देश की विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) क्षेत्र की गतिविधियां मार्च में गिरकर पांच महीने के निचले स्तर पर आ गई हैं। इसकी प्रमुख वजह नए ऑर्डर की धीमी रफ्तार और भर्ती प्रक्रिया को लेकर कपनियों की सुस्ती रही।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने बुधवार को कहा कि भारत के अगले 8-9 साल में 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाने की उम्मीद है जिसमें विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत होगी।
देश के विनिर्माण क्षेत्र (PMI) ने नवंबर में मजबूत वृद्धि अर्जित की गई है। इसकी कारोबारी गतिविधियों में पिछले 13 महीनों में सबसे अधिक तेजी दर्ज की गई है।
आंकड़ों के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के साथ-साथ टिकाऊ उपभोक्ता सामान खंड में गिरावट से भी आलोच्य महीने में औद्योगिक वृद्धि प्रभावित हुई।
मई में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 1.7 प्रतिशत रही, पिछले साल समान महीने में यह 8% पर थी। अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 3.1 प्रतिशत थी।
ग्राहकों की मांग कमजोर रहने और GST से जुड़ी चिंताओं के चलते जून माह में विनिर्माण क्षेत्र की ग्रोथ (मैन्युफैक्चरिंग PMI) चार माह के न्यूनतम स्तर तक गिर गई
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अप्रैल में लगातार चौथे महीने वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि, वृद्धि में इससे पिछले महीने के मुकाबले ज्यादा बदलाव नहीं देखा गया।
द निक्केई मार्किट मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) मार्च में बढ़कर 52.5 अंक पर पहुंच गया। फरवरी में यह 50.7 पर था।
मेगा जॉब-गारंटी प्रोग्राम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) का एक अप्रत्याशित और हानिकारक प्रभाव हो सकता है।
देश के मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की इकोनॉमिक हेल्थ का इंडीकेटर माने जाने वाले PMI दिसंबर में घटकर 49.6 अंक रह गया, जो कि इससे पहले नवंबर में 52.3 अंक था।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ रेट अक्टूबर में पिछले 22 माह के उच्च स्तर पर पहुंच गई। इस दौरान नए ऑर्डर, खरीद और उत्पादन में तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई।
भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी बरकरार है। नए कारोबार ऑर्डर में बढ़ोतरी के कारण जुलाई में ग्रोथ चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।
ऑनलाईन नियुक्ति मई में लगातार दूसरे महीने घटी लेकिन ई-वाणिज्य, विपणन और वाहन जैसे क्षेत्रों में नियुक्ति गतिविधियों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई।
देश में विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन की वृद्धि की गति मई में पांच महीने में सबसे धीमी रही। यह बताता है कि क्षेत्र की हालत में बमुश्किल ही सुधार हुआ है।
भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि दर जून में समाप्त तिमाही के दौरान निर्यात, मांग की स्थिति अच्छी न होने और लोन की लागत अधिक होने के कारण घट सकती है।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियां अप्रैल में चार महीने के न्यूनतम स्तर पर आ गई। एक सर्वे के अनुसार इसका कारण अप्रैल में नए आर्डर का स्थिर होना है।
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में दुनिया के दस बड़े देशों में भारत छठे स्थान पर पहुंच गया है।
भारत में इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी सेक्टर (आईटी) में काम करने वाले कर्मचारियों को सबसे अधिक सैलरी मिलती है। इस सेक्टर में एक घंटे की औसत सैलरी 346.42 रुपए है।
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