पड़ोस के मुल्क पाकिस्तान में कटास राज मंदिर सहित अन्य हिंदू मंदिरों के दर्शन के लिए 55 हिंदू तीर्थयात्रियों का जत्था लाहौर पहुंच गया है। वाघा बॉर्डर पर इन तीर्थयात्रियों का भव्य स्वागत किया गया। 7 दिन के प्रवास में ये जत्था कई मंदिरों के दर्शन करेगा।
खराब मौसम और लगातार हो रही बारिश के चलते मां वैष्णो देवी के सभी मार्गों पर आपदा प्रबंधन दल के साथ ही श्राइन बोर्ड प्रशासन, पुलिस विभाग, सीआरपीएफ के अधिकारी और जवान जगह-जगह तैनात हैं।
Bangladesh ferry accident:उत्तरी बांग्लादेश में दो दिन पहले सदियों पुराने मंदिर के दर्शन के लिये हिंदू श्रद्धालुओं को लेकर जा रही एक नौका के पलटने की घटना में मरने वालों की संख्या अब बढ़कर 64 हो गई है।
18 यात्रियों को मामूली चोटें आई हैं, जबकि गंभीर रूप से घायल दो यात्रियों को अनंतनाग जिले के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गो पर बारिश के कारण अधिकारियों ने यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक बस में सवार 26 लोगों की मौत हो गई। इनमें से 25 लोग मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के निवासी थे। जिन लोगों की मौत हुई है उनमें सबसे ज्यादा नौ लोग बुद्ध सिंह साटा गांव के रहने वाले हैं।
उत्तराखंड में चल रही चार धाम यात्रा में पिछले दो सप्ताह में हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर और माउंटेन सिकनेस से कम से कम 34 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इनमें ज्यादातर वे लोग हैं, जो पहले कोरोना के संक्रमण से गुजर चुके थे।
अजमेर शरीफ से पश्चिम बंगाल जा रही बस में चालक सहित कुल 68 लोग सवार थे। शनिवार सुबह करीब तीन बजे बस अनियंत्रित हो गई और डिवाइडर से टकराते हुए सड़क किनारे एक पेड़ से टकरा गई।
एक जुलाई से यात्रा शुरू होने के बाद से कम से कम 81,630 श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा कर चुके हैं, जबकि रविवार को 4,773 यात्रियों का एक और जत्था बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जम्मू से कश्मीर घाटी के लिए रवाना हुआ।
तमिलनाडु के पुडुकोट्टई जिले के तिरुमयम कस्बे के पास रविवार को हुए एक सड़क हादसे में तेलंगाना के रहने वाले 10 सबरीमला श्रद्धालू मारे गए।
जम्मू से दो दिन तक यात्रा स्थगित रहने के बाद आज एक बार फिर से यह यात्रा शुरू हो गई।
नेपाल के हिल्सा पहाड़ी क्षेत्र से आज करीब 200 मानसरोवर तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाला गया। वहीं तिब्बत में कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा से लौटते समय भारी बारिश के कारण नेपाल के पर्वतीय क्षेत्र में फंसे अन्य तीर्थयात्रियों को निकालने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।
कश्मीर में पवित्र अमरनाथ गुफा के लिये जाने के दौरान तीन श्रद्धालुओं की अलग - अलग कारणों से मौत हो गयी , जिससे इस साल यात्रा के दौरान मरने वाले लोगों की तादाद बढ़कर छह हो गयी है।
एनजीटी ने कहा कि श्रद्धालुओं की संख्या 50 हजार से ज्यादा होने पर उन्हें अर्धकुवारी या कटरा में ही रोक दिया जाएगा। एनजीटी का कहना है कि वैष्णो देवी भवन में एक बार में 50 हजार से ज्यादा तीर्थयात्री नहीं ठहर सकते।
अभी वैष्णो देवी के भक्तों के लिए एक बड़ी खबर आई है. एनजीटी ने माता के दर्शन के लिए यात्रियों की संख्या को सीमित कर दी है.
जम्मू से शनिवार को अमरनाथ यात्रा के लिए 1,180 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था रवाना हुआ। एक अधिकारी ने कहा, "तड़के 3.40 बजे कड़ी सुरक्षा में 43 वाहनों के काफिले में भगवती नगर यात्री निवास से 1,180 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था कश्मीर घाटी रवाना हो गया
अमरनाथ यात्रा से लौटने के दौरान मध्यप्रदेश के एक श्रद्दालु की मौत हो गई। इसके साथ ही इस साल अमरनाथ यात्रा में मरनेवाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़कर 48 हो गई है।
अमरनाथ यात्रा के लिए 3,603 श्रद्धालुओं का एक नया जत्था रविवार को जम्मू से घाटी रवाना हुआ।
कड़ी सुरक्षा के बीच 3,398 श्रद्धालुओं का 16वां जत्था दक्षिण कश्मीर में भगवान शिव की पवित्र अमरनाथ गुफा के लिए जम्मू से निकल गया। यह गुफा 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
कश्मीर के आईजी मुनीर खान ने बताया कि इस हमले के पीछे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है। उन्होंने ये भी बताया कि इस हमले का मास्टरमाइंड पाकिस्तानी आतंकी इस्माइल है। सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार पाकिस्तानी मूल के लश्कर कमांडर इस्माइल ने अपन
अमरनाथ गुफा की खोज भी पहली बार 1850 में एक मुस्लिम चरवाहे बूटा मलिक ने की थी। इसीलिए दशनामी अखाड़े और पुरोहित सभा मट्टन के साथ मलिक के परिवार को भी इस गुफा का संरक्षक बनाया गया। यानी यह स्थल सिर्फ हिंदुओं के लिए नहीं बल्कि घाटी के मुस्लिमों के लिए भी
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