Saturday, April 20, 2024
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बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए इलाकों का दौरा करेंगे शिंजो आबे

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे पिछले दिनों हुई भारी बारिश के चलते आई बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए इलाकों में से एक का आज दौरा करेंगे। बाढ़ में मरने वालों की संख्या 179 पर पहुंच गई है और हजारों विस्थापित अब भी शिविरों में फंसे हुए हैं।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 11, 2018 11:55 IST
Japanese PM Shinzo Abe to visit flood disaster area- India TV Hindi
Japanese PM Shinzo Abe to visit flood disaster area

कुराशिकी: जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे पिछले दिनों हुई भारी बारिश के चलते आई बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए इलाकों में से एक का आज दौरा करेंगे। बाढ़ में मरने वालों की संख्या 179 पर पहुंच गई है और हजारों विस्थापित अब भी शिविरों में फंसे हुए हैं। स्थिति बिगड़ती हुई देख आबे ने इस हफ्ते नियोजित अपनी विदेश यात्रा रद्द कर दी। वह बाढ़ से उजड़ गए ओकायाम इलाके का दौरा कर वहां हुए नुकसान का आंखों देखा हाल जानेंगे। खबरों के मुताबिक बड़ी संख्या में लोग अब भी लापता हैं। जापान में पिछले तीन दशकों में मौसम के कारण आई इस सबसे बड़ी आपदा में मृतकों की संख्या और बढ़ने का अंदेशा जताया जा रहा है। (थाईलैंड: 12 बच्चों के रेस्क्यू ऑपरेशन में इस भारतीय कंपनी ने की थी मदद )

बचाव कर्मी अब भी लोगों की तलाश में जुटे हुए हैं लेकिन धीरे - धीरे किसी के भी जीवित बचे होने की उम्मीदें धुंधली पड़ती जा रही हैं। आबे माबी जिले में हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए जाएंगे और विस्थापितों एवं स्थानीय अधिकारियों की जरूरतों पर चर्चा करने के लिए उनसे मुलाकात करेंगे। स्थानीय मीडिया ने बताया कि मध्य एवं पश्चिमी जापान के बड़े हिस्सों में करीब 10,000 लोग अब भी शिविरों में मौजूद हैं। इनमें से कुछ लोग ओकायामा के कुराशिकी प्रांत के एक स्कूल में भी फंसे हुए हैं। करीब 300 लोगों ने ओकादा एलिमेंट्री स्कूल में रात बिताई जिनमें से कई स्कूल के जिम में बिछी चटाइयों पर सोए। भीषण बाढ़ में घर , गाड़ियां , सामान , पेड़ सबकुछ बर्बाद हो गए। बाढ़ का कम होता हुआ पानी अब अपने पीछे बस बर्बादी का मंजर छोड़ रहा है।

वहीं बारिश भले ही कुछ कम हुई हो लेकिन बाढ़ की नई चेतावनी आज फिर भी जारी की गई है। हिरोशिमा के फुकुयामा प्रांत में लोगों को इलाका खाली करने का आदेश दिया गया है। आशंका जताई गई है कि छोटी सी झील के किनारे टूट सकते हैं। मंगलवार को इसी तरह का आदेश फुचु प्रांत में भी दिया गया था। आज एक अधिकारी ने बताया कि जोखिम भले ही कम है लेकिन सभी निवासियों से सावधान रहने की अपील की गई है। उन्होंने कहा कि पानी का स्तर कम होने की उम्मीद है लेकिन यह सुरक्षा की गारंटी बिलकुल भी नहीं है। आपदा में जीवितों और मृतकों की तलाश करने के लिए मलबा हटाने के काम पर 75,000 पुलिस कर्मियों , दमकल सदस्यों और सैन्य दस्तों को लगाया गया है।

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