Friday, April 19, 2024
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नोबेल शांति पुरस्कार 2019: इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबीय अहमद अली को दिया गया शांति का नोबेल पुरस्कार

इथोपिया के प्रधानमंत्री अबीय अहमद अली को शांति का नोबेल पुरस्कार 2019 प्रदान किया जाएगा। नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने इन कोशिशों के लिए अहमद अली को नोबेल पुरस्कार दिया।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: October 11, 2019 15:12 IST
Ethiopian Prime Minister Abiy Ahmed Ali - India TV Hindi
Ethiopian Prime Minister Abiy Ahmed Ali 

नई दिल्ली। इथोपिया के प्रधानमंत्री अबीय अहमद अली को नोबेल शांति पुरस्कार 2019 प्रदान किया जाएगा। शांति का नोबेल पुरस्कार इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबीय अहमद अली को दिया गया। शांति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग प्राप्त करने के प्रयासों के लिए और विशेष रूप से पड़ोसी इरिट्रिया के साथ सीमा संघर्ष को हल करने के लिए उनकी निर्णायक पहल के लिए अहमद अली को नोबेल शांति पुरस्कार 2019 प्रदान किया जाएगा। नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने इन कोशिशों के लिए अहमद अली को नोबेल पुरस्कार दिया। 

नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने अबीय अहमद को शांति और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए किए गए प्रयासों के लिए नोबेल से सम्मानित किया है। अबीय को मिले इस सम्मान के जरिए इथियोपिया और पूर्व व उत्तर-पूर्व अफ्रीकी क्षेत्र में शांति के लिए प्रयास कर रहे सभी लोगों को भी पहचान मिली है। गौरतलब है कि स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में 2019 के लिए नोबेल पुरस्कारों की घोषणा बीते सोमवार से शुरू हो चुकी है। 14 अक्टूबर तक कुल छह क्षेत्रों में नोबेल पुरस्कार विजेताओं का ऐलान होगा।

इससे पहले रसायन के क्षेत्र में 2019 का नोबेल पुरस्कार अमेरिका के जॉन वी. गुडइनफ, ब्रिटेन के स्टैनली विटिंघम और जापान के अकीरा योशिनो को दिया जाएगा। तीनों वैज्ञानिकों को लीथियम आयन बैटरी के विकास में अहम भूमिका के लिए चुना गया है। इनके प्रयास से लीथियम आयन बैटरी की क्षमता दोगुनी हुई। अधिक उपयोगी होने से आज यह बैटरी मोबाइल फोन, लैपटॉप और इलेक्ट्रॉनिक वाहनों में इस्तेमाल हो रही है। 97 साल के गुडइनफ यह पुरस्कार पाने वाले सबसे उम्रदराज विजेता होंगे, उनसे पहले पिछले साल 96 साल के आर्थर अश्किन को नोबेल मिला था।

फिजिक्‍स के क्षेत्र में 2019 के लिए नोबेल पुरस्कार की भी घोषणा कर दी गई है। इस बार तीन लोगों को भौतिक विज्ञान में योगदान के लिए नोबेल दिया गया है। जेम्स पीबल्स को ब्रह्मांड विज्ञान पर नए सिद्धांत रखने के लिए, जबकि मिशेल मेयर और डिडिएर क्वेलोज को सौरमंडल से परे एक नया ग्रह खोजने के लिए संयुक्त रूप से पुरस्कार दिया गया है। जेम्स पीबल्स कनाडाई मूल के अमेरिकी नागरिक हैं। उन्होंने बिग बैंग, डार्क मैटर और डार्क एनर्जी पर जो काम किया है, उसे आधुनिक ब्रह्मांड विज्ञान का आधार माना जाता है। मिशेल और डिडिएर ने 51 पेगासी बी ग्रह की खोज की थी।

क्यों दिया जाता है नोबेल पुरस्कार?

अल्फ्रेड नोबेल का जन्म स्वीडन में 21 अक्टूबर 1833 को हुआ था। अल्फ्रेड रसायनशात्री और इंजीनियर थे। 10 दिसंबर 1896 को इटली के सौन रेमो में अल्फ्रेड नोबेल का निधन हुआ। युद्ध में भारी तबाही मचाने वाले अपने अविष्कारों को लेकर अल्फ्रेड नोबेल भारी पश्चाताप था इसलिए उन्होंने अपनी पूरी संपत्ति का इस्तेमाल मानव हित के लिए किए गए आविष्कारों में करने का फैसला लिया और नोबेल फाउंडेशन की स्थापना की। उन्होंने अपनी वसीयत में हर साल भौतिकी, रसायन, चिकित्सा, साहित्य और शांति के क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को पुरस्कार देने की घोषणा की।

शांति का नोबेल नॉर्वे की संसद द्वारा चुनी समिति देती है

रॉयल स्वीडिश अकेडमी ऑफ साइंसेज भौतिकी, रसायन और अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार विजेताओं का चयन करती है। कैरोलिन इंस्टीट्यूट, स्टॉकहोम, स्वीडन में नोबेल असेंबली मेडिसिन के क्षेत्र में विजेताओं के नाम की घोषणा करती है। साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार स्वीडिश अकादमी स्टॉकहोम, स्वीडन द्वारा दिया जाता है और शांति के नोबेल पुरस्कार की घोषणा नॉर्वे की संसद द्वारा चुनी गई पांच सदस्यीय समिति करती है।

नोबेल पुरस्कार में क्या मिलता है?

नोबेल पुरस्कार के हर विजेता को करीब साढ़े चार करोड़ रुपए की राशि दी जाती है। इसके साथ 23 कैरेट सोने से बना 200 ग्राम का पदक और प्रशस्ति पत्र भी दिया जाता है। पदक के एक ओर नोबेल पुरस्कार के जनक अल्फ्रेड नोबेल की छवि, उनके जन्म तथा मृत्यु की तारीख लिखी होती है। पदक की दूसरी तरफ यूनानी देवी आइसिस का चित्र, रॉयल एकेडमी ऑफ साइंस स्टॉकहोम और पुरस्कार पाने वाले व्यक्ति की जानकारी होती है। 

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