Thursday, March 28, 2024
Advertisement

चीन से इस सामाजिक कार्यकर्ता को रिहा करने की मांग कर रहे हैं मानवाधिकार समूह

मानवाधिकार समूहों ने चीन से 13 साल की कैद पाए एक सामाजिक कार्यकर्ता को रिहा करने की मांग की है...

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 12, 2018 17:18 IST
प्रतीकात्मक तस्वीर- India TV Hindi
प्रतीकात्मक तस्वीर 

बीजिंग: मानवाधिकार समूहों ने चीन से 13 साल की कैद पाए एक सामाजिक कार्यकर्ता को रिहा करने की मांग की है।  मानवधिकार समूहों ने गुरुवार को चीनी सरकार से देश की सत्ता का विरोध करने के लिए 13 वर्ष की जेल की सजा पाने वाले प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता किन योंगमिन को रिहा करने की मांग की। इसके अलावा मामले में संयुक्त राष्ट्र से भी हस्तक्षेप करने का आग्रह भी किया गया। चीन ने 64 वर्षीय कार्यकर्ता को ‘सत्ता के खिलाफ’ विद्रोह करने का दोषी पाया था।

मानवाधिकार समूह ह्यूमन राइट्स वाच (HRW) की चीन की निदेशक सोफिया रिचर्डसन ने कहा, ‘किन योंगमिन का केवल 'अपराध' यह था कि उन्होंने चीन में शांतिपूर्वक सुधार की ओर आगे बढ़ने के लिए एक मानवधिकार पर्यवेक्षक समूह को संगठित किया।’ हुबई प्रांत में वुहान सिटी इंटरमीडिएट पीपुल्स कोर्ट ने बुधवार को 64 वर्षीय मानवधिकार कार्यकर्ता को 'सत्ता के खिलाफ विद्रोह' करने का दोषी पाया और उन्हें 13 वर्ष कारावास की सजा सुनाई। HRW ने चीनी सरकार को तत्काल और बिना शर्त किन को रिहा करने की मांग की, क्योंकि उनपर लगाए गए आरोप 'अनुचित' हैं और दी गई सजा 'काफी कठोर' है जो कि चीनी सरकार द्वारा मूलभूत अधिकारों के हनन को दिखाता है।

किन चाइनीज डेमोक्रेटिक पार्टी के संस्थापकों में से एक हैं। पार्टी के गठन के तुरंत बाद कम्युनिस्ट सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था। मानवधिकार की रक्षा के लिए संघर्ष के दौरान, उन्होंने कुल 22 वर्ष जेल में या स्वतंत्रता के अधिकार का आंशिक रूप से दमन करने के अनुभव के साथ बिताए हैं। चीनी मानवधिकार रक्षक संगठन (CHRD) ने भी किन को सजा दिए जाने की आलोचना की है और इसे अनुचित और एकपक्षीय बताया। संगठन ने संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों से भी उनकी रिहाई के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है।

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement