Tuesday, March 19, 2024
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नियमों को तोड़ते हुए बुकर ने घोषित किया संयुक्त विजेता, एवरिस्टो पुरस्कार जीतने वाली पहली अश्वेत महिला

बुकर पुरस्कार के लिए विजेताओं का चयन करने वाले निर्णायक मंडल ने इस साल नियमों को तोड़ते हुए इस पुरस्कार के लिए मार्गरेट एटवुड और बर्नार्डिन एवरिस्टो को संयुक्त विजेता घोषित किया। एवरिस्टो इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को जीतने वाली पहली अश्वेत महिला हैं। 

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: October 15, 2019 9:17 IST
नियमों को तोड़ते हुए बुकर ने घोषित किया संयुक्त विजेता, एवरिस्टो पुरस्कार जीतने वाली पहली अश्वेत महि- India TV Hindi
नियमों को तोड़ते हुए बुकर ने घोषित किया संयुक्त विजेता, एवरिस्टो पुरस्कार जीतने वाली पहली अश्वेत महिला

लंदन: बुकर पुरस्कार के लिए विजेताओं का चयन करने वाले निर्णायक मंडल ने इस साल नियमों को तोड़ते हुए इस पुरस्कार के लिए मार्गरेट एटवुड और बर्नार्डिन एवरिस्टो को संयुक्त विजेता घोषित किया। एवरिस्टो इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को जीतने वाली पहली अश्वेत महिला हैं। इस पुरस्कार के लिए छांटी गई छह पुस्तकों में ब्रितानी-भारतीय उपन्यासकार सलमान रुश्दी का उपन्यास ‘क्विचोटे' भी शामिल था। बुकर के नियमों के अनुसार इस पुरस्कार को बांटा नहीं जा सकता, लेकिन निर्णायक मंडल ने कहा कि वे एटवुड के ‘द टेस्टामेंट’ और एवरिस्टो के ‘गर्ल, वुमैन, अदर’ में से किसी एक को नहीं चुन सकते। 

इन पुरस्कारों की शुरुआत 1969 में की गई थी। इससे पहले 1992 में दो लोगों को संयुक्त रूप से यह पुरस्कार दिया गया था। इसके बाद नियमों में बदलाव कर दिया गया था। आयोजकों ने इस साल के निर्णायक मंडल से कहा था कि वे दो विजेताओं को नहीं चुन सकते। पांच सदस्यीय निर्णायक मंडल के अध्यक्ष पीटर फ्लोरेंस ने पांच घंटे के विचार विमर्श के बाद कहा, ‘‘हमारा निर्णय है कि नियमों को तोड़ा जाएगा।’’

निर्णायक मंडल ने कहा कि वे चाहते हैं कि दोनों लेखिकाएं यहां गिल्डहॉल में एक बड़े कार्यक्रम में 50000 पाउंड की राशि आपस में बांटे। फ्लोरेंस ने कहा, ‘‘हमने जितनी ज्यादा उनके बारे में बात की, हमें उतना ज्यादा लगा कि हम दोनों को इतना पसंद करते हैं कि दोनों ही विजेता बनें।’’ 79 वर्षीय कनाडाई लेखिका एटवुड ने एवरिस्टो के साथ यह पुरस्कार साझा करने पर खुशी जताते हुए कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मैं काफी बुजुर्ग हो गई हूं और मुझे लोगों के इतने ध्यान की आवश्यकता नहीं है, इसलिए मुझे खुशी है कि आपको भी पुरस्कार मिला है।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘यदि मैं अकेले यह पुरस्कार जीतती तो मुझे थोड़ा संकोच होता। इसलिए मैं खुश हूं कि आपको (एवरिस्टो) भी यह पुरस्कार मिला है।’’ एवरिस्टो ने कहा, ‘‘हम अश्वेत ब्रितानी महिलाएं जानती हैं कि यदि हम अपने बारे में नहीं लिखेंगी तो कोई और भी यह काम नहीं करेगा।’’ 60 वर्षीय एवरिस्टो ने कहा, ‘‘यह अविश्वसनीय है कि मुझे मार्गरेट एटवुड के साथ यह पुरस्कार मिला, जो महान और उदार हैं।’’ 

इनके अलावा लुसी एलमन को ‘डक्स, न्यूबरीपोर्ट’ चिगोजी ओबिओमा को ‘एन ऑर्केस्ट्रा ऑफ मायनोरिटीज’ और एलिफ शफाक को ‘10 मिनट्स 38 सेकंड्स इन दिस स्ट्रेंज वर्ल्ड’ के लिए छांटा गया था। एटवुड का उपन्यास ‘द हैंडमेड्स टेल’ भी 1986 में इस पुरस्कार के लिए छांटा गया था लेकिन तब वह यह पुरस्कार जीत नहीं पाई थीं। 

इस साल 151 किताबों में से इन छह उपन्यासों को छांटा गया था। रुश्दी ने ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रन’ के लिए 1981 में यह पुरस्कार अपने नाम किया था। मुंबई में जन्मे रुश्दी की पुस्तक पांच बार इस पुरस्कार के लिए छांटी गई है। पिछले साल एना बर्न्स को ‘मिल्कमैन’ के लिए यह पुरस्कार मिला था।

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