जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि अगस्त में मानसून कमजोर रहने और इसके असमतल वितरण से मुद्रास्फीति ऊंचे स्तर पर रह सकती है।
मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि इन शेयरों में बीते एक महीने से जबरदस्त तेजी दर्ज की गई है। आगे भी तेजी की उम्मीद है।
पिछले साल एनएसई लिस्टेड कंपनियों और निफ्टी 500 में विदेशी संस्थानों निवेशकों की हिस्सेदारी क्रमश: 2.04 फीसदी और 1.65 फीसदी घटी थी।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 1-8 अप्रैल के दौरान भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 7,707 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
वित्त वर्ष 2021-22 में FII ने रिकॉर्ड बिकवाली की, जिससे NSE-500 में उनकी हिस्सेदारी घटकर 19.9 प्रतिशत या 582 अरब डॉलर रह गई
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस साल अबतक भारतीय बाजारों से 1,14,855.97 करोड़ रुपये की निकासी की है।
साल 2021 में और अब 2022 के तीन महीनों में विदेशी निवेशकों के बिकवाली से अधिक घरेलू निवेशकों ने खरीदारी की है। इससे बाजार क्रैश होने से बचा हुआ है।
फरवरी, 2022 में एफपीआई की निकासी मार्च, 2020 के बाद सबसे ऊंची रही है। उस समय एफपीआई ने भारतीय बाजारों से 1,18,203 करोड़ रुपये निकाले थे।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने फरवरी माह में अबतक भारतीय बाजारों से 18,856 करोड़ रुपये निकाले हैं।
एक से 11 फरवरी के दौरान एफपीआई ने शेयरों से 10,080 करोड़ रुपये और ऋण या बांड बाजार से 4,830 करोड़ रुपये तथा हाइब्रिड माध्यमों से 24 करोड़ रुपये की निकासी की है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद के बीच वैश्विक स्तर पर बांड प्रतिफल भी बढ़ा है।
सेबी के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय बाजारों में पी-नोट्स के जरिये निवेश का मूल्य दिसंबर, 2021 के अंत तक बढ़कर 95,501 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो नवंबर के अंत तक 94,826 रुपये था।
पिछले सत्र में, तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 503.25 अंक यानी 0.86 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,283.42 अंक पर बंद हुआ।
इससे पिछले महीने में, शेयर बाजार और बांड बाजार से शुद्ध रूप से कुल 9,435 करोड़ रुपये की निकासी गयी थी।
SEBI चेयरमैन अजय त्यागी ने यह भी कहा है कि FII को कमोडिटी डेरिवेटिव कारोबार में सिर्फ संवेदनशील कमोडिटीज में अनुमति नहीं होगी
साल 2018 में अब तक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भारतीय इक्विटी बाजार में केवल 1.5 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है।
विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकालकर उन बाजारों में निवेश कर रहे हैं जहां रिटर्न के ज्यादा अच्छे अवसर मिल रहे हैं
शेयर बाजार में हुए विदेशी निवेश के आंकडों को देखे तों नवंबर के दौरान 5 महीने यानि GST काल का सर्वाधिक विदेशी निवेश हुआ है।
देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह निवेशकों की नजर RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) द्वारा ब्याज दरों पर किए जाने वाले फैसले पर रहेगी।
सरकार ने भारत-22 एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) के तहत पहले दौर में 14,500 करोड़ रुपए जुटाए हैं। इस फंड में 22 कंपनियों के शेयर शामिल हैं।
संपादक की पसंद