त्योहारों में सोना खरीदने जा रहे हैं। क्या आपको पता है कि आप सोने की शुद्धता कैसे आप मोबाइल ऐप से जांच सकते हैं। अगर नहीं तो अब देर नहीं करें। हम आपको सोने की शुद्धता जांचने के तरीके बता रहे हैं।
बीआईएस के अनुसार, जिन उपभोक्ताओं के पास बिना हॉलमार्क वाले सोने के आभूषण हैं, उन्हें इसे बेचने या नए गहने के साथ एक्सचेंज करने से पहले इसे अनिवार्य रूप से हॉलमार्क करवाना होगा।
सोने की बिक्री से जुड़े नियमों में सरकार की ओर से महत्वपूर्ण बदलाव किये गये हैं, जिसे 1 अप्रैल, 2023 से लागू किया जाएगा। आइये जानते हैं इसके बारे में
1 जुलाई, 2021 से 20 अगस्त तक हॉलमार्क के लिए प्राप्त एवं हॉलमार्क अंकित किए गए आभूषणों की संख्या क्रमशः एक करोड़ सत्रह लाख और एक करोड़ दो लाख हो गयी है।
ऐसा अनुमान है कि भारत में हर साल 10.12 करोड़ गोल्ड ज्वेलरी पीस बनाए जाते हैं। इसके अलावा 6-7 करोड़ पीस का मौजूदा स्टॉक भी हॉलमार्किंग के लिए बचा है।
सोने के गहनों और कलाकृतियों की अनिवार्य हॉलमार्किंग 16 जून से चरणबद्ध तरीके से लागू की गयी है। पहले चरण में 256 जिलों को इसके दायरे में लिया जाएगा।
उद्योग संगठन ने इस बारे में उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर कहा है कि बीआईएस ने अपनी वेबसाइट पर जो एफएक्यू जारी किया है, उसमें काफी पेंच है और अस्पष्टता है।
केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि गहनों पर अनिवार्य हॉलमार्किंग (गुणवत्ता का ठप्पा) के आदेश का पालन नहीं करने वाले सुनारों पर अगस्त तक कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा।
जीजेसी ने कोविड-19 स्थिति के कारण हॉलमार्किग समय-सीमा को जून 2021 के बजाये जून 2022 तक बढ़ाने की मांग की है।
भारत में सोने की शुद्धता पर भारतीय मानक ब्यूरो नजर रखता है। ब्यूरो के मापदंडों के आधार पर ब्यूरो के द्वारा तय किए गए केंद्रों में आभूषण की जांच की जाती है जिसके बाद जांच की मुहर आभूषण पर लगती है, जिसे हॉलमार्किंग कहते हैं।
सरकार ने सोने से बनी ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया गया है। लेकिन हॉलमार्क ज्वेलरी की पहचान न कर पाने के चलते लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं।
सरकार की योजना, देश के प्रत्येक जिले में हॉलमार्किंग केंद्र स्थापित करने की है।
हॉलमार्किंग अनिवार्य करने की अधिसूचना जारी होने के बाद सभी ज्वैलर्स को बीआईएस के साथ पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा और इसके लिए उन्हें एक साल का समय दिया जाएगा।
सरकार देश में बिकने वाली सभी तरह की गोल्ड ज्वैलरी के लिए अगले साल से हॉलमार्क सर्टिफिकेशन को अनिवार्य बनाने की योजना पर विचार कर रही है।
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