Wednesday, April 24, 2024
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31 जनवरी के बाद होगी ‘ऑनलाइन फ्रेंड’ से मिलने पाकिस्तान पहुंचे भारतीय शख्स की रिहाई!

पाकिस्तानी जेल में बंद भारतीय नागरिक हामिद नेहाल अंसारी की रिहाई नहीं हो पाई है क्योंकि अधिकारियों ने एक सैन्य अदालत द्वारा उसकी दोषसिद्धि के रिकॉर्ड और पेशावर में एक शीर्ष अदालत में जेल वॉरंट जमा नहीं कराए हैं...

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: January 25, 2018 21:37 IST
Representational Image | PTI Photo- India TV Hindi
Representational Image | PTI Photo

पेशावर: पाकिस्तानी जेल में बंद भारतीय नागरिक हामिद नेहाल अंसारी की रिहाई नहीं हो पाई है क्योंकि अधिकारियों ने एक सैन्य अदालत द्वारा उसकी दोषसिद्धि के रिकॉर्ड और पेशावर में एक शीर्ष अदालत में जेल वॉरंट जमा नहीं कराए हैं। अब उसकी रिहाई 31 जनवरी के बाद ही हो पाएगी। मुम्बई निवासी अंसारी को वर्ष 2012 में कथित रूप से अपनी ऑनलाइन दोस्त एक लड़की से मिलने अफगानिस्तान से अवैध रूप से पाकिस्तान में घुसने पर गिरफ्तार कर लिया गया था। एक सैन्य अदालत ने इस मामले की सुनवाई करते हुए उसे 3 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी।

नवंबर 2017 में उसने पेशावर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी और आग्रह किया था कि उसके साथ एक ‘जासूस’ के रूप में व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि वह ‘राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों’ में शामिल नहीं रहा। इस महीने की शुरूआत में नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि हालांकि भारत ने अंसारी को राजनयिक मदद उपलब्ध कराए जाने की मांग की थी। पाकिस्तान ने अभी यह उपलब्ध नहीं कराई है। मामले की सुनवाई फिर से शुरू करते हुए पेशावर हाइकोर्ट की 2 जजों वाली एक पीठ ने प्रतिवादियों को अंसारी का दोषसिद्धि आदेश पेश करने के साथ-साथ उनके जेल वॉरंट की विस्तृत जानकारियां उपलब्ध कराने के लिए कहा था।

‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की एक रिपोर्ट के अनुसार हालांकि प्रतिवादियों ने अंसारी की दोषसिद्धि के रिकॉर्ड और उसके जेल वॉरंट को नहीं सौंपा है। यह रिकॉर्ड गुरुवार को सौंपने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद कोर्ट ने अधिकारियों को 31 जनवरी तक रिकॉर्ड पेश करने के निर्देश दिए और मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। अंसारी का कानूनी संकट ऐसे समय सामने आया जब भारत ने कथित जासूसी के लिए भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत द्वारा दी गई मौत की सजा को अंतर्राष्ट्रीय अदालत में कानूनी तरीके से चुनौती दी है।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार अंसारी के मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बताया था कि सुरक्षा एजेंसियों ने उसके (अंसारी के) पास से पाकिस्तान के संवेदनशील स्थानों की कुछ फोटोग्राफ बरामद की थी। रिपोर्ट के अनुसार हालांकि अधिकारी उनके दावे के समर्थन में कोई विस्तृत जानकारी नहीं उपलब्ध करा सके। अंसारी के वकील काजी मोहम्मद अनवर ने अदालत में दलील दी कि भारतीय नागरिक से सुरक्षा बलों ने पूछताछ की। उसे पाकिस्तान में अवैध रूप से घुसने के लिए 3 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। पाकिस्तान को उसके खिलाफ जासूसी के कोई सबूत नहीं मिले हैं।

अनवर ने कहा, ‘कानून के तहत वह अपनी 3 वर्ष की सजा पहले ही पूरी कर चुका है और वह वर्ष 2012 से पाकिस्तान की जेल में है और अब उसे रिहा किया जाना चाहिए।’ उन्होंने अदालत को बताया, ‘अंसारी एक जासूस नहीं है। सैन्य अदालत ने सुनवाई करके उसे 3 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी जो कि पहले ही पूरी हो चुकी है।’ उल्लेखनीय है कि अंसारी को वर्ष 2012 में सुरक्षा एजेंसियों ने कोहाट के एक होटल से कथित रूप से एक फर्जी आईडी के साथ गिरफ्तार किया था। अंसारी की याचिका के अनुसार वह एक लडकी से मिलने पाकिस्तान आया था जो सोशल मीडिया पर उसकी दोस्त बनी थी।

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