Foreign Exchange Reserves: भारत में इन दिनों बहुत कुछ ठीक चल रहा है। महंगाई कंट्रोल में है, ब्याज दरें नहीं बढ़ रही है, विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।
गडकरी ने कहा कि वह भारत में बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण के लिए विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) से बात कर रहे हैं, लेकिन वह उनकी प्रतिक्रिया से संतुष्ट नहीं हैं।
नौ जुलाई को समाप्त सप्ताह में 1.883 अरब डॉलर बढ़कर रिकॉर्ड 611.895 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने यूरोबांड्स जारी कर 1 अरब डॉलर की राशि जुटाई है, जिसकी वजह से केंद्रीय बैंक का विदेशी मुद्रा भंडार अपने पांच साल के उच्चतम स्तर 18.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 21 मई, 2021 को समाप्त सप्ताह में 2.865 अरब डॉलर बढ़कर 592.894 अरब डॉलर हो गया जो एक नया रिकार्ड है। इसमें सोर्ण और मुद्रा आस्तियों का प्रमुख योगदान है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में विशेष निकासी अधिकार (एसडीआर) 20 लाख डॉलर बढ़कर 1.506 अरब डॉलर हो गया।
आरबीआई ने कहा कि 7 मई 2021 को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में होने वाली वृद्धि मुख्य तौर पर विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां बढ़ने से हुई है।
विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी सितंबर 2020 के लगभग 6.69 प्रतिशत से घटकर 31 मार्च, 2021 में 5.87 प्रतिशत रह गई।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार इससे पहले 29 जनवरी 2021 को 590.185 अरब डॉलर की सर्वकालिक ऊंचाई पर पहुंच गया था।
दुनिया के सबसे बड़े विदेशी मुद्रा भंडार वाले देशों की सूची में चीन शीर्ष पर है। इसके बाद क्रमश: जापान और स्विट्जरलैंड का स्थान है।
लगातार दो सप्ताह तक गिरावट के बाद देश का स्वर्ण भंडार 12 फरवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान 1.26 अरब डॉलर बढ़कर 36.227 अरब डॉलर का हो गया।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 29 जनवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान 4.85 अरब अमरीकी डॉलर बढ़कर 590.18 अरब डॉलर हो गया।
विदेशी मुद्रा यानि डॉलर का सबसे ज्यादा खर्च कच्चे तेल तथा सोने के आयात पर खर्च होता है लेकिन मोदी सरकार के कार्यकाल में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें काफी निचले स्तर पर रही हैं और विदेशों से कच्चा तेल आयात करने के लिए पहले के मुकाबले कम डॉलर का खर्च आ रहा है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 30 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 18.3 करोड़ डॉलर बढ़कर 560.715 अरब डालर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को इसके आंकड़े जारी किए।
इससे पहले 7 अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में 3.623 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी और यह 538.191 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
विदेशी मुद्रा भंडार 5 जून को पहली बार 500 अरब डॉलर के स्तर के पार पहुंचा था
पांच जून को समाप्त सप्ताह में पहली बार देश का विदेशी मुद्रा भंडार 500 अरब डॉलर के स्तर से ऊपर गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020-21 के दौरान रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में 45 अरब डॉलर का हस्तक्षेप कर सकता है, जिसमें से रिजर्व बैंक 25.5 अरब डॉलर का अब तक पहले ही कर चुका है।
विदेशी मुद्रा भंडार 17 महीने की आयात जरूरतों को पूरा करने में सक्षम
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 493 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंचा
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