51.7 मीटर लंबे GSLV-F14 रॉकेट से लॉन्च किया गया INSAT-3DS वर्तमान में कार्यरत INSAT-3D और INSAT-3DR उपग्रहों के साथ-साथ मौसम संबंधी सेवाओं को बढ़ाएगा।
भारत के सबसे उन्नत मौसम सैटेलाइट INSAT-3DS के जरिए वैज्ञानिक मौसम संबंधी ज्यादा सटीक भविष्यवाणियां कर सकेंगे और यह तमाम दूसरे कामों के लिए भी धरती की निगरानी कर सकेगा।
ईरान के उपग्रह प्रक्षेपण पर अमेरिकी सेना और विदेश मंत्रालय ने टिप्पणी के अनुरोधों का तुरंत जवाब नहीं दिया। अमेरिकी सेना ने देश के अर्द्धसैनिक रिवोल्यूशनरी गार्ड द्वारा 20 जनवरी को किए गए सफल ईरानी उपग्रह प्रक्षेपण को दबे स्वर में स्वीकार किया है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अगले पांच साल में 50 ऐसे सैटेलाइट भेजेगा जो खुफिया जानकारियों को इकट्ठा करने में अहम साबित होंगे।
उत्तर कोरिया ने एक सैन्य जासूसी उपग्रह को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित करके अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के खेमे में खलबली मचा दिया है। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन का इरादा इस उपग्रह के जरिये अपने दुश्मन देशों की सैन्य गतिविधियों पर निगरानी रखना और उसके अनुसार खुद को तैयार करना है।
उत्तर कोरिया ने एक बार फिर लंबी दूरी का सैटेलाइट लॉन्च करके जापान और दक्षिण कोरिया की टेंशन बढ़ा दी है। जल्द ही वे सैन्य टोही सैटेलाइट लॉन्च करने की जुगत में है। उत्तर कोरिया के इस कदम से सुदूर पूर्वी एशिया में तनाव बढ़ा है।
पहले सैन्य जासूसी उपग्रह के फेल हो जाने से तानाशाह किम जोंग उन टेंशन में आ गए हैं। उन्होंने पूरे मामले की जांच कराने के लिए वैज्ञानिकों को निर्देशित कर दिया है।
उत्तर कोरिया के सैन्य जासूसी उपग्रह छोड़ने से पहले जापान अलर्ट हो गया है। जापान के रक्षा प्रमुख ने शनिवार को सैनिकों को ‘मिसाइल इंटरसेप्टर’ को सक्रिय करने और उत्तर कोरियाई उपग्रह के मलबे से निपटने के लिए तैयार रहने का आदेश दिया, जिसके टुकड़े जापानी क्षेत्र में गिर सकते हैं।
उत्तर कोरिया ने अपने पड़ोसी दक्षिण कोरिया और जापान सहित अमेरिका की भी नींद उड़ा दी है। लंबे समय से उत्तर कोरिया और इन तीनों देशों में तू डाल-डाल और मैं पात-पात का खेल चलता आ रहा है। कभी अमेरिका जापान और दक्षिण कोरिया के साथ मिलकर सैन्य अभ्यास करता है तो कभी उसके जवाब में उत्तर कोरिया परमाणु मिसाइलों का परीक्षण करता है।
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने मीडिया में एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि उसे सुबह नौ बजकर 36 मिनट के आसपास उत्तर-पश्चिमी चीन में जियुकुआन अड्डे से प्रक्षेपण के बारे में पता चला है। बयान में कहा गया है कि उपग्रह ले जा रहे रॉकेट के कुछ हिस्से ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में गिरे।
पिछले 5 वर्षों के इतिहास में अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत ने तेज गति से प्रगति की है। वर्ष 2017 से 2022 के दौरान हिंदुस्तान ने अंतरिक्ष में बड़ी छलांग लगाई है। इस दौरान भारत ने 19 देशों के 177 विदेशी उपग्रहों को लांच करने का गौरव हासिल किया है। इससे अंतरिक्ष में भारत का डंका बज रहा है।
ISRO: इसरो अपना सबसे भारी रॉकेट ‘एलवीएम-3’ लांच करने जा रहा है। इसरो 23 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लांच करेगा। इसरो ब्रिटिश स्टार्टअप वनवेब के 36 सैटेलाइट को स्पेस में भेजेगा। इस कदम से एलवीएम-3’ ग्लोबल कमर्शियल सैटेलाइट लांच मार्केट में अपना कदम रख रहा है। इसरो के लिए ये लांच मील का पत्थर बनेगा।
US Spy Satellite: जिस तरह से विभिन्न देशों के बीच युद्ध चल रहा है और कई देशों के बीच युद्ध जैसे हालात लगातार बने हुए हैं, उसे देखकर तीसरे विश्व युद्ध की आशंका बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में कई देशों ने अभी से तीसरे विश्व युद्ध की तैयारियां शुरू कर दी हैं।
पुतिन के साथ अपनी चर्चा में खमेनेई ने रूस के साथ "दीर्घकालिक सहयोग" को मजबूत करने का आग्रह किया था। ईरान की आधिकारिक समाचार एजेंसी आईआरएनए के अनुसार, यह सैटेलाइट विभिन्न प्रकार की तस्वीरें ले सकती है।
वनवेब इस साल अलास्का (अमेरिका), कनाडा और ब्रिटेन सहित आर्कटिक क्षेत्र में और भारत में 2022 की दूसरी छमाही में सेवाएं शुरू करने की योजना बना रही है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुशंधान संगठन (ISRO)को अपने अभियान में बड़ा झटका लगा है। पृथ्वी की निगरानी करनेवाले सैटेलाइट EOS-03 की लॉन्चिंग फेल हो गई है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने श्रीहरिकोटा से पी.एस.एल.वी.-सी 51 के जरिये एमेजोनिया-वन और 18 अन्य उपग्रहों को लॉन्च किया।
अंतरिक्ष का सुपर पावर बनने की कोशिश कर रहे चीन को बड़ा झटका लगा है। आधी-अधूरी तैयारियों के साथ लॉन्च किया गया चीन का सैटेलाइट अपने लक्ष्य तक पहुंचने में फेल रहा और बीच आसमान में ही भटककर क्रैश हो गया।
रूस ने अमेरिका के दावों को खारिज करते हुए ईरान द्वारा उपग्रह प्रक्षेपण को सही ठहराया है। अमेरिका ने ईरान के उपग्रह प्रक्षेपण को 2015 परमाणु समझौते का समर्थन करने वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का उल्लंघन करार दिया था।
चीन ने 2020 में मंगल ग्रह पर अपने तय मिशन को पूरा करने की दिशा में अहम कदम आगे बढ़ाते हुए लॉन्ग मार्च 5 रॉकेट का शुक्रवार को प्रक्षेपण किया जो दुनिया के सबसे शक्तिशाली प्रक्षेपण यानों में शुमार है।
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