सैम पित्रोदा का बयान कांग्रेस के गले की फांस बन गया जिसके बाद मल्लिकार्जुन खरगे, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी से लेकर जयराम रमेश तक, सबने इस मुद्दे पर सफाई देने की कोशिश की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोज एक के बाद एक जिस तरह से कांग्रेस पर हमले कर रहे हैं, उसके बाद चुनाव कैम्पेन का रूख का पलट गया है। चुनाव प्रचार में बाजी कैसे पलटनी है, ये कोई मोदी से सीखे।
प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से कांग्रेस को घेरा और जिस मुद्दे पर घेरा, उसकी कल्पना कांग्रेस के नेताओं को नहीं थी, इसलिए परेशानी तो दिख रही है, लेकिन जवाब नहीं मिल रहा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमरोहा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जो भगवान राम और कृष्ण हमारे आराध्य हैं, करोड़ों हिंदुओं की जिनमें आस्था है, कांग्रेस बार बार उनके अस्तित्व को नकारती है।
ED ने गुरुवार को एक चौंकाने वाला खुलासा किया था और कोर्ट को बताया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जानबूझ कर अपनी सेहत खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
कोणार्क के सूर्य मंदिर सहित देश भर में ऐसे कई मंदिर हैं, जहां सूर्य की किरणें सीधे भगवान की मूर्ति पर पड़ती हैं। नोट करने की बात ये है कि जिस तरह अयोध्या के राम मंदिर में ये काम वैज्ञानिक संस्थानों की मदद से हुआ, हजारों साल पहले भी भारत में इसी तरह की वैज्ञानिक सोच उपलब्ध थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संविधान, पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों के हकों का रक्षा कवच है, संविधान देश की प्रगति को दिशा देने वाली शक्ति है, संविधान के साथ खिलवाड़ तो कांग्रेस ने किया, बीजेपी ऐसा कभी नहीं कर सकती।
पीएम मोदी ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड का जो लोग आज विरोध कर रहे हैं, वे भविष्य में पछताएंगे क्योंकि इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले पैसे में पारदर्शिता लाने हेतु अच्छी नीयत से बनाई गई थी।
असल में विरोधी ये बात समझ नहीं पाए हैं कि नरेंद्र मोदी चुनाव प्रचार में माहिर हैं। गलती से भी किसी विरोधी नेता ने मोदी को सामने फुल टॉस फेंकी तो वे मौके पर चौका लगाने में जरा नहीं चूकते।
मीसा भारती के छोटे भाई और RJD के स्टार कैंपेनर तेजस्वी यादव ने अपनी बहन के बयान पर ख़ामोशी अख़्तियार कर ली, और उल्टे बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह मुद्दों की बातें नहीं करती, मुद्दों से भटकाने की बात करती है।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी के पास इतना भारी बहुमत है कि एक मंत्री या 5-10 विधायकों के जाने से भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन केजरीवाल की बड़ी समस्या ये है कि वो अपने दावे के मुताबिक जेल से सरकार कैसे चलाएंगे?
केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद भी आम आदमी पार्टी आक्रामक रही, पूरे केस को फर्जी बताया, कहा, एक भी पैसा कहीं नहीं मिला, गवाहों ने बीजेपी से डरकर बयान दिए लेकिन हाईकोर्ट के फैसले ने इन सारी बातों पर पानी फेर दिया।
मोदी सरकार पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों का खात्मा कर रही है। इसकी हकीकत तो किसी को पता नहीं लगेगी लेकिन अगर सरकार ने एजेंसियों को छूट दी है, तो ये कोई गलत बात नहीं है क्योंकि मुंबई में हमला करने वाले हैंडलर्स पाकिस्तान में बैठे हैं । सरकार ने बीसियों बार सबूत दिए। पाकिस्तान ने क्या किया?
महाराष्ट्र में संजय निरूपम ने पिछले हफ्ते ही ये साफ कर दिया था कि अगर मुंबई नॉर्थ वेस्ट लोकसभा सीट उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस के लिए नहीं छोड़ी, अगर कांग्रेस ने इस सीट पर अपनी दावेदारी छोड़ी, तो वो अपना रास्ता अलग करेंगे।
रॉबर्ट वाड्रा ने खुलासा किया कि परिवार में इस मुद्दे पर बात हो रही है कि प्रियंका और उनमें से किसको चुनाव लड़ाया जाए। उन्होंने कहा है कि बस कुछ दिनों में पता चल जाएगा कि वो राजनीति में कैसे और किस रूप में एंट्री करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि उनकी सरकार के तीसरे कार्यकाल शुरू होने में अब ज्यादा दिन नहीं बचे हैं, चुनाव के बाद सरकार बनते ही भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे तेज़ कार्रवाई शुरू होगी।
सोमवार को केजरीवाल की पेशी के बाद सुनीता केजरीवाल ने कहा कि 11 दिन की पूछताछ के बाद भी केजरीवाल को रिहा नहीं किया गया क्योंकि बीजेपी नहीं चाहती कि वो लोकसभा चुनाव तक बाहर आएं लेकिन देश की जनता इसका जवाब देगी।
मुझे नहीं लगता कि इस तरह के हार्डकोर क्रिमिनल की मौत पर ज्यादा आंसू बहाने की जरूरत है। लेकिन फिर भी जो लोग उसकी मौत की असली वजह जानना चाहते हैं उन्हें ज्यूडिशियल मजिस्ट्रैट की जांच रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए।
सत्तर और अस्सी के दशक में उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा और एक गिरोह में शामिल हो गया, जो कोयला, रेलवे निर्माण, कबाड़ की बिक्री, लोक निर्माण और शराब के ठेकों को हथियाने के लिए बाहुबल का इस्तेमाल किया करता था।
अखिलेश के लिए ये चुनाव अस्तित्व का सवाल है। हालांकि वो आज़म खान की बात सुनते हैं लेकिन रामपुर से चुनाव लड़ने की बात नहीं मानी, इसीलिए इतना कन्फ्यूजन पैदा हुआ।
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