दक्षिण-पश्चिम मानसून अपने सामान्य समय 1 जून के मुकाबले एक हफ्ते की देरी से 8 जून को इस बार केरल पहुंचा। मौसम विभाग ने कहा कि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में चक्रवात बनने जैसे अन्य कई कारणों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की गति धीमी है।
भारत में अभी तक बारिश सामान्य से 53 प्रतिशत कम हुई है। केरल जहां से देश में मानसून प्रवेश करता है, वहां पर भी सामान्य से काफी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है।
राष्ट्रीय राजधानी के कई भागों में मंगलवार को वर्षा होने के बाद यहां तापामान में गिरावट आई और अधिकतम तापमान 29.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हालांकि आद्रर्ता अधिक रही। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार सापेक्षिक आर्द्रता 92 फीसद दर्ज की गयी तथा न्यूनतम तापमान 27.2 डिग्री सेल्सियस रहा।
मौसम विभाग ने दिल्ली, यूपी, हरियाणा, पंजाब और बिहार के लिए आरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल, असम और मेघालय के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।
दक्षिण-पश्चिम मानसून पूरे महाराष्ट्र में दस्तक देने के साथ ही गुजरात और छत्तीसगढ़ के भी कुछ हिस्सों में पहुंच गया। वहीं उत्तर भारत के कई हिस्सों में मौसम गर्म और उमस भरा बना रहा।
मानसून इस समय भारत के कई हिस्सों पर मेहरबान है। लेकिन मानसूनी बारिश देश के पश्चिमी हिस्से के लिए मुसीबत बनकर आई है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई भारी बारिश के चलते मुसीबत झेल रही थी।
अनुमान ये है कि अगले 24 से 48 घंटे में दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश होगी। गुरुग्राम में पांच घंटे में 132 एमएम बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के मुताबिक दस सालों में मंगलवार को सबसे ज्यादा बारिश हुई।
इससे पहले सुबह कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश हुई। सोमवार सुबह का न्यूनतम तापमान 26.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने दिन में हल्की बारिश और बौछार होने की संभावना जताई थी लेकिन रात में मौसम अचानक बदल गया और कुछ इलाकों में भारी बारिश हुई।
इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोंडा, बहराइच और बलरामपुर में बाढ़ की स्थितियों को लेकर अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने केरल की तबाही का सीधा ठीकरा सूबे की सत्ताधारी लेफ्ट सरकार पर फोड़ा है। विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला के मुताबिक़ ये मानव निर्मित आपदा है।
पुनरुद्धार के प्रयास शुरू करते हुए राज्य में पारंपरिक मेलजोल भी पूरे जोरों पर दिखा जहां मस्जिद के दरवाजे परेशान हिंदुओं के लिए खोले गए और मुस्लिम मंदिरों की सफाई करते नजर आए। हालांकि बाढ़ के कम होते ही पानी से छूटी मिट्टी एवं कीचड़ से भरे अपने घरों को देखकर ज्यादातर लोगों के चेहरे पर निराशा के भाव नजर आए।
बाढ़ के कारण बेघर हुए लोगों की तादाद काफी ज्यादा हो गई। राहत शिविरों में 10 लाख से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं। बाढ़ प्रभावित जिलों में बनाए गए 3,274 राहत शिविरों में 10,28,000 लोग ठहरे हुए हैं।
जिलाअधिकारी रंजना राजगुरु ने खबर इंडिया टीवी को बताया कि जिले में नुक्सान का आकलन कराया जा रहा है। साथ ही आपदा प्रबंधन विभाग राहत और बचाव के कार्यो में लगा हुआ है। राहत में खाद्यान्न की कमी न हो इसके लिये गोदामों में पर्याप्त खाद्यान्न और ज़रूरी दैनिक चीजों की व्यवस्था कर दी गई है।
मंगलवार को मानसून के पहले दिन भारी बरसात दर्ज की गई है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक केरल, लक्ष्यद्वीप और कर्नाटक में औसत से बहुत ज्यादा बरसात दर्ज की गई है, IMD की तरफ से पहले दिन की बारिश को लेकर जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक केरल में औसत से 3 गुना ज्यादा जबकि लक्ष्यद्वीप में 4 गुना ज्यादा बरसात हुई है
IMD की ओर से 27 जून को जारी किए गए बुलिटेन में बताया गया है कि 24-48 घंटे में मानसून पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश पहुंच सकता है।
आईएमडी ने कहा है कि उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव क्षेत्र बन चुका है जिससे अगले दो दिनों में बारिश शुरू होने की पूरी उम्मीद है।
जून महीने में अभी तक सामान्य से 4 फीसदी अधिक बारिश हुई है। भारतीय मौसम विभाग का कहना है कि अगले 4 दिन में दिल्ली में भी मानसून की बारिश शुरू हो जाएगी।
मौसम विभाग के अनुसार शुरुआती रफ्तार के बाद मानसून अब थक गया है। हालांकि, दिल्ली-NCR में 18 से 20 जून तक झमाझम बारिश होने के आसार बन रहे है।
दक्षिण पश्चिमी मानसून मुंबई में दस्तक देने के बाद पूरे कोंकण क्षेत्र में फैल गया। साथ ही, पुणे और नासिक के कई जिलों में भी मानसून की पहली बारिश हुई।
न्यूज एजेंसी एनआई के मुताबिक IMD ने मुंबई की सभी एजेंसियों को अलर्ट किया है कि अगले 48 घंटे में भारी बारिश हो सकती है।
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