पाकिस्तान की आर्थिक हालत खस्ताहाल है। महंगाई चरम पर है और लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। फिलहाल अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष पाकिस्तान की मदद के लिए तैयार नजर आ रहा है।
EAC -PM के सदस्य संजीव सान्याल ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का तीसरी तिमाही में प्रदर्शन उम्मीद से अच्छा रहा है। अब हमें इसे बनाए रखने की जरूरत है।
दूसरे देशों में जहां निवेश घट रहा है, उधर भारत में निवेश विशेष रूप से मजबूत बना हुआ है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों की बढ़ती रुचि से देश को लाभ हो रहा है।
पाकिस्तान अपने आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में नाकाम साबित हो रहा है। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है। विश्व बैंक ने भी आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्तान को चेताया है।
पाकिस्तान की आर्थिक हालत को सुधारने के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बड़े और कड़े फैसले लिए हैं। पीएम शरीफ ने आधिकारिक कार्यक्रमों में रेड कारपेट के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है।
एसएंडपी ने यह भी कहा कि भारत में कैलेंडर ईयर 2024 में ब्याज दरों में 75 आधार अंकों यानी 0.75 प्रतिशत तक की कटौती होने की संभावना है। एजेंसी ने इससे पहले वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की वृद्धि 6.4 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया था।
आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा पाकिस्तान भारत के साथ व्यापार संबंध बहाल करना चाहता है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद इसहाक डार ने इसे लेकर संकेत दिए हैं। हाल ही में पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने सभी से ए मतभेदों को दरकिनार करने का आग्रह किया था।
2023 में सुस्ती के बाद 2024 में व्यापार वृद्धि में तेजी आने का अनुमान है। कॉरपोरेट ग्लोबलाइजेशन बढ़ रहा है। कंपनियां अपनी अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति बढ़ा रही हैं।
सुरजनीकांत को कडप्पा से इंडिगो में इकोनॉमी क्लास में सफर करते देखा गया। वहीं सुपरस्टार को इस तरह इकोनॉमी क्लास को ट्रैवल करते दिख लोग उनकी सादगी पर एक बार फिर अपना दिल हार बैठे हैं।
भारत तेजी से दुनिया के लिए चीन का विकल्प बनता जा रहा है। उम्मीद है कि साल 2047 तक भारत विकसित देशों में शामिल हो सकता है। साथ ही 2030 तक भारत का मार्केट कैप 10 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
रूस और यूक्रेन जंग के दो साल पूरे हो गए। इस बीच रूस पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद रूस ने जवाब में नया बयान दिया है। जानिए रूस ने इन पाबंदियों पर क्या कहा?
रिपोर्ट में कहा है कि देश को भू-राजनीतिक दबाव और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय बाजारों में अस्थिरता से पैदा होने वाली विपरीत वैश्विक परिस्थितियों पर नजर रखने की जरूरत है।
जापान और जर्मनी दोनों ने छोटे तथा मझोले आकार के व्यवसायों के माध्यम से अपनी अर्थव्यवस्था का निर्माण किया। जापान के विपरीत जर्मनी ने मजबूत यूरो और मुद्रास्फीति से निपटने के लिए ठोस आर्थिक कदम उठाए। कमजोर येन भी जापान के लिए नुकसान की वजह बना।
IMF की ओर से विकास दर के अनुमान को 0.2 प्रतिशत बढ़ाया गया है। आईएमएफ का कहना है कि मजबूत घरेलू मांग के कारण भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है।
चीनी अर्थव्यवस्था के लिये चुनौतियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। 2016 के बाद पहली बार किसी साल में चीन का निर्यात घटा है। चीन की अर्थव्यवस्था अपस्फीति के दबाव से निपटने के लिए संघर्ष कर रही है।
सेमीकंडक्टर, रिन्युअल इनर्जी, ऊर्जा, इलेक्ट्रिक व्हीकल, ग्रीन हाइड्रोजन, एयरोस्पेस और रक्षा, प्लग-एंड-प्ले पार्क, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, स्मार्ट ग्रीनफील्ड शहर के मामले में राज्य तरक्की की राह पर है।
आईएमएफ का अनुमान है कि जर्मनी एकमात्र G7 अर्थव्यवस्था होगी जो 2023 में 0.9 प्रतिशत पर सिकुड़ गई। यह रफ्तार साल 2024 में एडवांस इकोनॉमी के औसत 1.4 प्रतिशत से काफी नीचे रहने की उम्मीद है।
चीन की इकॉनमी के लिए एक और बुरी खबर आई है। चीन की मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई दिसंबर में गिरकर 49 पर आ गई। यह सूचकांक पिछले नौ महीनों में से आठ बार गिरा है। केवल सितंबर महीने में इसमें वृद्धि हुई थी।
भारत दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने वाला देश बना हुआ है। जीडीपी के आंकड़े पर पीएम मोदी ने कहा कि यह वृद्धि दर के आंकड़े वैश्विक स्तर पर परीक्षा की घड़ी में भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाते हैं।
GDP: भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में 7 प्रतिशत की दर से विकास कर सकती है। आईसीआरए की ओर से ये अनुमान जारी किया गया है।
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