Saturday, April 20, 2024
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जाधव मामले में पाकिस्तान इंटरनेशनल कोर्ट में 17 जुलाई को दाखिल करेगा जवाबी हलफनामा

जाधव को पिछले साल अप्रैल में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोपों में मौत की सजा सुनाई थी।

Bhasha Reported by: Bhasha
Updated on: July 12, 2018 23:00 IST
kulbhushan jadhav- India TV Hindi
kulbhushan jadhav

इस्लामाबाद: पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में भारत के रुख पर 17 जुलाई को दूसरा लिखित जवाब दाखिल करेगा। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने आज यह जानकारी दी। आईसीजे ने 23 जनवरी को भारत और पाकिस्तान दोनों को इस मामले में दूसरे दौर के हलफनामे दाखिल करने की समयसीमा दी थी। जाधव को पिछले साल अप्रैल में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोपों में मौत की सजा सुनाई थी।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद फैजल ने अपनी साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि पाकिस्तान का यह जवाबी हलफनामा भारत की ओर से 17 अप्रैल को दाखिल हलफनामे के जवाब में होगा। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर है कि शीर्ष अटॉर्नी खावर कुरैशी ने प्रधानमंत्री नसीरूल मुल्क को पिछले सप्ताह इस मामले की जानकारी दी थी। कुरैशी ने शुरूआत में इस मामले में पाकिस्तान की ओर से पैरवी की थी।

रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए थे। दूसरा हलफनामा पेश होने के बाद आईसीजे इस मामले में सुनवाई की तारीख तय करेगा, जिसके अगले साल होने की उम्मीद है।

अंतरराष्ट्रीय मुकदमे के विशेषज्ञ एक वरिष्ठ वकील ने इस पाकिस्तानी समाचार पत्र को बताया कि इस साल इस मामले की सुनवाई होने की उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले ही अन्य मामलों की सुनवाई अगले साल मार्च/अप्रैल तक के लिए तय कर दी गयी है ऐसे में जाधव मामला अगले साल गर्मिेयों के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।

गौरतलब है कि पाकिस्तान की सैन्य अदालत द्वारा जाधव को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद भारत पिछले साल मई में आईसीजे में गया था, जिसके बाद आईसीजे ने 18 मई को पाकिस्तान पर मामले का निपटारा होने तक जाधव की सजा की तामील पर रोक लगा दी थी। अपनी लिखित दलीलों में भारत ने पाकिस्तान पर जाधव को दूतावास पहुंच उपलब्ध नहीं कराकर वियना संधि का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। भारत की दलील थी कि इस संधि में इस बात का कहीं जिक्र नहीं है कि जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किसी व्यक्ति को ऐसी सुविधा नहीं दी जा सकती है।

उसके जवाब में पाकिस्तान ने 13 दिसंबर में अपने जवाबी हलफनामे में आईसीजे से कहा कि दूतावास संबंध वियना संधि 1963 वैध आंगुतकों पर ही लागू होती है न कि गैरकानूनी अभियानों पर। भारत कहता रहा है कि पाकिस्तान में सैन्य अदालत द्वारा जाधव की सुनवाई ढकोसला है। पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षाबलों ने तीन मार्च, 2016 को जाधव को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था जहां वह ईरान से पहुंचे थे। लेकिन भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया जहां उनका नौसेना से सेवानिवृति के बाद कारोबारी हित था।

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