केरल के सबरीमला मंदिर में मंगलवार को करीब 32,000 श्रद्धालुओं ने भगवान अयप्पा के दर्शन किए।
केरल के सबरीमला मंदिर का संचालन करने वाले त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय में अपना रुख बदलते हुये कहा कि वह मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने संबंधी फैसले का समर्थन करता है।
रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं के सबरीमाला मंदिर में प्रवेश पर जारी गतिरोध के बीच तीन युवतियों ने सोमवर को अयप्पा मंदिर जाने की इच्छा जाहिर की।
उच्चतम न्यायालय आज उन याचिकाओं पर विचार कर सकता है जिनमें केरल के सबरीमला मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति वाले उसके 28 सितंबर के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की गई है।
केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल 3,345 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
भागवत ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के 28 सितंबर के फैसले की वजह से सबरीमाला में बुधवार को जो स्थिति दिखाई दी, उसका कारण सिर्फ यह है कि समाज ने उस परंपरा को स्वीकार किया था और लगातार कई सालों से पालन होती आ रही परंपरा पर विचार नहीं किया गया।
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