असम राइफल्स के जवानों ने मिजोरम के चंपई जिले में 9.6 करोड़ रुपये मूल्य की 1.3 किलोग्राम हेरोइन बरामद की और मादक पदार्थ रखने के आरोप में म्यांमा के एक नागरिक को गिरफ्तार किया।
लालदुहोमा ने गुरुवार को विधानसभा को यह जानकारी दी कि गृह मंत्रालय ने पिछले साल अप्रैल में राज्य सरकार को म्यांमार और बांग्लादेश के शरणार्थियों का बायोमेट्रिक विवरण एकत्र करने का निर्देश दिया था।
म्यांमार में सैन्य शासन जुंटा से जनता परेशान है। उनके एक ऐसे कदम से युवाओं में ऐसी दहशत फैल गई है कि वे देश छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
भारत और मिजोरम की सीमा पर बाड़बंदी के केंद्र सरकार के फैसले पर मिजोरम के सीएम ने एक बार फिर अपना विरोध जताया है। उन्होंने आशा जताई है कि दोनों देशों की सीमा पर बाड़बंदी नहीं की जाएगी।
म्यामांर सीमा के पास पुलिस और असम राइफल्स की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। दो जगहों पर की गई कार्रवाई में 1.75 करोड़ रुपये कीमत की हेरोइन जब्त की गई है।
मिजोरम से राज्यसभा के सांसद ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर म्यांमार सीमा पर हो रही बाड़बंदी के फैसले पर फिर से विचार करने का आग्रह किया है। इसके साथ ही उन्होंने ऐसा होने पर मिजोरम के लोगों को होने वाली परेशानियों के बारे में भी जानकारी दी है।
म्यांमार में सशस्त्र समूह और सेना के बीच छिड़े संघर्ष ने अब और अधिक व्यापक रूप ले लिया है। इससे म्यांमार की स्थिति नाजुक हो गई है। इससे म्यांमार की सीमा से लगे भारत और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी राष्ट्र भी चिंतित हो उठे हैं। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ बांग्लादेश के विदेश मंत्री हसन महमूद ने बात की।
मोदी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा को अभेद्य करने के लिए बड़ा फैसला लिया है। इससे विरोधी संघठनों में खलबली मच गई है। सरकार ने भारत-म्यांमार बॉर्डर के 1643 किलोमीटर खुले क्षेत्र को बाड़ लगाकर सील करने का फैसला किया है। ताकि घुसपैठियों को भारतीय सीमा में बेरोकटोक आने से रोका जा सके।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों के लिए जरूरी एडवाइजरी जारी की है। म्यांमार में रहने वाले भारतीयों के लिए जारी इस एडवाजइरी में विदेश मंत्रालय ने कहा है कि म्यांमार के रखाइन प्रांत से भारतीय तुरंत बाहर निकलें, वहां रहना खतरनाक है।
भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने का ग्रामीणों ने विरोध किया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बाड़ लगाने से जमीन का एक बड़ा हिस्सा छूट जाएगा। इससे सीमा के पास रहने वाले ग्रामीण अपनी आजीविका के एकमात्र स्रोत से वंचित हो जाएंगे।
बता दें कि मिजोरम से भेजे गए इन सैनिकों को मिलाकर पिछले साल के नवंबर से लेकर अब तक म्यांमार सेना के कुल 635 जवानों को उनके देश वापस भेजा गया है।
मिजोरम के शीर्ष छात्र संगठन मिजो जिरलाई पावल (एमजेडपी) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भारत-म्यांमा सीमा पर बाड़ लगाने और मुक्त आवाजाही व्यवस्था (एफएमआर) को खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।
बीते सप्ताह म्यांमार से कुल 184 सैनिक भागर मिजोरम पहुंच गए थे। सोमवार यानी 22 जनवरी को भारत ने इनमें से 184 सैनिकों को उनके देश वापस भेज दिया है।
गुवाहाटी में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारत-म्यामार की सीमा पर बाड़बंदी करने की बात कही थी। मिजोरम के सीएम ने इसका विरोध जताया है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि वह इसे रोक नहीं सकते हैं।
मिजोरम में म्यांमार के 600 सैनिक घुस आए हैं, जिसे लेकर मिजोरम की सरकार ने केंद्र सरकार को सतर्क किया है और गुहार लगाई है कि इन्हें जल्द-से-जल्द वापस भेज दें। जवानों को फिलहाल असम राइफल्स कैंप में आश्रय दिया गया है।
मिजोरम की लालदुहोमा सरकार केंद्र के सहयोग से म्यांमा के शरणार्थियों और मणिपुर के आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों को मदद देना जारी रखेगी। मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मीटिंग के बाद ये बात कही।
म्यांमार की सेना ने दुश्मनों के सामने हथियार डाल दिया है। म्यांमार की सरकार ने बताया है कि चीन सीमा से लगे उसके एक शहर पर दुश्मनों ने कब्जा कर लिया है। इसके बाद उसने अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है।
म्यांमार में सैनिक शासन लागू होने के बाद से मिजोरम आए शरणार्थियों की समस्या पर आज दिल्ली स्थित गृह मंत्रालय में एक बैठक के दौरान चर्चा हुई। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हालात समान्य होने तक शरणार्थियों को वापस म्यांमार नहीं भेजा जाएगा।
भारत के मिजोरम में तैनात असम राइफल्स के कैम्प में म्यांमार के 151 सैनिकों ने शरण ली है। इन सैनिकों ने किसी तरह से म्यांमार से भागकर अपनी जान बचाई है। म्यांमार में इन सैनिकों पर स्थानीय गुटों ने हमला कर दिया था।
भारत का एक पड़ोसी देश दुनिया का सबसे बड़ा अफीम उत्पादक देश बन गया है। अफीम के कारोबार से होने वाली आमदनी इस देश की जीडीपी का 4.1 प्रतिशत है। पहले अफगानिस्तान पहले नंबर पर था।
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