Saturday, April 20, 2024
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एक तरफ चीन दुनिया को दिखा रहा था अपनी ताकत, दूसरी तरफ हांगकांग में जलाये जा रहे थे झंडे

चीन जब सबसे बड़ा परेड कर रहा था तब हांगकांग में सबसे हिंसक प्रदर्शनों में से एक नजर आया। हजारों लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों ने चीन के झंडे जलाये, स्वायत्तता, सार्वभौमिक मताधिकार, सभी लोगों को इस क्षेत्र की विधायिका के चुनाव में लड़ने की आजादी की मांग की।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: October 02, 2019 7:17 IST
एक तरफ चीन दूनिया को दिखा रहा था अपनी ताकत, दूसरी तरफ हांगकांग में जलाये जा रहे थे झंडे- India TV Hindi
एक तरफ चीन दूनिया को दिखा रहा था अपनी ताकत, दूसरी तरफ हांगकांग में जलाये जा रहे थे झंडे

बीजिंग: चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने मंगलवार को साम्यवादी शासन की 70वीं वर्षगांठ पर जबर्दस्त सैन्य ताकत के प्रदर्शन के साथ ही हुए देश के सबसे बड़े परेड की अध्यक्षता की और कहा कि कोई भी ताकत चीन को आगे बढ़ने से नहीं रोक सकता। वहीं चीन जब सबसे बड़ा परेड कर रहा था तब हांगकांग में सबसे हिंसक प्रदर्शनों में से एक नजर आया। हजारों लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों ने चीन के झंडे जलाये, स्वायत्तता, सार्वभौमिक मताधिकार, सभी लोगों को इस क्षेत्र की विधायिका के चुनाव में लड़ने की आजादी की मांग की।

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यह जश्न समारोह ऐसे समय में हो रहा है जब देश गंभीर राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। हांगकांग में चल रहे लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों की छाया में यह परेड हो रही है। अधिकारियों ने चिंता जतायी कि मंगलवार को होने वाले हांगकांग का लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शन वैश्विक सुर्खियां बटोर सकता है।

हांगकांग में चीन के खिलाफ विरोध—प्रदर्शन में करीब 15 लोगों को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से एक की हालत गंभीर बनी हुई है। मगर अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि यह व्यक्ति वही है, जिसके सीने में गोली लगी है। हिंसा की आशंका की वजह से 20 से ज्यादा स्टेशन सुबह से ही बंद रखे गए थे।

इस अवसर पर शी ने कहा, ‘‘कोई भी ताकत चीन के दर्जे को हिला नहीं सकती है, चीन लोगों और राष्ट्र को आगे बढ़ने से रोक नहीं सकती।’’ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक माओत्से तुंग के बाद पार्टी में सबसे शक्तिशाली समझे जाने वाले शी ने कहा कि सीपीसी के नेतृत्व के तहत पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के स्थापना से चीन के गरीब और कमजोर होने तथा आधुनिकता के प्रादुर्भाव से पहले 100 सालों तक धौंसपट्टी सहने और अपमानित होने की उसका दयनीय किस्मत पूरी तरह बदल गयी। 

उन्होंने जियांग जेमिन और हू जिंताओं के साथ सामने आएक सीपीसी में एकता का प्रदर्शन किया। वर्षगांठ के आधिकारिक समारोह की शुरुआत सोमवार को हो गयी थी जब चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के संस्थापक माओत्सेतुंग की संरक्षित रखी गई पार्थिव देह को श्रद्धांजलि दी। शी और अन्य शीर्ष चीनी अधिकारी यहां तियाननमेन चौक में स्थित माओ की समाधि पर गए और दिवंगत नेता की प्रतिमा के आगे तीन बार सिर झुकाया। 

लोकतांत्रिक गणराज्य चीन की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ मनाने के मौके पर बाद में लोगों को संबोधित करते हुए शी (66) ने पिछले 70 वर्ष में चीन के लोगों की उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि हजारों वर्षों तक चीन को अपनी गिरफ्त में रखने वाली समस्या गरीबी अब खत्म होने की कगार पर है। उन्होंने कहा, ‘‘चीन ने जबरदस्त बदलाव किया। वह डटा हुआ है, समृद्ध हो रहा है और मजबूत बन रहा है। वह कायाकल्प के उत्कृष्ट आयामों के साथ कदम से कदम मिला रहा है।’’ 

शी ने कहा कि सभी जोखिमों तथा चुनौतियों से निपटते हुए आगे बढ़ने तथा नयी सफलताएं हासिल करने के लिए एकता सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें शांति, विकास और सहयोग को ध्यान में रखते हुए शांतिपूर्ण विकास की राह पर बढ़ना होगा। मानवता के साझा भविष्य की खातिर एक समुदाय का निर्माण करने के लिए अन्य देशों के लोगों के साथ मिलकर काम करना होगा ताकि शांति और विकास की रौशनी पूरी दुनिया को रौशन करे।’’ 

चीनी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘पिछले 70 वर्षों में बड़ी उपलब्धियां हासिल करने वाले चीनी लोग और चीनी राष्ट्र निश्चित तौर पर दो सदियों के लक्ष्यों और राष्ट्रीय कायाकल्प के चीनी सपने को साकार करने की अपनी यात्रा तक पहुंचने में और अधिक खूबसूरत अध्याय जोड़ेंगे।’’ इस अवसर पर जश्न समारोह का मुख्य कार्यक्रम चीनी सेना की अब तक की सबसे बड़ी परेड रही। अपने मुख्य हथियारों को छिपाकर रखने वाले चीन ने नयी परमाणु और हाइपरसोनिक मिसाइलों का प्रदर्शन किया। इसे उसका शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है।

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