Friday, April 19, 2024
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श्रीलंका में संसद को भंग करने का कदम सुप्रीम कोर्ट ने बताया ‘असंवैधानिक’

श्रीलंका सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को दिये एक निर्णय में राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना द्वारा संसद को भंग करने के कदम को असंवैधानिक ठहराया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 13, 2018 18:26 IST
File Photo- India TV Hindi
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कोलंबो: श्रीलंका सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को दिये एक निर्णय में राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना द्वारा संसद को भंग करने के कदम को असंवैधानिक ठहराया है। मीडिया में आयी खबर से यह जानकारी मिली है। आनलाइन समाचारपत्र कोलंबो गजट के अनुसार सात सदस्यों वाली खंडपीठ ने कहा कि राष्ट्रपति संसद को तब तक भंग नहीं कर सकते जब तक संसद का साढ़े चार साल का कार्यकाल पूरा नहीं हो जाता। 

सिरिसेना ने 26 अक्ट्रबर को एक विवादित कदम उठाते हुय प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को पद से बर्खास्त करके पूर्व राष्ट्रपति महिंद राजपक्षे को इसी पद पर नियुक्त कर दिया था। इतना ही नहीं उन्होंने संसद को भंग करके अगले आम चुनाव पांच जनवरी को करवाने का ऐलान कर दिया था। सिरिसेना ने यह कदम तब उठाया जब उन्हें यह लगा कि 225 सदस्यों वाली संसद में राजपक्षे 113 सांसदों का समर्थन हासिल नहीं कर पायेंगे और विक्रमसिंघे का पक्ष मजबूत बना रहेगा। 

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई के लिए 13 याचिकाएं दायर की गईं। संसद का कार्यकाल पूरा होने में करीब 20 महीनों का समय शेष है। सुप्रीम कोर्ट ने गत 13 नवम्बर को एक अंतरिम आदेश जारी करके सिरिसेना के गजट अधिसूचना को अस्थाई तौर पर अवैध घोषित करके आम चुनाव की तैयारियों पर विराम लगा दिया था। 

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