वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भरोसा जताया कि 2030 तक 2000 अरब डॉलर का निर्यात लक्ष्य प्राप्त हो जाएगा।
कई देश दिवालिया हो गए हैं तो कई फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में इन देशों के साथ भारत का व्यापार प्रभावित हो रहा है।
देश के एक प्रमुख वाणिज्य एवं उद्योग मंडल ने रविवार को कहा कि प्रमुख क्षेत्रीय व्यापार समझौते आरसीईपी में शामिल नहीं होने से भविष्य में भारत के निर्यात और निवेश प्रवाह को नुकसान पहुंच सकता है।
अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध भारत के लिए एक बड़ा अवसर है। वाणिज्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मौके का फायदा उठाकर भारत इन देशों को रसायन और ग्रेनाइट सहित 350 उत्पादों का निर्यात कर सकता है।
सरकार ने अमेरिका में उत्पादित या वहां से आयात की जाने वाले बादाम, अखरोट और दालों सहित 28 विनिर्दिष्ट वस्तुओं पर प्रशुल्क बढ़ाने की अधिसूचना शनिवार को जारी की।
श्रम आधारित क्षेत्रों जैसे वस्त्र और चमड़ा उद्योग में रोजगार सृजन को बढ़ावा देना विदेश व्यापार नीति की मध्यावधि समीक्षा के अहम बिंदुओं में शामिल है
USTR के अनुसार, भारत की आर्थिक वृद्धि (Economic Growth) तथा अप्रत्यक्ष कराधान (Indirect Taxation) सुधार से अमेरिकी निर्यात को अधिक समर्थन मिल सकता है।
जनवरी माह में भारतीय कंपनियों का विदेशों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 57.3% घटकर 1.82 अरब डॉलर रह गया। RBI के आंकड़ों में यह बात सामने आई है
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