बैंक ने एक नियामक फाइलिंग में कहा है कि बैंक, ज्यूरिख और कोटक जनरल ने पारस्परिक रूप से सहमति व्यक्त की है कि ज्यूरिख एक ही किस्त में प्राथमिक और माध्यमिक अधिग्रहणों के संयोजन के माध्यम से 70 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगा।
भारत में मौजूदा समय में 26 जेनरल इंश्योरेंस कंपनियां हैं, जिनमें से छह का स्वामित्व केंद्र सरकार के पास है।
भारत की जनरल इंश्योरेंस इंडस्ट्री के क्षेत्र में 24 कंपनियां कार्यरत हैं। ये सभी कंपनियां कुल मिलाकर जनरल इंश्योरेंस इंडस्ट्री में 84 फीसदी मार्केट की हिस्सेदारी रखती हैं।
एको ने अपने स्वास्थ्य बीमा वर्टिकल को बढ़ाने में भी निवेश करने का फैसला किया है, जो इसके कुल प्रीमियम का लगभग 20 फीसदी योगदान देता है।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि यह रणनीतिक अधिग्रहण QorQl प्रा. लि. द्वारा किया जाएगा। यह एक टेक्नोलॉजी कंपनी है, जिसकी अधिकांश हिस्सेदारी विजय शेखर शर्मा और शेष पेटीएम के पास है।
फ्यूचर जेनेरली इंडिया इंश्योरेंस कंपनी (एफजीआईआई) ने गुरुवार को कहा कि उसने अपने ग्राहकों को पॉलिसी सोशल नेटवर्किंग प्लैटफॉर्म व्हाटसऐप के जरिए भेजनी शुरू की हैं।
पिछले वित्त वर्ष में गैर-जीवन बीमा क्षेत्र के GDP के 1% के जादुई आंकड़े को पार करने के बाद कंपनियों को अगले 5 साल में दोगुना वृद्धि होने की उम्मीद है।
देश की सबसे बड़ी मॉर्गेज कंपनी HDFC लिमिटेड ने कहा है कि वह उचित समय आने पर अपनी सब्सिडियरी कंपनियों को शेयर बाजार लिस्ट कराएंगे।
रिलायंस कैपिटल अपने हेल्थ इंश्योरेंस कारोबार को जनरल इंश्योरेंस यूनिट से अलग कर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी बनाएगी। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने मंजूरी दे दी है।
जनरल इंश्योरेंस कंपनियां अपने कारोबार के कई क्षेत्रों में लगातार बढते घाटे जैसे कारणों से कुछ खंडों में बीमा प्रीमियम 10-15% तक बढाने की योजना बना रही हैं।
नोटबंदी के मद्देनजर बीमा उद्योग ने आगामी आम बजट में अधिक कर छूट, ई-भुगतान पर ध्यान दिए जाने तथा अनिवार्य आवास बीमा जैसे कदमों की उम्मीद जताई है।
अगर आप बीमा कंपनियों के रवैये से परेशान हैं और सारे उपाय कर हार चुके हैं तो बीमा ओम्बुड्समैन में शिकायत कर अपनी समस्या का निपटारा कर सकते हैं।
नोटबंदी के बाद डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने सरकारी जीवन बीमा और जनरल इंश्योरेंस का प्रीमियम भुगतान करने वालो को बड़ी राहत दी है।
कर्मचारियों के लाभ के लिए कंपनियां जरूरत के हिसाब से Health Insurance में सुविधाएं जुड़वाती हैं। लेकिन सिर्फ एंप्लॉयर के कवर के भरोसे नहीं रहना चाहिए
सरकारीी General Insurance कंपनियों की Listing के बारे में अगले 2 माह में रूपरेखा तैयार कर लिया जाएगा। वित्त मंत्रालय अगले दो माह में खाका तैयार कर लेगा।
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