Wednesday, April 17, 2024
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सोशल मीडिया अकाउंट वाले अंधे हाथी के चलते केरल में मचा सियासी बवाल, जानिए पूरा मामला

केरल में इस हाथी के इतने जलवे हैं कि एक परेड में भाग लेने के लिए लोग लाखों खर्च कर डालते हैं। लेकिन अब हाथी की हालत दयनीय है और लोग भी फिर इसे परेड में लाना चाहते हैं। 

India TV Lifestyle Desk Edited by: India TV Lifestyle Desk
Published on: May 10, 2019 18:39 IST
elephant- India TV Hindi
Image Source : GOOGLE elephant

केरल में इन दिनों लगभग अंधे हो चुके एक बूढ़े हाथी की वजह से सियासी बवाल चल रहा है। इस हाथी का नाम तेचीक्कोत्तुकावु रामचंद्रन है और केरल में इसके लाखों फैन हैं।  इतना ही नहीं यह भारत में सबसे ऊंचा हाथी होने के साथ साथ सेलेब्रिटी जितना फेमस है और इसका जपदूदसोशल मीडिया अकाउंट भी है। मसला ये है कि थ्रिसूर के जिलाधिकारी ने रामचंद्रन पर 13 -14 मई को केरल में होने जा रहे पारंपरिक उत्सव त्रिशूर पूरम पर्व की परेड में भाग लेने से बैन लगा दिया है। बैन के चलते रामचंद्रन के फैंस में भारी निराशा है और वो इसे धार्मिक भावनाओं पर चोट मानकर इसका विरोध कर रहे हैं।

उधऱ जिलाधिकारी का तर्क है कि पिछले साल ऐसे ही एक पारंपिक उत्सव में भगदड़ के बाद महावत समेत कई लोगों को कुचल चुका रामचंद्रन बहुत बूढ़ा हो चुका है, उसकी एक आंख की रौशनी जा चुकी है और दूसरी आंख से भी कम दिखता है, ऐसे में मानवीयता दिखाते हुए उसे आराम करने दिया जाए। जिलाधिकारी का कहना है कि भीड़ भीड़, तेज रौशनी, तेज संगीत, पटाखे और भारी भरकम ज्वैलरी, नक्काशी वाले छाते पहनाने से हाथी उग्र हो जाता है और वो ऐसे में काफी खतरनाक हो जाता है। खुद रामचंद्रन भी इतना थका और बूढ़ा हो चुका है कि उसे अब इस शोर शराबे से दूर प्राकृतिक वातावरण में आराम करने का मौका दिया जाना चाहिए। 

दूसरी तरफ दक्षिणपंथी समुदाय इस फैसले के खिलाफ है, उसका कहना है कि सालों से ये स्टार हाथी पारंपरिक उत्सव की परेड में भाग लेता आ रहा है। लोग इसे देखने दूर दूर से आते हैं, ये पूजा और परंपरा का हिस्सा बन चुका है जिसे रोकना सही नहीं होगा।

1982 में इस हाथी को बिहार से केरल लाया गया था। दो साल बाद इसे एक मंदिर को दान कर दिया गया और मंदिर बोर्ड ने हाथी को रामचंद्रन नाम दिया। तबसे मंदिर बोर्ड ही रामचंद्रन की देख रेख कर रहा है। कुछ साल पहले प्रशिक्षण के दौरान एक महावत की क्रूरता के चलते रामचंद्रन की एक आंख की रोशनी चली गई और दूसरी से कम दिखने लगा। इसके बावजूद रामचंद्रन पूरे केरल में मंदिरों में होने वाले समारोहों में स्टार बना रहता है। 

2013 में रामचंद्रन की डिमांड इतनी थी कि इसकी एक दिन की परेड के लिए एक मंदिर ने 2.5 लाख रुपए का भुगतान किया था। लोग दूर दूर से 10.5 फुट ऊंचे इस हाथी की परेड देखने आते हैं। जब सज धज कर यह हाथी मदमस्त सड़को पर निकलता है तो भीड़ उत्साहित हो जाती है।

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