क्लीयर टैक्स के संस्थापक और सीईओ अर्चित गुप्ता यहां ऐसे पांच कारण बता रहे हैं कि आपको टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड (ईएलएसएस) में निवेश करने पर विचार क्यों करना चाहिए।
भारत के लोग अभी भी टैक्स बचाने और निवेश के लिए बीमा खरीदते हैं, हालांकि अब धीरे-धीरे लोगों में जागरूकता आ रही है वे मानने लगे हैं कि बीमा का मतलब सुरक्षा होता है।
सही ईएलएसएस का चयन करना महत्वपूर्ण है और इसके लिए सही रास्ता यह है कि आपको एक वित्तीय सलाहकार की मदद लेनी चाहिए।
इंडिया टीवी पैसा की टीम आपको बताने जा रही है टैक्स सेविंग के ऐसे ही 10 नायाब तरीके जो न सिर्फ आपका टैक्स बचाएंगे वहीं बचत भी करेंगे।
आपको यह जानकार हैरानी होगी कि आप सिर्फ सेविंग या इन्वेस्टमेंट ही नहीं बल्कि खर्च के जरिए भी इनकम टैक्स में बचत कर सकते हैं। आइए, जानते हैं कि खर्च के जरिए इनकम टैक्स बचाने के क्या तरीके हैं।
31 मार्च यानि कि मौजूदा वित्त वर्ष का अंत करीब आने वाला है। इस समय ज्यादातर वेतन भोगी टैक्स सेविंग के लिए निवेश की जल्दबाजी में होंगे। अक्सर लोग जीवन बीमा या फिर बैंक एफडी जैसे पुराने टैक्स सेविंग विकल्पों में निवेश करते हैं जो कि मौजूदा जरूरत
आज हम आपको बताएंगे कि ELSS की श्रेणी में वे कौन से पांच टैक्स सेविंग फंड हैं जिन्होंने 3 और पांच साल में अपनी ही श्रेणी के अन्य फंडों के तुलना में सबसे अधिक रिटर्न दिया है।
टैक्स बचाने के इस सीजन में आपके लिए यह जानना जरूरी है कि आप HRA पर कितना टैक्स बचा सकते हैं। आइए, हम वेतन के अनुसार बताते हैं कि आप HRA के तौर पर अधिकतम कितने डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं।
आईसीआईसीआई बैंक ने ग्राहकों के लिये पीपीएफ खाता खोलने की ऑनलाइन सेवा शुरू की है। अब ग्राहक बैंक की वेबसाइट पर जाकर सीधे अपना पीपीएफ खाता खोल सकते हैं।
इनकम टैक्स रिटर्न भरने में करदाताओं की मदद के लिए इनकम टैक्स विभाग ने मोबाइल एेप आयकर सेतु लॉन्च किया है। इस की मदद से आसानी से रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
फॉर्म 26AS वेतनभोगी कर्मचारियों के इनकम टैक्स दाखिल करने के मामले में उतना ही महत्वपूर्ण होता है। आइए, जानते हैं कि ये फॉर्म 26AS आखिर है क्या।
अगर आप इनकम टैक्स देने से बचने के लिए मकान के किराए की नकली रसीद देते हैं तो आप मुसीबत में फंस सकते हैं।
इनकम टैक्स बचाने के साथ-साथ आप 40 फीसदी तक का सालाना रिटर्न पा सकते हैं। टैक्स सेविंग के लिए ELSS चुन कर आप दोहरा लाभ उठा सकते हैं। लॉक-इन अवधि भी 3 साल है।
अगर आप टैक्स बचाने के लिए लाइफ इंश्योरेंस के किसी एंडोमेंट या मनी बैक प्लान में निवेश करने की सोच रहे हैं तो उसकी जगह Tax Saving Bank FD का चयन करें।
टैक्स बचाने के इस सीजन में यह जानना जरूरी है कि आप HRA पर कितना टैक्स बचा सकते हैं। आइए, हम बताते हैं कि HRA के तौर पर अधिकतम कितना डिडक्शन पा सकते हैं।
सुरक्षित होने के साथ-साथ PPF 8.1% वार्षिक ब्याज देता है जो साल दर साल जुड़ता जाता है। धारा 80सी के तहत यह इनकम टैक्स में कटौती का लाभ भी देता है।
एजुकेशन लोन न केवल पढ़ाई के लिए पैसों की कमी को पूरा करता है बल्कि इसके ब्याज के भुगतान पर इनकम टैक्स में कटौती का लाभ भी मिलता है।
हम आपको कुछ ऐसे खर्च के बारे में बताने जा रहे हैं जो इनकम टैक्स सेविंग में मददगार हैं। ऐसे खर्च आप जाने-अनजाने करते भी हैं।
हर व्यक्ति यही चाहता है कि उसे कम से कम टैक्स देना पड़े। आप सिर्फ सेविंग या इन्वेस्टमेंट ही नहीं बल्कि खर्च के जरिए भी इनकम टैक्स में बचत कर सकते हैं।
बुद्धिमानी से निवेश करते हुए 7.5 लाख तक की सालाना कमाई पर आप इनकम टैक्स बचा सकते हैं। इसके लिए आपको इंवेस्टमेंट के कुछ विकल्पों का ऐसे इस्तेमाल करना है।
NPS स्कीम में अगर आप 25 साल की उम्र से प्रति माह 2,000 रुपए जमा करते हैं और औसत रिटर्न 12 फीसदी मिले तो रिटायरमेंट के समय आप करीब 1.22 रुपए जमा कर सकते हैं।
वैसे तो धारा 80सी के तहत बचत और निवेश के विकल्पों की भरमार है लेकिन ELSS लाॅन्ग टर्म रिटर्न और लॉक इन अवधि के नजरिए से अन्य विकल्पों से बेहतर है।
यह साल टैक्स बेनेफिट्स, सस्ते होम लोन, प्रॉपर्टी की स्थिर कीमतें, अफोर्डेबल सेगमेंट में नए लॉन्च और आकर्षक पेमेंट स्कीम की वजह से खरीदारों के लिए बेहतर है।
लोग इनकम टैक्स सेविंग के लिए LIC या एफडी खरीद लेते हैं। दूसरे विकल्प भी मौजूद हैं जिनकी मदद से आप अपना टैक्स बचा सकते हैं।
यदि आप किराये के घर में रह रहे हैं और आपकी कंपनी आपको एचआरए दे रही है तो आप एक वित्त वर्ष में टैक्स छूट पाने के सबसे आसान तरीके के हकदार हैं।
पोस्ट ऑफिस की कई स्कीम्स हैं, जो आपको शॉर्ट टर्म से लेकर लॉन्ग टर्म में ठीक-ठाक लेकिन सिक्योर्ड रिटर्न और निवेश पर टैक्स में छूट देती हैं।
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