भारत और जापान के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी का गहरी समझ है। दोनों देशों के बीच दोस्ती का एक लंबा इतिहास है। भारतीय नौसेना का P81 विमान एंटी सबमरीन वारफेयर एक्सरसाइज और जापान पहुंच गया है।
इजरायल-हमास युद्ध के बाद से ही अदन की खाड़ी से लेकर लाल सागर में हूती विद्रोही लगातार वाणिज्यिक जहाजों पर हमले कर रहे हैं। अब तक दर्जनों जहाजों पर मिसाइल और ड्रोन हमले हो चुके हैं। बुधवार को भी बारबडोस का झंडा लगे एक जहाज पर मिसाइल हमला हो गया। इसके बाद भारतीय नौसेना संकटमोचक बनकर मौके पर पहुंच गई।
यमन के हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में एक कारोबारी जहाज पर मिसाइल से हमला कर दिया है। इजराइल और हमास की गाजा में जंग के बाद यह पहला मौका है जब हूती विद्रोहियों के हमले में जानें गई हैं।
हूती विद्रोही लगातार हमलावर हैं। वे कारोबारी जहाजों को निशाना बना रहे हैं, साथ ही अमेरिकी विध्वंसक जहाजों पर भी हमले करने से बाज नहीं आ रहे हैं। ताजा मामले में हूतियों ने अमेरिकी जंगी जहाजों पर ड्रोन अटैक किया है।
चीन ने ताइवान के नए राष्ट्रपति के मई में कार्यभार संभालने से पहले ताइपे पर भारी दबाव बनाना शुरू कर दिया है। ताइवान जलडमरूमध्य के पास चीन ने अपने फाइटर प्लेन और युद्धक पोत की तैनाती कर दी है। साथ ही तटरक्षकों की गश्त को भी बढ़ा दिया है। इससे ताइवान परेशान है।
" चीन की इस गतिविधि से पहले 14 फरवरी को यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड के प्रमुख के लिए अमेरिकी नामित एडमिरल सैमुअल पापारो ने चेतावनी दी थी कि चीन जल्द ही ताइवान पर आक्रमण को छिपाने के लिए सैन्य अभ्यास का उपयोग करने की क्षमता हासिल कर सकता है।
नौसेना की एक विस्फोटक आयुध निपटान टीम पोत पर गई और उसे संभावित जोखिम से बचाया। इसके बाद पोत को आगे की यात्रा की मंजूरी दी गई।
यूक्रेन की सेना ने काला सागर में रूस के एक युद्धपोत को ड्रोन हमले में समुद्र में डुबोने का दावा किया है। यूक्रेन ने दावे में कहा कि उसने रूसी पोत पर हमला करके उसे समुद्र में डुबो दिया है। वहीं रूसी जांच कर्ताओं ने दावा किया था कि यूक्रेन ने अमेरिका निर्मित 2 पैट्रियट मिसाइलों द्वारा पोत को मार गिराया था।
चीन और ताइवान के बीच तनातनी जारी है। इसी बीच ताइवान ने एक बार फिर बड़ा दावा किया है कि ताइवान के आसपास चीन के 7 फाइटर जेट और 4 नौसैनिक जहाज मंडराते देखे गए। यही नहीं, चीनी जासूसी गुब्बारा भी देखा गया, हालांकि बाद में वो गायब हो गया। इससे चीन की आक्रामता का पता चलता है।
हूती विद्रोहियों पर अमेरिका और ब्रिटेन ने मिलकर जोरदार हमले किए हैं। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी बड़ी चेतावनी दे डाली है कि हूती नहीं माने तो और हमलों में संकोच नहीं करेंगे। इस पर हूतियों ने भी जवाबी हमले किए हैं और कहा है कि परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहो।
भारत के साथ दोस्ती दिखाते हुए ब्रिटेन हिंद महासागर में अपने युद्धपोत भेजकर तैनात करेगा। इससे चीन की टेंशन बढ़ने वाली है। ब्रिटेन ने यह खुलासा भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की ब्रिटेन यात्रा के दौरान किया है।
