रूस से 2 वर्षों से युद्ध लड़ रहे यूक्रेन के पास अब हथियार और गोला-बारूद की भयंकर कमी हो गई है। अब उसे कोई आगे सहायता देने को तैयार नहीं है। ऐसे बुरे वक्त में फ्रांस ने एक बार फिर जेलेंस्की को मदद देने का ऐलान किया है। फ्रांस के राष्ट्रपति ने यूक्रेन को मिसाइल और बमों की आपूर्ति करने का ऐलान किया है।
डीआरडीओ एक के बाद एक नए परीक्षण कर रहा है। इस बार डीआरडीओ द्वारा विकसित स्वदेशी आकाश हथियार प्रणाली का इस्तेमाल भारतीय वायुसेना ने किया है। इस परीक्षण में आकाश मिसाइल ने एक साथ 4 लक्ष्यों को हवा में नष्ट कर दिया।
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने इजरायल को हराने का संकल्प ले लिया है। दक्षिण कोरिया की खुफिया रिपोर्ट के अनुसार वह फिलिस्तीन के सपोर्ट में हैं और उन्होंने अपने अधिकारियों को फिलिस्तीनियों की हर मदद करने का ऐलान किया है। वह हमास जैसे संगठनों को भी हथियार उपलब्ध करा सकते हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रूसी संसद के निचले सदन ने परमाणु परीक्षण को रोकने वाली संधि के अनुमोदन को रद्द करने वाले विधेयक को अंतिम मंजूरी दे दी है। अब यह उच्च सदन में जाएगा। पुतिन पहले ही इसका ऐलान कर चुके हैं। लिहाजा विधेयक वहां से भी पास होना तय है। रूस के इस कदम से यूक्रेन पर परमाणु हमले का खतरा बढ़ गया है।
मणिपुर में तम प्रयासों के बाद भी हिंसा नहीं रुक रही है। दोनों पक्षों के बीच में मतभेद बढ़ते ही जा रहे हैं। राज्य में अब आम लोगों के साथ-साथ अब सेना के जवानों की भी हत्याएं हो रही हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध में अब इजराइल भी कूद गया है। यूक्रेन में नरसंहार को रोकने के लिए इजराइल ने राष्ट्रपति जेलेंस्की को अत्याधुनिक और स्पेशल सिविल डिफेंस मिसाइल सिस्टम देने का ऐलान किया है। ताकि यूक्रेन युद्ध में रूसी मिसाइलों और रॉकेट हमलों में मारे जा रहे आम नागरिकों की जान बचाई जा सके।
अमेरिका युद्ध के आरंभ से ही यूक्रेन पर मेहरबान रहा है। अब तक यूक्रेन को सैकड़ों करोड़ डॉलर की सहायता दे चुका है। एक बार फिर यूक्रेन पर रूसी हमलों के बीच अमेरिका यूक्रेन को करीब 30 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त सैन्य सहायता भेज रहा है, जिसमें भारी मात्रा में सबसे खतरनाक माने जाने वाले रॉकेट और गोला-बारूद शामिल हैं।
विशेष प्रकार का मानव रहित विमान मिलने से भारतीय सेना की ताकत कई गुना बढ़ने वाली है।. इस मानव रहित हवाई यान (यूएवी) का नाम 'नागास्त्र' है, जो कि भारतीय सेना के लिए किसी "ब्रह्मास्त्र" से कम नहीं होगा। खास बात यह है कि नागपुर की एक भारतीय कंपनी को ही इसकी आपूर्ति करने का ठेका मिला है।
प्रयागराज में अतीक और अशरफ की जिस जिगाना पिस्टल से गोली मारकर हत्या की गई, उसका इस्तेमाल पहले भी गैंगवार में हो चुका है।
यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस को हथियारों की सप्लाई करने की अमेरिकी और यूरोपीय चिंताओं के बाद चीन का बड़ा बयान सामने आया है। चीन ने भरोसा दिलाया है कि वह रूस या यूक्रेन किसी भी पक्ष को हथियारों की सप्लाई नहीं करेगा। चीन का यह बयान विशेष रूप से अमेरिका और फ्रांस द्वारा दबाव बनाए जाने के बाद सामने आया है।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री निसिथ प्रमाणिक ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सीसीटीवी या पीटीजेड कैमरों से युक्त एकीकृत निगरानी प्रौद्योगिकी तथा कमांड एवं कंट्रोल प्रणाली के साथ आईआर सेंसर्स और इन्फ्रारेड अलार्म भी स्थापित किए गए हैं।
‘सिपरी’ से जुड़े वरिष्ठ अध्ययनकर्ता पीटर वेजेमेन ने कहा कि एक तरफ जहां पिछले साल हथियारों के आयात में गिरावट दर्ज की गई, वहीं रूस से बढ़ते तनाव के चलते यूरोपीय देशों में हथियार खरीद में तेजी देखी गई।
अभी तक अमेरिका और चीन में एक दूसरे को चेतावनी देने का दौर जारी था। दोनों देशों में ताइवान से लेकर जासूसी गुब्बारे समेत कई अन्य मसलों पर तनाव बना हुआ है। इस बीच जर्मनी ने पहली बार ड्रैगन को कड़ी चेतावनी दी है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन की सेना को चीन द्वारा हथियार भेजे जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। सबसे पहले अमेरिका ने इस बात का खुलासा किया था कि चीन रूस को चोरी छुपे हथियार भेज रहा है, जिसका इस्तेमाल वह यूक्रेन के खिलाफ कर रहा है। इसके लिए अमेरिका ने चीन को चेतावनी भी दी थी।
Russia_Ukraine War: पिछले 11 महीनों से युद्ध लड़ते-लड़ते यूक्रेन हथियार विहीन हो चुका है। हाल ही में अमेरिका ने उसे 2.5 अरब डॉलर के स्ट्राइकर समेत अन्य अत्याधुनिक हथियार दिए हैं, लेकिन इनमें लड़ाई में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले टैंक नहीं हैं। जर्मनी भी अभी तक यूक्रेन को तेंदुआ टैंक की सप्लाई नहीं कर पाया है।
Italy support to Ukraine in war against Russia:रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन का समर्थन करना इटली को भारी पड़ सकता है। इटली अपने देश के ही लोगों के व्यापक विरोध के बावजूद यूक्रेन का साथ दे रहा है। इससे लोग अब सड़क पर उतर आए हैं।
India Russian Weapons: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत के पास सोवियत काल के रूस के हथियार ज्यादा हैं और इसके पीछे कई कारण हैं। उन्होंने इस दौरान बताया कि पश्चिमी देशों ने सैन्य तानाशाह को क्षेत्र में चुना था।
भारत और फ्रांस दोनों देश पुराने रक्षा साझेदार हैं। अब मेक इन इंडिया का फ्रांस भी हिस्सा बनकर भारत का सहयोग करने को इच्छुक है।
किसी भी देश के लिए उसके हथियार और उन्हें रखने वाली जगहें बेहद संवेदनशील और खुफिया होती हैं। इनकी जानकारी ज्यादातर टॉप लेवल के लोगों को ही होती है। लेकिन चीन और पाकिस्तान के हथियारों का जखीरा कहां रखा है अब इसकी पूरी जानकारी दुनिया को मिल चुकी है।
Pakistan Stand with Ukraine: मौकापरस्त, चालबाच और पैंतरेबाज पाकिस्तान ने रूस-यूक्रेन जंग में अपने गिरगिट रूप में आ गया है। उसने रूस के खिलाफ इस युद्ध में ऐसी एंट्री मारी है कि दुनिया हैरान रह गई है। कभी यूक्रेन पर पुतिन के वार को सही ठहराने वाला पाकिस्तान अब रूस के खिलाफ ही खड़ा हो गया है।
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