Friday, April 19, 2024
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सिंधु के जल को रोकना युद्ध जैसा कार्य होगा: पाकिस्तान

पाकिस्तान ने मंगलवार को कहा कि भारत 56 साल पुराने सिंधु जल संधि को एकतरफा रद्द नहीं कर सकता। भारत द्वारा पाकिस्तान के हिस्से के पानी को रोकने के किसी प्रयास को एक युद्ध के कार्य के रूप में देखा जाएगा।

IANS IANS
Published on: September 28, 2016 7:38 IST
Sartaj Aziz- India TV Hindi
Sartaj Aziz

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने मंगलवार को कहा कि भारत 56 साल पुराने सिंधु जल संधि को एकतरफा रद्द नहीं कर सकता। भारत द्वारा पाकिस्तान के हिस्से के पानी को रोकने के किसी प्रयास को एक युद्ध के कार्य के रूप में देखा जाएगा। प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने मंगलवार को नेशनल असेंबली में कहा कि भारत यदि संधि का उल्लंघन करता है तो पाकिस्तान न्याय के लिए अंतर्राष्ट्रीय अदालत में जाएगा।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, भारत की 'आक्रामकता' को किसी रूप में स्वीकार नहीं करेगा और यदि भारत, पाकिस्तान के पानी को रोकता है तो चीन भी भारत के पानी को रोकने की वजह को सही ठहरा सकेगा। अजीज ने कहा कि पाकिस्तान के कूटनीतिक हमले की वजह से भारत जम्मू एवं कश्मीर में 'मानवाधिकार उल्लंघन' के मामले में 'दबाव' महसूस कर रहा है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने भारत का 'पर्दाफाश' करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार एक व्यापक दस्तावेज भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव और 'बलूचिस्तान में भारतीय हस्तक्षेप' पर तैयार कर रही है। अजीज ने कहा कि सिंधु जल संधि के तहत एकतरफा बाहर होने या निरसन का कोई प्रावधान नहीं है। किसी भी पक्ष द्वारा संधि का उल्लंघन करने पर उसकी भूमिका परिभाषित है।

अजीज का यह बयान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिंधु जल संधि के प्रावधानों पर पुनर्विचार करने के फैसले के बाद आया है। मोदी ने कहा था कि 'पानी और खून का प्रवाह एक साथ नहीं हो सकता।' भारत का यह रुख 18 सितम्बर को उड़ी के सेना शिविर पर हुए आतंकी हमले के बाद आया है जिसमें सेना के 18 जवान शहीद हो गए। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को जिम्मेदार ठहराया था। मोदी ने इस हमले के बाद कहा था कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।

पाकिस्तान के पूर्व सिंधु जल आयुक्त जमात अली शाह ने सोमवार को भारत की जल रोकने की धमकी की निंदा की थी।

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