Saturday, April 27, 2024
Advertisement

'कश्मीर का मुद्दा यूएनएससी के शांति प्रस्ताव से सुलझाना ज़रूरी'

रूस और चीन सहित छह देशों के हस्ताक्षर किए हुए संयुक्त घोषणापत्र में कहा गया है कि वैश्विक और क्षेत्रीय शांति तथा स्थायित्व को बनाए रखने के लिए कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत सुलझाने की जरूरत है।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: December 26, 2017 13:30 IST
pak india flag- India TV Hindi
pak india flag

इस्लामाबाद: रूस और चीन सहित छह देशों के हस्ताक्षर किए हुए संयुक्त घोषणापत्र में कहा गया है कि वैश्विक और क्षेत्रीय शांति तथा स्थायित्व को बनाए रखने के लिए कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत सुलझाने की जरूरत है। ‘डॉन न्यूज’ की खबर के मुताबिक अफगानिस्तान, चीन, ईरान, रूस, तुर्की के शीर्ष सांसदों ने यहां इस्लामाबाद में पाकिस्तान की मेजबानी में आयोजित दो दिवसीय बैठक में हिस्सा लिया। बैठक का समापन कल संयुक्त घोषणापत्र जारी करने के बाद हुआ। 

शीर्ष सांसदों की ओर से जारी संयुक्त घोषणा पत्र में कहा गया है, ''हम इस बात पर सहमत हुए हैं कि वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा तथा स्थायित्व के लिए कश्मीर का मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच शांतिपूर्ण तरीके से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार सुलझाए जाने की जरूरत है।'' 

सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस के प्रतिनिधियों ने यहां कश्मीर का मुद्दा शामिल करने पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद ईरान और अफगानिस्तान ने भी इसको लेकर एतराज जताया। सूत्रों ने बताया कि कश्मीर से जुड़े खंड की भाषा पर ईरान को एतराज था। 

रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी पक्ष ने कहा कि रूस, ईरान और तुर्की ने अपने राजनीतिक हितों इराक और सीरिया में संकट, पश्चिम एशिया और अल-कुद्स की समस्या और तुर्की में सत्ता पलट की विफल कोशिश जैसे मुद्दे उठाए तो ऐसे में पाकिस्तान के लिए कश्मीर का मुद्दा उठाना लाजिमी था। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि अफगानिस्तान के प्रतिनिधियों को कश्मीर मुद्दे को बातचीत में शामिल करने पर रजामंद करना सबसे मुश्किल था। 

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement