Friday, March 29, 2024
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आजादी के नायक भगत सिंह को फांसी था गलत फैसला, पाकिस्तान में दोबारा मुकदमा शुरू कर न्याय दिलाने की उठी मांग

आजादी के नायक भगत सिंह को फांसी था गलत फैसला, पाकिस्तान में दोबारा मुकदमा शुरू कर न्याय दिलाने की उठी मांग

एशिया | Mar 23, 2024, 11:50 PM IST

अविभाजित भारत के स्वंतंत्रता संग्राम के दौरान आजादी के नायक रहे सरदार भगत सिंह की फांसी को गलत बताते हुए पाकिस्तान में कुछ संगठनों ने इस मामले की फिर से सुनवाई करने की मांग की है। पाकिस्तान कोर्ट से मामले की उसी तरह दोबारा सुनवाई कर न्याय देने की मांग की है, जैसा पूर्व पीएम जुल्फिकार अली भुट्टो के केस में हुआ।

स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के मामले को पाकिस्तान में दोबारा खोले जाने की क्यों हुई मांग, जानें कोर्ट ने क्या कहा

स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के मामले को पाकिस्तान में दोबारा खोले जाने की क्यों हुई मांग, जानें कोर्ट ने क्या कहा

एशिया | Sep 17, 2023, 11:11 AM IST

पाकिस्तान की अदालत में एक याचिका दायर कर शहीद भगत सिंह को सजा से बरी करने की मांग की गई है। साथ ही मरणोपरांत उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करने की मांग की गई है। ब्रिटिश पुलिस अधिकारी सांडर्स की हत्या में दोषी मानकर भगत सिंह को फांसी दी गई थी। मगर याचिका के अनुसार बिना गवाहों को सुने भगत सिंह को सजा दी गई।

कहानी वीर सावरकर की, कोई मानता है विलेन तो कोई मानता है हीरो, आपके लिए क्या हैं विनायक

कहानी वीर सावरकर की, कोई मानता है विलेन तो कोई मानता है हीरो, आपके लिए क्या हैं विनायक

राष्ट्रीय | May 28, 2023, 08:53 AM IST

वीर सावरकर जयंती: वीर सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को नासिक गांव में हुआ था। आज उनकी जयंती के अवसर पर पढ़ें उनके जीवन के बारे में कुछ बातें।

उत्तराखंड की पहली महिला आंदोलनकारी, जो आजादी की लड़ाई के दौरान गई जेल

उत्तराखंड की पहली महिला आंदोलनकारी, जो आजादी की लड़ाई के दौरान गई जेल

राष्ट्रीय | Dec 16, 2022, 05:22 PM IST

उत्तराखंड के अल्मोड़ा की बिशनी देवी साह उत्तराखंड की पहली महिला स्वतंत्रता सेनानी थीं। आजादी की लड़ाई में जेल जाने वालीं वो पहली महिला भी रही।

देश के इस राज्य में सरकार ने लिया बड़ा फैसला, स्वतंत्रता सेनानियों की पेंशन हुई दोगुनी

देश के इस राज्य में सरकार ने लिया बड़ा फैसला, स्वतंत्रता सेनानियों की पेंशन हुई दोगुनी

राष्ट्रीय | Nov 17, 2022, 10:58 PM IST

राज्य सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों की पेंशन को दोगुना कर दिया है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की साप्ताहिक बैठक में इस मामले में फैसला लिया गया।

स्वतंत्रता सेनानियों के घर पहुंचे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

स्वतंत्रता सेनानियों के घर पहुंचे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

राजस्थान | Aug 15, 2022, 08:10 AM IST

Independence Day 2022: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के घर पहुंचे और उन्हें कच्चे सूत की माला पहनाकर, शॉल ओढ़ाकर व श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया।

 आजाद भारत की ये 5 बड़ी उपलब्धियों ने दुनिया में बजाया डंका

आजाद भारत की ये 5 बड़ी उपलब्धियों ने दुनिया में बजाया डंका

राष्ट्रीय | Aug 14, 2022, 06:01 PM IST

75 years of independence: आजादी के 75 साल जल्द ही पूरे होने वाले हैं। इसी मौके पर देश 75वां अमृत महोत्सव मना रहा है। जब हमारा देश आजाद हुआ था, तब हर मामले में हमारा देश पिछड़ा था। अंग्रेजों ने जितना भारत को आधुनिक बनाया था, उससे कई गुना भारत को लूट लिया था।

