Fitch ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि रिजर्व बैंक ब्याज दरों में वृद्धि जारी रखेगा और साल खत्म होने तक रेपो दर 5.9 प्रतिशत पर होगी।
फिच ने कहा, भारत के लिए वित्त वर्ष 2022-23 में अपने वृद्धि दर के अनुमान को 1.8 प्रतिशत घटाकर 8.5 प्रतिशत कर दिया है।
एजेंसी कहा कि सुधार के एजेंडा पर सरकार के आगे बढ़ने और महामारी से पैदा हुआ नकारात्मक असर खत्म होने से भारतीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। सरकार का 2025-26 तक इसे कम कर जीडीपी के 4.5 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य है।
लगातार चार दिन कोरोना वायरस संक्रमण के चार लाख से अधिक नए मामले सामने आने के बाद भारत में सोमवार को एक दिन में कोविड-19 के ताजा मामलों में कमी देखने को मिली है और वो 3.66 लाख के स्तर पर रहे हैं।
वर्ष के दौरान सरकार का खर्च 34.8 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित स्तर के आसपास रहने की उम्मीद है। वहीं राजस्व प्राप्ति 17.8 लाख करोड़ रुपये से कम रहने का अनुमान है।
एजेंसी ने कहा है कि उसके ताजा अनुमान में गिरावट का जोखिम बना हुआ है, क्योंकि कोविड-19 मामलों से लॉकडाउन का और विसतार होगा।
हाल में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों तेजी से 2021-22 के परिदृश्य के कमजोर होने का जोखिम है।
सरकार अगले वित्त वर्ष 2021-22 में करीब 12 लाख करोड़ रुपये का कर्ज जुटाएगी। अगले वित्त वर्ष में सरकार का व्यय 34.83 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इनमें 5.54 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय है।
फिच सॉल्यूशंस ने कहा कि मूल्य के हिसाब से परिवारों का खर्च 2021 में 123 लाख करोड़ रुपये रहेगा। यह 2019 के 121.6 लाख करोड़ रुपये की तुलना में मात्र 1.2 प्रतिशत अधिक है। इससे पता चलता है कि कोविड-19 महामारी की वजह से उपभोक्ता खर्च कितनी बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
जुलाई में बेहतर बिक्री के बावजूद दबाव जारी रहने का अनुमान
आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक का आउटलुक भी निगेटिव हुआ
फिच का चालू वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था में 5% गिरावट का अनुमान
अन्य रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने भी भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को स्थिर परिदृश्य के साथ घटाकर बीबीबी नकारात्मक कर दिया है।
भारत और चीन की अर्थव्यवस्था में सुस्ती से गहरा हुआ मंदी का असर
फिच के मुताबिक महंगाई दर का दबाव कम होने से रिजर्व बैंक के पास राहत की और गुंजाइश बनेगी
रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में आई मंदी का भारत पर भी बुरा असर पड़ेगा
कोरोना संकट से आय पर असर और राहत पैकेज की वजह से बढ़ सकता है घाटा
फिच ने दुनिया भर की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान घटाकर 1.3 फीसदी किया
Fitch ने अपनी ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक 2020 रिपोर्ट में कहा है कि आगे आने वाले हफ्तों में कोरोना वायरस से प्रभावित होने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी।
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