Saturday, April 20, 2024
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ISIS ने लगाया महिलाओं और बच्चों का बाज़ार, खरीदने के लिए लगी बोलियां

हाल ही में ऐसी दिल दहला देने वाली घटना तब सुनने को मिली, जब इन आतंकियों द्वारा महिलाओं और बच्चों की तस्करी का मामला सामने आया...

India TV News Desk India TV News Desk
Updated on: July 04, 2017 0:01 IST
woman trafficking- India TV Hindi
woman trafficking

नई दिल्ली: इराक में ISIS के बढ़ते आतंक के चलते आए दिन कोई न कोई नई घटना सुनने को मिलती है। हाल ही में ऐसी दिल दहला देने वाली घटना तब सुनने को मिली, जब इन आतंकियों द्वारा महिलाओं और बच्चों की तस्करी का मामला सामने आया। उत्तरी इराक में कुर्दिश सीमा के पास बसे छोटे से गांव लालिश में इन दिनों एक अजीब सा सन्नाटा छाया हुआ है, जिसकी वजह कोई और नहीं बल्कि ISIS ही है।  (जब ट्रंप ने की CNN की धुलाई, वायरल हुआ VIDEO)

लालिश नाम के इस गांव को हमेशा से ही बेहद पवित्र माना जाता रहा है, इतना कि यहां के निवासी चप्पल भी नहीं पहनते। सभी लोग आस -पास भी नंगे पैर ही जाया करतें हैं। इस गांव की अहमियत इराक में रहने वाले यजिद समुदाय के अल्पसंख्यक लोगों के लिए बेहद अहम है। वहां के लोग गांव के ही एक तालाब को काफी पवित्र माना करते हैं, उनका मानना है कि चाहे किसी का जन्म हो या फिर शादी या किसी की मौत, जबतक इस गांव की मिट्टी के साथ तालाब का पानी मिलाकर रस्म नहीं निभाई जाएगी, तब तक कोई भी काम पूरा नहीं होगा। सालों से चली आ रही इन रस्मों से चहल पहल रहने वाले इस गांव में अब छाए सन्नाटे की वजह भी ISIS ही है। 

अब इस गांव में अक्सर ISIS के चंगुल से बची लड़कियां और औरतें देखने को मिलती हैं, ऐसे में 'द गार्डियन' नामक अखबार द्वारा छापी गई एक खबर से यह सामने आया है कि किस प्रकार यजिद महिलाएं खुद को वापस पवित्र करने की उम्मीद में यहां आकर इस तालाब के जल से अपना चेहरा और सिर धोतीं है। वह मानती हैं कि एेसा करने से वह दोबारा अपने धर्म में शामिल हो जाएंगी।  (खाड़ी देशों ने कहा, कतर को मांगे पूरी करने के हमने लिए 48 घंटे और दिए)

इस यजिद महिला ने बताई अपनी दर्द भरी दास्तान

ISIS द्वारा चलाए जा रहे इस सेक्स रैकेट में फंसी एक यजिद महिला नूर बतातीं हैं कि उन्हें भी इस बाजार में जबरदस्ती ले जाया गया था, जब ISIS के आतंकियों ने उन्हें पकड़ा था तब वह दो बच्चियों की मां थी। जिनमें से एक 3 तो एक 4 साल की थी और साथ ही वह उस समय गर्भवती भी थी। नूर और उनकी बेटियां करीब 15 साल तक ISIS के कब्ज़े में थी, जिसके बीच उन्हें 7 बार खरीदा व बेचा गया। इतनी मुश्किलें सहने के बाद भी नूर कहतीं हैं कि उनके साथ जो कुछ भी हुआ, उससे कहीं ज़्यादा बदतर सलूक अन्य महिलाओं के साथ हुआ है। ISIS के इन आतंकियों का मानना है कि अगर वह गैर-मुस्लिम महिलाओं के साथ रेप करते हैं तो इससे वह अपने खुदा की इबादत कर रहे हैं। ISIS ने इसी तरह अपने कब्ज़े में किए हुए कई इलाकों में ऐसे बाज़ार लगाएं हैं जहां इन महिलाओं और बच्चों की नीलामी की जाती है। यहां तक की इन आतंकियो द्वारा यह काम आॉनलाइन भी किया जाने लगा है। (अपनी इज्राइल यात्रा के दौरान इन मुद्दों पर चर्चा करेंगे नरेंद्र मोदी)

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