भारत द्वारा उसके पड़ोस में चीनी रिसर्च जहाजों के रुकने पर चिंता जताए जाने के बीच श्रीलंका ने ऐसे जहाजों के प्रवेश पर एक साल के लिए रोक लगाने की घोषणा की है।
इजरायल-हमास युद्ध के दौरान गाजा में हो रही आइडीएफ की सैन्य कार्रवाई से खफा हूतियों ने लाल सागर में ताबड़तोड़ हवाई हमले करना जारी रखा है। 19 दिसंबर से अब तक 15 दिनों में हूतियों ने 23 हमलों को अंजाम दिया है। ऐसे में अमेरिका समेत 12 देशों ने हूतियों को हमले बंद नहीं करने पर सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी है।
भारतीय नौसेना ने लाल सागर में हूती विद्रोहियों के हमले को नाकाम करने के लिए पूरी तैयारी से उतर चुकी है। भारतीय नौसेना ने किसी भी देश के वाणिज्यिक वाहन को लाल सागर में अपने क्षेत्र में सुरक्षा मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। लिहाजा नौसेना ने हमलावरों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है। भारतीय युद्धपोत तैनात कर दिया है।
लाला सागर में जिस एमवी साईबाबा जहाज पर हमला हुआ है, उसके भारतीय ध्वजवाहक होने के दावे को अधिकारियों ने खारिज कर दिया है। पीटीआइ की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय अधिकारियों के अनुसार एमवी साईबाबा गैबन-ध्वजवाहक पोत है। अमेरिका ने इसके भारतीय होने का दावा किया था।
भारतीय नौसेना ने अदन की खाड़ी में माल्टा के जहाज के अपहरण के प्रयासों के बाद बड़ा कदम उठाया है। अपनी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारी को निभाते हुए भारत ने विभिन्न देशों के जहाजों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए अदन की खाड़ी में अपना दूसरा मिसाइल विध्वंसक तैनात कर दिया है। भारत के इस कदम से दुश्मनों के घर खलबली है।
इजरायल-हमास युद्ध के बीच लाल सागर में यमन के हमलों ने तीसरे विश्वयुद्ध की चिंगारी भड़का दी है। अमेरिका, फ्रांस और जापान जैसे देश अब आतंकी हमलों का जवाब देने के लिए अपने युद्धपोतों को जवाबी कार्रवाई के लिए एक्टिव कर चुके हैं। इससे लाल सागर में उथल-पुथल मच गई है। भारत हर हालात पर निगरानी रख रहा है।
लाल सागर में भारत से जा रहा एक पोत मिसाइल हमले में बाल-बाल बच गया है। दो अन्य टैंकर भी हमले में बच गए। यह मिसाइलें यमन क्षेत्र की ओर से दागी गईं। आशंका है कि यमन ने यह हमला किया है। इसके पहले भी यमन लालसागर में ही एक अमेरिकी युद्धपोत को हाल ही में निशाना बना चुका है।
इजरायल-हमास युद्ध के बीच लाल सागर जंग का नया अड्डा बन गया है। हमास के समर्थन में यमन की ओर से लगातार लालसागर में मौजूद अमेरिकी और अन्य देशों के युद्धपोत को निशाना बनाया जा रहा है। इस बार फ्रांस के युद्धपोत पर ड्रोन हमला किया गया है। फ्रांस के अधिकारियों ने बताया हमलावर ड्रोन यमन की ओर से आते देखा गया।
इजरायल-हमास युद्ध के बीच लाल सागर से इस वक्त सबसे बड़ी खबर है। अज्ञात हमलावरों ने लालसागर में अमेरिकी युद्धपोत को निशाना बनाया है। यह हमला ड्रोन से किया गया है, जिसमें कई अन्य वाणिज्यिक जहाज भी हमले कि शिकार हुए हैं। घटना ने पेंटागन में सनसनी फैला दी है।
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