बीते कुछ सालों में रियल एस्टेट सेक्टर में शानदार डिमांड देखी जा रही है। घरों की कीमतें भी बढ़ी हैं। खासकर बड़े घर और लग्जरी फ्लैट्स की डिमांड बीते कुछ समय से तेज देखने को मिल रही है।
देश में ऑफिस स्पेस के लिए डिमांड भी जोरदार है। सालाना आधार पर इसमें 43 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है। कार्यालय का किराया एक से नौ प्रतिशत बढ़ा है।
कोलियर्स इंडिया के मुताबिक, रियल एस्टेट में संस्थागत निवेश अक्टूबर-दिसंबर 2022 में 129.94 करोड़ अमेरिकी डॉलर था। हालांकि पिछले साल निवेश में 53 प्रतिशत की ग्रोथ के साथ ऑफिस सेगमेंट 302.25 करोड़ अमेरिकी डॉलर तक बढ़ गया.
त्योहारों के दौरान अपेक्षित अच्छी डिमांड के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ बनी रहने की उम्मीद है जिससे अगले छह महीनों के दौरान क्षेत्र को गति मिलने की उम्मीद है।
Real-Estate Sector: दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ऐसे मकानों की बिक्री तीन गुना हो गई है। लेकिन फिर भी यह रिपोर्ट चिंता पैदा कर रही है।
Real Estate News: अब लोग बड़े साइज वाले फ्लैट खरीदना पसंद कर रहें हैं। यह बदलाव कोरोना महामारी के बाद आया है। इस नई रिपोर्ट ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार इस सेक्टर में मांग-आपूर्ति को लेकर ऐसा अंतर है जो इस क्षेत्र के विकास को प्रभावशाली तौर पर आगे बढ़ाएगा, भले ही शहरी क्षेत्रों में आवास की मौजूदा कमी 10 मिलियन यूनिट होने का अनुमान है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को रीयल एस्टेट क्षेत्र के प्रतिनिधियों तथा घर खरीदारों से मुलाकात की। प्रतिनिधियों ने बैठक में नकदी संकट, मांग में कमी तथा रुकी परियोजनाओं को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की।
क्रेडाई के चेयरमैन जैक्सी शाह ने कहा कि उद्योग रेपो दर में कटौती का इंतजार कर रहा था। अगला कदम यह होना चाहिए कि बैंक और वित्तीय संस्थान निचली दरों का लाभ कर्ज लेने वालों को दें।
कटौती से, घर खरीदने की योजना बना रहे ग्राहकों को फायदा होगा, वहीं सुस्ती की मार झेल रही रियल एस्टेट इंडस्ट्री में भी एक नई जान आने की उम्मीद है।
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