"इंकलाब जिंदाबाद" से लेकर "करो या मरो" इन 6 नारों से कांप जाते थे अंग्रेज

"इंकलाब जिंदाबाद" से लेकर "करो या मरो" इन 6 नारों से कांप जाते थे अंग्रेज

राष्ट्रीय | Aug 13, 2022, 06:41 PM IST

75 years of independence: 'जय हिंद!' हो या 'वंदे मातरम!', आज बोले जाने वाले अधिकांश लोकप्रिय देशभक्ति के नारों की उत्पत्ति भारतीय स्वतंत्रता के आंदोलन से हुई है। वर्तमान समय में भी इन नारों को खुब बोला जाता है।

जब नेताजी सुभाष चंद्र बोस मौत के मुंह से बाहर निकल आए थे, जानें कैसा था सफर

जब नेताजी सुभाष चंद्र बोस मौत के मुंह से बाहर निकल आए थे, जानें कैसा था सफर

राष्ट्रीय | Aug 09, 2023, 03:15 PM IST

Subhash Chandra Bose: पूरी दुनिया दूसरे विश्वयुद्ध की आग में जल रही थी। उस समय भारत में भी स्वतंत्रता के लिए अहिंसक और सशस्त्र आंदोलन गति पकड़ रहा था। महात्मा गांधी अहिंसक आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे, जबकि सशस्त्र आंदोलन की बागडोर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के हाथों में थी।

आजादी के बाद कितना बदला हमारे भारत का नक्शा? आतंरिक सीमाओं में आए कई बदलाव, यहां देखिए 75 साल का सफर

आजादी के बाद कितना बदला हमारे भारत का नक्शा? आतंरिक सीमाओं में आए कई बदलाव, यहां देखिए 75 साल का सफर

राष्ट्रीय | Aug 04, 2022, 05:56 PM IST

भारत में जरूरत और मांग के हिसाब से वक्त-वक्त पर नए राज्यों का गठन होता रहा है। 2019 में ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख को अलग करते हुए दो केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर मान्यता दी गई थी।

देश की एकता व अखंडता से खिलवाड़ स्वतंत्रता सेनानियों के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात: नरेंद्र मोदी

देश की एकता व अखंडता से खिलवाड़ स्वतंत्रता सेनानियों के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात: नरेंद्र मोदी

पश्चिम बंगाल | Mar 23, 2022, 11:05 PM IST

शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के बलिदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी गाथाएं देश के लिए दिन रात मेहनत करने के लिए देशवासियों को प्रेरित करती हैं।

स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की जयंती आज, पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि

स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की जयंती आज, पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि

राष्ट्रीय | Jan 28, 2022, 11:04 AM IST

मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘पंजाब केसरी लाला लाजपत राय को उनकी जयंती पर सादर नमन। स्वतंत्रता आंदोलन में उनके साहस, संघर्ष और समर्पण की कहानी देशवासियों के लिए सदैव स्मरणीय रहेगी।’

बोस ने ही दी थी गांधीजी को राष्ट्रपिता की उपाधि

बोस ने ही दी थी गांधीजी को राष्ट्रपिता की उपाधि

राष्ट्रीय | Jan 24, 2022, 02:22 PM IST

नेताजी सुभाषचंद्र बोस के जीवन पर महात्मा गांधी के विचारों का भी प्रभाव था, भले ही आजादी की जंग में गांधीजी से उनके मतभेद रहे हों, लेकिन बोस ने ही गांधीजी सबसे पहले राष्ट्रपिता की उपाधि दी थी। 1938 और 1939 में नेताजी सुभाषचंद्र बोस कांग्रेस अध्यक्ष भी बने। हालांकि, 1939 में महात्मा गांधी और कांग्रेस आलाकमान के साथ मतभेदों के बाद उन्होंने कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया औऱ पार्टी से अलग हो गए।

अंग्रेजों को धूल चटाने के लिए बना डाली आजाद हिंद फौज, किया रेडियो प्रसारण, जर्मनी से जापान तक किया सफर

अंग्रेजों को धूल चटाने के लिए बना डाली आजाद हिंद फौज, किया रेडियो प्रसारण, जर्मनी से जापान तक किया सफर

