Friday, March 29, 2024
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भारत के चांदीपुर से मिसाइलों की टेस्टिंग करेगा सिंगापुर, दोनों देशों के बीच हुआ बड़ा समझौता

सिंगापुर के रक्षा मंत्री इंग हेन ने कहा कि छोटा देश होने के कारण सतह से सतह पर मार करने वाली स्पाइडर ग्राउंड रक्षा प्रणाली जैसे मिसाइलों को सिंगापुर से दागना असंभव होगा।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 21, 2019 7:53 IST
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Defence Minister Rajnath Singh shakes hands with Defence Minister of Singapore NG Eng Hen | PTI

सिंगापुर: भारत और सिंगापुर ने बुधवार को एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर किया जिससे सिंगापुर के लिये ओडिशा के चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज में स्पाइडर हवाई रक्षा प्रणाली जैसे मिसाइलों के प्रक्षेपण करने की राह खुलेगी। सिंगापुर में बुधवार को आयोजित भारत-सिंगापुर के रक्षा मंत्रियों की चौथी वार्ता (DMD) के दौरान इस पर सहमति बनी । इसकी सह अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने और सिंगापुर में उनके समकक्ष डॉ. न्ग इंग हेन (Dr. Ng Eng Hen) ने की। संभवत: यह पहली बार है जब भारत किसी अन्य देश के लिये चांदीपुर एकीकृत परीक्षण रेंज को खोलेगा।

सिंगापुर के रक्षा मंत्री इंग हेन ने कहा कि छोटा देश होने के कारण सतह से सतह पर मार करने वाली स्पाइडर ग्राउंड रक्षा प्रणाली जैसे मिसाइलों को सिंगापुर से दागना असंभव होगा। डॉ. इंग हेन ने आगे कहा, ‘इसलिए हम लोग यह सुविधा प्रदान करने के लिये भारत के आभारी हैं। भारत एक बड़ा देश है जहां बड़ा भूभाग है और हम यह भी समझते हैं कि उनकी ओर से यह एक अहम पहल है। हम लोग इस सुविधा का बेहतर इस्तेमाल करना चाहते हैं।’

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की वेबसाइट के अनुसार एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) DRDO का एक आधुनिक परीक्षण एवं मूल्यांकन (T&E) केंद्र है। रॉकेटों, मिसाइलों एवं हवा में मार करने वाली हथियार प्रणालियों के प्रदर्शन के आकलन के उद्देश्य से एक सुरक्षित एवं विश्वसनीय परीक्षण सुविधा उपलब्ध कराने के लिये इसकी स्थापना की गयी है। सिंह ने इंग हेन के साथ व्यापक बातचीत की जिसके बाद दोनों मंत्रियों ने सिंगापुर द्वारा ओडिशा के चांदीपुर एकीकृत परीक्षण रेंज के इस्तेमाल करने और मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HDR) सहयोग पर आशय पत्र का आदान प्रदान किया।

दोनों पक्षों ने भारत में सिंगापुर द्वारा प्रायोगिक परीक्षण एवं अभ्यास, सूचना के आदान प्रदान, भारत में छोटे उपग्रहों के प्रक्षेपण, भूस्थानिक डाटा साझा, कृत्रिम बुद्धिमता एवं साइबर सुरक्षा समेत पहले से मजबूत सहयोग और विविध रक्षा भागीदारी के नये क्षेत्रों की पहचान की। सिंह ने सिंगापुर को भारत में आगामी रक्षा औद्योगिक गलियारे में अनुसंधान, विकास और अभ्यास सुविधाओं में निवेश के लिए आमंत्रित किया। न्ंग संयुक्त तालमेल के लिए अवसरों को तलाशने पर सहमत हुए। न्ंग ने क्षेत्र में भारत की निरंतर भागीदारी और क्षेत्रीय सुरक्षा वास्तुशिल्प में उसकी सक्रिय भूमिका का स्वागत किया। (भाषा)

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