लद्दाख में ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं और आनेवाले दिनों में ये बड़ी तबाही का कारण भी बन सकते हैं। एक स्टडी में यह बात सामने आई है।
नई जांच रिपोर्ट के अनुसार ग्लोबल वार्मिंग का असर यह है कि उत्तरी गोलार्ध में स्थित आर्कटिक महासागर में 2030 से हर गर्मियों में जो बर्फ अभी ग्लेशियर के रूप में तैरती दिखाई देती है, वह भी गायब हो जाएगी।
ग्लेशियर झीलों के फटने से एक बड़ी तबाही सामने आ सकती है। एक अध्ययन के मुताबिक ग्लेशियर झीलों के चलते देश की 30 लाख और दुनिया भर में 1.5 करोड़ लोगों का जीवन खतरे में है।
एक वीडियो क्लिप में वांगचुक ने भारतीय संविधान की छठी अनुसूची के तहत नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करने के लिए पीएम मोदी से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।
Climate Change-Virus Spillover: जलवायु परिवर्तन के कारण जो बर्फ पिघल रही है, उससे उसमें जमे वायरस और बैक्टीरिया बाहर निकल सकते हैं। इससे कोरोना वायरस जैसी बीमारी फैल सकती है।
OMG: अंटार्कटिका में जिस एक ग्लेशियर से खून का झरना बह रहा है, उसका नाम टेलर ग्लेशियर है। यह पूर्वी अंटार्कटिका के विक्टोरिया लैंड पर है। यहां जाने वाले बहादुर खोजकर्ताओं और वैज्ञानिकों को यह नजारा हैरान कर रहा है।
Uttarakhand: एक वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि मंदिर के पास बर्फ का पहाड़ खिसक रहा है। वीडियो में देखा जा रहा है कि बर्फ का पहाड़ देखते ही देखते पूरी तरह ढह गया। बताया जा रहा है कि हिमखंड काफी बढ़ा था, जिससे बर्फ के धुएं का गुबार काफी दूर तक रहा।
Global Warming: विश्व भर में क्लाइमेट चेंज का असर अब सीधा असर दिखने लगा है। यूरोप में भीषण गर्मी यह बताती है कि मौसम कैसे तेजी से बदल रहे हैं। इस साल यूरोप 40 से 45 डिग्री तापमान चला गया था।
Uttrakhand News: 1984 में 19 जवानों का दल ऑपरेशन मेघदूत के लिए निकला था। अचानक हुई हिमस्खलन से पूरी बटालियन दब गई और चंद्रशेखर हर्बोला भी हादसे में शहीद हो गए। अब 38 साल बाद ग्लेशियर से उनका पार्थिव शरीर मिला है।
पाकिस्तान में गर्मी ने 61 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। भीषण गर्मी की वजह से शिस्पर ग्लेशियर तेजी से पिघल रहा है और इसी वजह से हिमनद झील में बाढ़ आ गई। POK के गिलगिट-बाल्टिस्तान इलाके में चीन का बनाया एक पुल हिमनद झील की बाढ़ को झेल नहीं पाया और टूट गया।
उत्तराखंड के चमोली में कुदरत की जो तबाही है उससे हर कोई सन्न है। रात 9 बजे तक बाढ़ का पानी हरिद्वार पहुंचने की आशंका है जिसके चलते प्रशासन ने तटों को खाली कराने का आदेश दिया है।
उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। सीएम रावत ने कहा कि चमोली के रेणी गांव में ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को भारी बारिश व अचानक पानी आने से क्षति की संभावना है।
उत्तराखंड के चमोली पर कुदरत का बहुत बड़ा कहर टूटा है। एक ग्लेशियर फटने के बाद ऐसी भीषण तबाही हुई है जिसका मंज़र बेहद खौफनाक है। बताया जा रहा है कि ग्लेशियर की चपेट में आने से ऋषि गंगा प्रोजेक्ट पूरी तरह से तबाह हो चुका है।
उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने की वजह से भारी तबाही का अनुमान है। इस घटना के बाद गंगा नदी में जल स्तर बढ़ना तय है, जिसके बाद यूपी के सीएम योगी भी हरकत में आ गए हैं, उन्होंने अअधिकारियों को अलर्टकरते हुए कहा कि है कि गंगा नदी और आसपास इलाके पर पूरी नजर रखी जाए।
लगातार बढ़ रही गर्मी से एक ग्लेशियर बेमौत मारा गया। भावुक लोगों ने उसका अंतिम संस्कार भी किया।
17,800 फुट की ऊंचाई पर बन रही यह सड़क सासोमा से सासेर ला के बीच संपर्क का एक अहम माध्यम बनेगी। अधिकतर सर्दियों के महीने में इनका संपर्क बाकी हिस्सों से कट जाता है।
हमारी पूर्व पीढ़ियों ने तो हमारे भविष्य की चिंता की और प्रकृति की धरोहर को संजोकर रखा जबकि वर्तमान पीढ़ी प्राकृतिक संसाधनों का भरपूर दोहन करने में लगी है...
अंटार्कटिका में तैर रहे फ्रांस से भी बड़े आकार के ग्लेशियर के जलवायु के गर्म होने के साथ जल्दी पिघलने की आशंका है और इससे समुद्र के जलस्तर में भारी वृद्धि हो सकती है।
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