राष्ट्रीय | Jan 23, 2022, 08:30 AM IST

देश की आजादी के लिए नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने अथक प्रयास किए। उन्होंने ब्रिटेन के विरोधी देशों को जो विश्वयुद्ध में ब्रिटेन के विरोध में लड़ रहे थे, उन्हें साधने की कोशिश की, ताकि वे अपनी ऐसी फौज बना सकें, जिससे वे अंग्रेजों से लड़ सकें। इसके लिए वे जर्मनी गए और हिटलर से मिले, जापान भी गए। उन्हें यहां से सहयोग भी मिला।

जलियावाला बाग कांड ने सुभाषचंद्र बोस को कर दिया था विचलित, जानिए कैसे वे स्वाधीनता संग्राम में कूद पड़े

जलियावाला बाग कांड ने सुभाषचंद्र बोस को कर दिया था विचलित, जानिए कैसे वे स्वाधीनता संग्राम में कूद पड़े

राष्ट्रीय | Jan 23, 2022, 08:29 AM IST

देश भारतमाता के वीर सपूत नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जयंती मना रहा है। उनके जन्मदिन को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पराक्रम दिवस के रूप में मना रही है। अब गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत उनके जन्मदिन से प्रारंभ होगी। जानिए नेताजी कैसे राजनीति में आए, क्यों आईसीएस की परीक्षा से त्यागपत्र दे डाला और भी बहुत कुछ।

जब हाथ में गीता लिए फांसी के फंदे पर झूल गया था ये क्रांतिकारी, 18 साल थी उम्र

जब हाथ में गीता लिए फांसी के फंदे पर झूल गया था ये क्रांतिकारी, 18 साल थी उम्र

राष्ट्रीय | Aug 11, 2020, 12:49 PM IST

देश की आजादी की लड़ाई में कुछ नौजवानों का बलिदान इतना उद्वेलित करने वाला था कि उसने पूरे देश में स्वतंत्रता संग्राम का रूख बदलकर रख दिया इनमें एक नाम खुदीराम बोस का है, जिन्हें 11 अगस्त 1908 को फांसी दे दी गई।

आतंकवादियों को ‘‘स्वतंत्रतता सेनानी’’ बताने से आतंक के खिलाफ लड़ाई हुई पेचीदा: चीनी जनरल

आतंकवादियों को ‘‘स्वतंत्रतता सेनानी’’ बताने से आतंक के खिलाफ लड़ाई हुई पेचीदा: चीनी जनरल

एशिया | Oct 23, 2019, 06:45 PM IST

चीनी सेना के एक वरिष्ठ जनरल ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक संयुक्त मोर्चा आगे बढ़ाने की कोशिशें जटिल हो गयी हैं क्योंकि कुछ देशों ने आतंकवादियों का चित्रण ‘‘स्वतंत्रता सेनानियों’’ के तौर पर करके आतंकवाद की परिभाषा का ‘‘दुरुपयोग’’ किया है।

22 जून का इतिहास: नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने किया ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन

22 जून का इतिहास: नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने किया ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन

राष्ट्रीय | Jun 22, 2019, 12:27 PM IST

कांग्रेस के त्रिपुरा अधिवेशन के बाद नेताजी ने 1939 में कांग्रेस को जनता की स्वतंत्र होने की इच्छा, लोकतंत्र और क्रांति का प्रतीक बनाने के लिए कांग्रेस के भीतर ही फॉरवर्ड ब्लाक की स्थापना की थी।

162 साल पहले मेरठ ने दी थी आजादी की चिंगारी को हवा, कोतवाल धनसिंह ने भी दिया था विशेष योगदान

162 साल पहले मेरठ ने दी थी आजादी की चिंगारी को हवा, कोतवाल धनसिंह ने भी दिया था विशेष योगदान

उत्तर प्रदेश | May 10, 2019, 08:50 PM IST

1857 की क्रांति की शुरुआत वर्तमान उत्तर प्रदेश के मेरठ से हुई थी। यहीं से अंग्रेज सरकार के खिलाफ पहली बार 10 मई 1857 को स्वतंत्रता का बिगुल फूंका गया था। 

160 साल पहले आज के दिन दी गई थी आजादी के पहले महानायक मंगल पांडे को फांसी

160 साल पहले आज के दिन दी गई थी आजादी के पहले महानायक मंगल पांडे को फांसी

राष्ट्रीय | Apr 08, 2019, 01:49 PM IST

8 अप्रैल का दिन भारत के लिए कई मायनों में काफी अहम है। यही वह दिन है जब भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त जैसे क्रांतिकारियों ने दिल्ली असेंबली में बम फेंका था।

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