इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बिना धन के राजनीति दल को चलाना संभव नहीं है। चुनावी बॉन्ड को केंद्र सरकार अच्छे इरादे से लेकर आई थी। साल 2017 में केंद्र सरकार द्वारा लायी इस योजना को उच्चतम न्यायालय ने असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया है।
इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने चुनाव आयोग को बॉन्ड से जुड़ी सभी जानकारियां दे दी थीं। इसको लेकर बैंक ने कोर्ट में शपथ पत्र भी दाखिल किया था। वहीं अब आयोग ने इसका डाटा अपनी वेबसाइट पर भी साझा कर दिया है।
इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर बड़ी खबर ये है कि भारतीय स्टेट बैंक ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर अदालत को इस बात की जानकारी दी है कि उसने इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़े सभी दस्तावेज चुनाव आयोग को उपलब्ध करा दिया है।
यूपी कांग्रेस सेवा दल की X प्रोफाइल से भी ऐसी ही पोस्ट शेयर की गई है।" इस तस्वीर में देखा जा सकता है कि HUB POWER COMPANY ने 18 अप्रैल 2019 को अलग-अलग रकम के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे हैं।
इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर एडीआर की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनावी चंदे में सबसे अधिक बॉन्ड एक करोड़ के और फिर 10 लाख के थे।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पीएम केयर्स फंड की पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने दावा किया है कि चुनावी बॉण्ड की तरह ‘पीएम केयर्स फंड’ भी एक घोटाला है, जिसके सामने आने का इंतजार है।
चुनावी चंदे का मामला गरमाया हुआ है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से कहा कि वह यूनीक बॉन्ड नंबर्स के इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी हर जानकारी 21 मार्च तक कोर्ट को सौंप दे।
सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई से कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा सब बताना पड़ेगा। वहीं, एसबीआई ने कोर्ट से कहा कि उसे बदनाम किया जा रहा है।
इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि SBI से सभी विवरण का खुलासा करने को कहा गया था और इसमें इलेक्टोरल बॉन्ड की संख्या भी शामिल थी।
इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए चुनावी चंदा देने के मामले में चेन्नई सुपर किंग्स का नाम आया है। दरअसल धोनी जिस टीम की कप्तानी करते हैं, उस टीम ने दक्षिण भारत की एक राजनैतिक पार्टी को चंदे में करोड़ों रुपये दान किया है।
इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट के कड़े रूख के बाद एसबीआई ने सभी राजनीतिक पार्टियों का ब्यौरा सौंप दिया है, जिसे अब निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। इसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने एक बार फिर इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि आरएसएस और बीजेपी बताए इस करप्शन पर क्या कहेंगे, उन्हें जवाब देना चाहिए।
चुनावी बॉन्ड को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि हमारे 303 सांसद हैं, इसके बावजूद हमें 6 हजार करोड़ मिले हैं। बाकियों के 242 सांसद हैं, इसके बावजूद उन्हें 14 हजार करोड़ रुपये का चंदा मिला है। उन्होंने कहा कि किस बात को लेकर इतना हंगामा है।
चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड से जुडे आंकड़े अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है.लेकिन इसपर बवाल जारी है...सुप्रीम कोर्ट ने SBI को आदेश दिया है कि वो इन बॉन्ड से जुड़े नंबर भी जारी करे...स्टेट बैंक ने जितने भी बॉन्ड जारी किए हैं उनके unique alphanumeric number नंबर हैं...बैंक ने बॉन्ड के बारे में जान
इलेक्टोरल बॉन्ड मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। कोर्ट ने चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड डेटा को वापस करने के ईसीआई के अनुरोध को भी स्वीकार कर लिया है।
चुनावी इलेक्टोरल बॉन्ड में जिस कंपनी ने 1368 करोड़ रुपये दान किए हैं। उस कंपनी के मालिक का नाम है सैंटियागो मार्टिन। बता दें कि सैंटियागो मार्टिन को भारत में लॉटरी किंग के नाम से भी जाना जाता है, जिनका लॉटरी के क्षेत्र में बड़ा नेटवर्क है।
चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। यह डेटा 763 पेज का है। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर पूरा डेटा उपलब्ध करा दिया गया है।
चुनावी बॉन्ड की जानकारी देने के मामले में SBI की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को जमकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने एसबीआई को कल तक का समय दिया है।
SBI ने बीते 4 मार्च को कोर्ट से आग्रह किया था कि जानकारी देने के लिए 30 जून तक का समय दिया जाए, लेकिन कोर्ट के द्वारा इस याचिका को सुनवाई के लिए अभी तक शिड्यूल नहीं किया है।
एसबीआई ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर इलेक्टोरल बॉन्ड का विवरण जमा करने के लिए 30 जून तक समय बढ़ाने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले एसबीआई को 6 मार्च तक विवरण जमा करने को कहा था।
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