Friday, April 26, 2024
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श्रीलंका के पीएम राजपक्षे इस्तीफा देंगे, सुप्रीम कोर्ट ने काम करने से रोकने वाला आदेश बरकरार रखा

श्रीलंका के उच्चतम न्यायालय ने अगले महीने पूरी तरह सुनवाई करने तक महिंदा राजपक्षे के प्रधानमंत्री पद पर बने रहने पर एक अन्य अदालत की रोक पर शुक्रवार को स्थगन लगाने से इनकार कर दिया।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 14, 2018 23:14 IST
Mahinda Rajapaksa- India TV Hindi
Mahinda Rajapaksa

कोलंबो: श्रीलंका के उच्चतम न्यायालय ने अगले महीने पूरी तरह सुनवाई करने तक महिंदा राजपक्षे के प्रधानमंत्री पद पर बने रहने पर एक अन्य अदालत की रोक पर शुक्रवार को स्थगन लगाने से इनकार कर दिया। इस नवीनतम फैसले से महज एक दिन पहले उच्चतम न्ययालय ने सर्वसम्मति वाले फैसले में कहा था कि राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना द्वारा संसद को भंग किया जाना अवैध है। शीर्ष अदालत की यह घोषणा मुश्किल में घिरे सिरिसेना के लिए एक बड़ा झटका है जिनके विवादास्पद फैसलों से देश अप्रत्याशित राजनीतिक संकट में फंस गया है। राजपक्षे शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।

राजपक्षे के बेटे नमाल ने ट्वीट किया, ‘‘देश में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे ने कल राष्ट्र को संबोधित करने के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है।’’ 

कोलंबो गजट ने खबर दी कि उच्चतम न्यायालय ने फैसला दिया कि राजपक्षे की प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्ति और उनके मंत्रिमंडल के अपने पद (अस्तित्व में) पर बने रहने के विरुद्ध अपीली अदालत का आदेश बरकरार रहेगा। राजपक्षे की अपील पर 16,17 और 18 जनवरी को सुनवाई होगी। शीर्ष अदालत ने सभी पक्षों को तीन सप्ताह के अंदर लिखित रूप से अपना पक्ष रखने को कहा। 

अपीली अदालत ने तीन दिसंबर को राजपक्षे और उनकी सरकार के खिलाफ नोटिस और अंतरिम आदेश जारी किया था तथा उन्हें प्रधानमंत्री, कैबिनेट और उप मंत्री के रूप में कार्य करने से रोक दिया था। राजपक्षे और उनकी सरकार के खिलाफ 122 सांसदों द्वारा दर्ज कराये गये मामले पर यह अदालती आदेश जारी किया गया था। 

राजपक्षे और कथित सरकार के सदस्यों ने उन्हें कामकाज से रोकने के अपील अदालत के आदेश के विरुद्ध (उच्चतम न्यायालय में) अपील की है। यूनाइटेड नेशनल फ्रंट ने कहा कि आदेश का मतलब राजपक्षे प्रधानमंत्री नहीं हो सकते अतएव पूर्व मंत्रिमंडल को बहाल किया जाए। फ्रंट के सांसद अजीत पेरेरा ने कहा कि राष्ट्रपति को अब रानिल विक्रमसिंघ को प्रधानमंत्री नियुक्त करना चाहिए। श्रीलंका 26 अक्टूबर से राजनीतिक संकट से गुजर रहा है जब राष्ट्रपति सिरिसेना ने एक विवादास्पद कदम के तहत विक्रमसिंघे को हटाकर राजपक्षे को प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया था। 

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