Friday, March 29, 2024
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थाईलैंड: गुफा से रेस्क्यू के बाद पहली बार पब्लिक के सामने आई युवा फुटबॉल टीम, बताई पूरी कहानी

पिछले सप्ताह गुफा से बाहर निकाले जाने के बाद अस्पताल में भर्ती 13 युवा फुटबॉलर और उनके कोच आज पब्लिक के बीच आए। सभी के चेहरे पर सुकून और संतोष का भाव था

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 18, 2018 19:40 IST
thailand cave rescue: first public appearance after leaving hospital- India TV Hindi
Image Source : AP thailand cave rescue: first public appearance after leaving hospital

थाईलैंड: पिछले सप्ताह गुफा से बाहर निकाले जाने के बाद अस्पताल में भर्ती 12 युवा फुटबॉलर और उनके कोच आज पब्लिक के बीच आए। सभी के चेहरे पर जहां सुकून और संतोष का भाव था वहीं मीडिया के सामने आनेपर सभी ने ताली बजाकर इस बहादुर दल का अभिवादन किया। इन बच्चों ने प्रतीक के तौर पर बनाए गए फुटबॉल मैदान में अपने कौशल का प्रदर्शन भी किया। ये बच्चे सभास्थल पर मौजूद अपने साथियों के साथ गले मिलकर भाव-विभोर हो गए। 

वहीं प्रेस वार्ता में इनके डॉक्टर ने बताया कि सभी 12 बच्चे और उनके कोच शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ हैं। इन लड़कों के वजन में करीब 3 किलोग्राम की वृद्धि हुई है। डॉक्टर्स का कहना था कि गुफा में इन बच्चों का वजन औसतन 4 किलोग्राम कम हो गया था। ये बच्चे करीब दो हफ्ते तक गुफा में फंसे रह गए थे। 

वाइल्ड बोर्स के फुटबॉलर अब्दुल सैम ओन (14) ने बचाव के बारे में कहा, ‘‘यह एक चमत्कार है।’’ बच्चों से उनके भयावह अनुभव के बारे में बड़े प्यार से सवाल किये गये। जब टीम गुफा में अंदर फंस गयी तब उसके पास खाने को कुछ नहीं था। गुफा के अंदर दीवारों से रिस रहे पानी को पीकर जिंदा रहे। यह ब्रीफिंग बहुत ही नियंत्रित थी क्योंकि विशेषज्ञों ने संभावित दीर्घकालिक तनाव की चेतावनी दे रखी थी।

सियांग राय के जन संपर्क विभाग ने मीडिया संगठनों से पहले ही सवाल मंगा लिये थे और उन्हें मनोचिकित्सकों के भेज दिया था। थाईलैंड के जुंटा नेता प्रयुत चान ओ चा ने आज मीडिया से इन बच्चों से सवाल पूछने के दौरान सावधानी बरतने की अपील कर रखी थी और उनसे ऐसे सवालों से बचने को कहा था कि जिनसे बच्चों को नुकसान पहुंचे। इन बच्चों की कहानी जानने में लोगों की तीव्र इच्छा है। कुछ फिल्म प्रोडक्शन हाउसों की इस घटना पर हॉलीवुड फिल्म बनाने को लेकर नजर है। 

डॉक्टरों ने 11-16 साल के इन बच्चों के परिवारों को सलाह दी है कि वे उन्हें कम से कम एक महीने तक पत्रकारों के संपर्क में नहीं आने दें। 

13 साल के डोम की दादी खामयू प्रोथेप ने आज कहा, ‘‘यह मेरे जीवन का सबसे खुशी का दिन है।’’ जब ब्रिटिश गोताखोर गुफा के अंदर पहुंचे तब उन्होंने देखा कि नौ दिनों तक बिना भोजन के रहने से ये बच्चे बिल्कुल दुर्बल हो गये थे और एक जगह एक-दूसरे से चिपककर बैठे थे। बचावकर्मियों ने उन्हें बाहर निकालने की सबसे बेहतर योजना पर चर्चा की और आखिरकार उन्होंने जोखिमपूर्ण अभियान का फैसला किया। उन्हें शांत रखने के लिए नशे की दवा दी गयी और पानी से भरे रास्ते से बाहर निकालने में जुट गये। उन्होंने उसके लिए सैन्य ग्रेड के स्ट्रेचरों का इस्तेमाल किया। 

आपको बता दें कि गुफा में 17 दिनों तक फंसे रहने के बाद उन्हें निकालने के लिए चलाए गए विशेष अभियान चलाया गया था। दुनियाभर के लोग इन बच्चों की सलामती की दुआ कर रहे थे। लंबे और बेहद कठिन अभियान के बाद इन बच्चों का गुफा से रेस्क्यू कराया गया था। रेस्क्यू के बाद इन बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां लगातार उनकी सेहत पर नजर रखी जा रही थी। करीब हफ्ते भर अस्पताल में रहने के बाद इन बच्चों को आज पहली बार पब्लिक के सामने लाया गया। (इनपुट-भाषा)

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