स्तरीय समझौता सम्मेलन में की। सऊदी अरब मार्च 2015 से यमन में ईरान समर्थित हौती विद्रोहियों से लड़ने वाली गठबंधन सेना का नेतृत्व कर रहा है। हौती ने 2014 के बाद राजधानी सना सहित यमन के उत्तर के अधिकांश क्षेत्र को नियंत्रित कर लिया है। ("मेरे अलावा किसी ने भी रूस के खिलाफ इतना सख्त रवैया नहीं अपनाया" )

वहीं दूसरी ओर डोनाल्ड ट्रंप ने आज कहा कि उनका प्राथमिक मिशन आईएसआईएस को शिकस्त देना है और यह काम पूरा होने पर वह सौनिकों को सीरिया से वापस लाना चाहेंगे। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में बाल्टिक नेताओं के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ जहां तक सीरिया की बात है हमारा प्राथमिक मिशन आईएसआईएस से निजात पाता है। हमने अपना काम लगभग पूरा कर लिया है और इस पर अन्य के सहयोग से शीघ्र निर्णय लेने वाले हैं।’’ ट्रंप उन न्यूज रिपोर्ट पर उत्तर दे रहे थे कि पेंटागन के नेता चाहते हैं कि वे सीरिया में रहें। ट्रंप ने कहा सऊदी अरब को उनके निर्णय में दिलचस्पी है। ट्रंप ने इस संबंध में सऊदी अरब के नेताओं से हुई बातचीत का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘ आप जानते हैं, आप चाहते हैं कि हम वहां रूकें, हो सकता है कि आपको इसकी कीमत चुकानी पडे।’’

उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया में सैनिकों को रखना अमेरिका के लिए काफी मंहगा हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ हम निर्णय लेने वाले हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि हमें आईएसआईएस के खिलाफ अपार सैन्य सफलता मिली है। यह100 प्रतिशत के करीब है। और आने वाले वक्त में हमें क्या करना है इस पर हम निर्णय लेने वाले हैं। हम अपने लोगों के समूहों तथा सहयोगी देशों के समूहों से भी विचार विमर्श करेंगे। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि सैनिक सीरिया से हट जाएं।

 

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