Shakambhari Jayanti 2023: हर साल पौष मास की पूर्णिमा पर शाकंभरी जयंती का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, देवी शाकंभरी आदिशक्ति दुर्गा के अवतारों में एक हैं। देवी दुर्गा के सभी अवतारों में से रक्तदंतिका, भीमा, भ्रामरी, शाकंभरी आदि प्रसिद्ध हैं।
नवरात्र के दिनों में दुर्गा मां के नौं अलग-अलग स्वरूपों की उपासना की जाती है। देवी के कुल 51 शक्तिपीठ मंदिर है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, मां सती के शरीर के अलग-अलग अंग जिन जगहों पर गिरे वहां एक शक्तिपीठ की स्थापना हुई।
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, देवी ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव शंकर को अपने पति के रूप में पाने के लिए बेहद ही कठिन तपस्या की थी। अपने तप के दौरान उन्होंने केवल बेल पत्र का सेवन किया था। बाद में इसे भी खाना त्याग कर निर्जल और निराहार रहकर तप करती रहीं।
गुप्त नवरात्रि का आज पहला दिन है। इस पर्व में मां दुर्गा के 10 महाविद्याओं की साधना और उपासना की जाती है। जानिए त्योहार का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
दुर्गाष्टमी व्रत प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है | आज के दिन जो भी व्यक्ति मां दुर्गा की उपासना करता है, देवी मां की कृपा से उसकी सारी मनोकामनयें पूरी हो जाती है और जीवन में चल रही समस्याओं का समाधान होता है |
आज नवरात्र का चौथा दिन है, आज देवी दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कूष्माण्डा की उपासना की जायेगी | कूष्मांडा, यानी कुम्हड़ा | कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानि कि- कद्दू, यानि कि- पेठा, जिसका हम घर में सब्जी के रूप में इस्तेमाल करते हैं | मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत ही प्रिय है, इसलिए मां दुर्गा का नाम कूष्मांडा पड़ा |
आज नवरात्र का आठवां दिन है। इसे महाअष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। आज दुर्गा जी की आठवीं शक्ति माता महागौरी की उपासना की जायेगी।
नवरात्र का पर्व उदया तिथि में मनाया जाता है, लिहाजा आज नवरात्र का सातवां दिन है। आज के दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप माँ कालरात्रि की पूजा की जायेगी।
आश्विन शुक्ल पक्ष की उदया तिथि षष्टी के दिन नवरात्र का छठा दिन है। इस दिन मां दुर्गा की छठी शक्ति मां कात्यायनी की उपासना की जाएगी।
शारदीय नवरात्र के पांचवे दिन देवी दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की उपासना की जाएगी। इनकी उपासना से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है। अपनी मंद हंसी से ब्रह्माण्ड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कुष्मांडा के नाम से जाना जाता है।
मां ब्रह्मचारिणी के दाहिने हाथ में अक्ष माला और बाएं हाथ में कमंडल है। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से व्यक्ति को तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की प्राप्ति होती है।
नवरात्र के दिनों में काफी नियमों का पालन किया जाता है। जिससे कि मातारानी की कृपा आपके ऊपर हमेशा बनी रहे। जानिए नवरात्र के दिनों में कौन-कौन से कार्य नहीं करना चाहिए।
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की उपासना की जाएगी। मां शैलपुत्री की उपासना करने से व्यक्ति को धन-धान्य, ऐश्वर्य, सौभाग्य तथा आरोग्य की प्राप्ति होती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र शुरू हो रहे हैं। अगर आप भी घर में कलश स्थापना कर रहे हैं तो जान लें पूजन के समय किन-किन चीजों की पड़ेगी जरुरत।
17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र की शुरू हो रहे हैं। इस दिन से लेकर पूरे नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग नौ शक्ति स्वरूपों की पूजा की जायेगी। जानिए कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि।
अश्विन माह में पड़ने वाले नवरात्र को शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इस बार नवरात्र 17 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं।
माता संतोषी के 16 शुक्रवार करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। इसके साथ ही व्रत का समापन सुहागन महिलाओं को घर में बुलाकर भोजन और प्रसाद खिलाया जाता है। इसके साथ ही अपनी इच्छानुसार उपहार देने चाहिए।
आज के दिन श्री दुर्गाष्टमी और बगलामुखी जयंती के संयोग में किये जाने वाले राशिवार उपायों की जिसको आप घर बैठे ही करके अपने कैसे अपने व्यापार में बढ़ोत्तरी कर सकते है,, अपने सुख-सौभाग्य में वृद्धि कर सकते हैं और अपनी सभी इच्छाओं की पूर्ति कर सकते हैं। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से।
चैत्र नवरात्रि का पर्व हर साल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर नवमी तिथि तक चलता है।
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