Govardhan Puja: गोवर्धन पूजा के दिन इन विशेष उपायों को करने से जीवन की समस्त परेशानियों से छुटकारा मिलता है। तो आइए आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं कि इस दिन क्या-क्या करना फलदायी होता है।
Govardhan Puja 2023: गोवर्धन पूजा के दिन गायों की पूजा का विशेष महत्व होता है। इसके अलावा इस दिन गोवर्धन पर्वत परिक्रमा लगाने का भी विधान है। तो आइए जानते हैं कि गोवर्धन पूजा के दिन और क्या-क्या करना चाहिए।
गोवर्धन पूजा आज 13 नवंबर या कल 14 नवंबर को मनाई जाएगी। इस बार गोवर्धन पूजा को लेकर बड़ी असमंजस है। क्योंकि दीपावली के ठीक अगले दिन इस त्यौहार को मनाया जाता है। तो आइये जानते हैं कब मनाई जाएगी गोवर्धन पूजा और क्या है इसका मुहूर्त।
दीपावली के बाद गोवर्धन की पूजा की जाती है। यह पूजा कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन होती है। इस दिन श्री कृष्ण को छप्पन भोग भी लगाया जाता है, आइयो जानते हैं आखिर क्यों गोवर्धन पूजा के दिन छप्पन भोग लगाया जाता है।
Govardhan Puja 2022: गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं ये त्यौहार क्यों मनाया जाता है?
Govardhan Puja Upay: आज गोवर्धन पूजा है। आज गाय के गोबर से गोवर्धन की मनुष्य स्वरूप आकृति बनाई जाती है और शाम के समय सोलह उपचारों के साथ उसकी पूजा की जाती है। इस दिन कुछ खास उपाय करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।
Govardhan Puja 2022: गोवर्धन पूजा में परिक्रमा करने से श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। गोवर्धन पूजा पर गिरिराज पर्वत की परिक्रमा करने का विधान है।
Goverdhan Puja 2022: गोवर्धन पूजा के दिन यदि आप कुछ बातों का ध्यान रखते हैं तो इससे घर पर सुख-समृद्धि बनी रहती है।
गुरुग्राम में 37 जगहों पर खुले में नमाज की अनुमति थी लेकिन कुछ जगहों पर स्थानीय लोगों के विरोध की वजह से 8 जगहों पर नमाज की अनुमति रद्द कर दी गई है, उन्हीं में से एक जगह गुरुग्राम के सेक्टर 12 में है जहां पर वीएचपी की तरफ से गोवर्धन पूजा का कार्यक्रम किया गया।
वास्तु शास्त्र के अनुसार बलि प्रतिपदा या गोवर्धन पूजा के दिन इन बातों को ध्यान में रखना चाहिए।
गुरुग्राम की सेक्टर-12 वही जगह है, जहां पुलिस ने 29 अक्टूबर को जुमे की नमाज में खलल डालने के प्रयास में हिंदू संगठनों के 30 सदस्यों को गिरफ्तार किया था।
गोवर्धन पूजा आज है। अपने करीबियों और सगे संबंधियों को ये बधाई संदेश भेजकर इस पर्व को मनाएं।
वैसे तो मथुरा स्थित गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा लगाने का विधान है, लेकिन जो लोग वहां नहीं जा सकते, वो घर पर ही आज गोवर्धन की पूजा करके उसकी परिक्रमा कर सकते हैं।
वास्तु शास्त्र में आज हम चर्चा करेंगे बलि प्रतिपदा के दिन के खास वास्तुशास्त्र। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए दीपावली के अगले दिन को बलि प्रतिपदा कहते हैं, ये तो आप जान ही गए हैं।
दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा मनाई जाती है। इस खास दिन को और खास बना सकते हैं अपने रिश्तेदारों, दोस्तों और फैमिली को sms, facebook, WhatsApp के जरिए भेजे शुभकामना संदेश भेजकर।
कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरु हो जाएगी। जिसके साथ ही गोवर्धन पूजा और बलि प्रतिपदा है का पर्व मनाया जाएगा।
पांच दिनों तक चलने वाले दिवाली उत्सव की शुरुआत धनतेरस के साथ होती है। जिसके बाद नरक चतुदर्शी, यम दीप, दिवाली, गोवर्द्धन पूजा और भैयादूज के साथ समाप्त हो जाता है।
गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा भी कहते हैं। हिंदू रीति-रिवाज के मुताबिक यह त्योहार भगवान श्री कृष्ण के लिए की जाती है। वहीं दूसरी तरफ अन्नकूट का मतलब होता है अनाज का पहाड़।
कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा मनाया जाता है। यह त्योहार दिवाली के अगले मनाया जाता है। इस बार 8 नवंबर को यह त्योहार मनाया जाएगा। इस पूजा का भी अपना एक विशेष महत्व है।
जानें क्यों और कैसे की जाती है गोवर्धन पूजा...
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