पिछले तीन साल में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, बैंकों और बीमा कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) 500 प्रतिशत बढ़कर 15 लाख करोड़ रुपये से 58 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इन कंपनियों में भारत सरकार की इक्विटी हिस्सेदारी चार गुना होकर 38 लाख करोड़ रुपये हो गई है।
सरकार के पास फिलहाल बीईएमएल में 54.03 प्रतिशत हिस्सेदारी है। यह रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाला सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। मौजूदा बाजार मूल्य पर बीईएमएल में सरकार की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री से करीब 1,500 करोड़ रुपये मिलेंगे।
सरकार को आईडीबीआई बैंक में उसकी तथा एलआईसी की करीब 61 प्रतिशत हिस्सेदारी की रणनीतिक बिक्री के लिए जनवरी में शुरुआती दौर की कई बोलियां मिली थीं।
वर्तमान में, बैंक में सरकार की 45.48 प्रतिशत हिस्सेदारी है। जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के पास 49.24 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल 2016 से 35 सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और उनकी इकाइयों/अनुषंगियों के रणनीतिक विनिवेश के लिए सैद्धान्तिक मंजूरी दे चुका है। इनमें से नौ का लेनदेन पूरा हो गया है।
सरकार इस साल एलआईसी आईपीओ (LIC IPO) और ओएनजीसी (ONGC) के ऑफ फॉर सेल (OFS) से 23,574 करोड़ रुपये की रकम जुटा चुकी है।
मोदी सरकार सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक को प्राइवेट हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है।
निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने दिसंबर, 2020 में कंपनी में सरकार की समूची 63.75 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री के लिए अभिरुचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित किए थे।
सचिव ने कहा कि शिपिंग कॉरपोरेशन और बीईएमएल की मुख्य और गैर-प्रमुख परिसंपत्तियों के विघटन की प्रक्रिया चल रही है, जिसके बाद उसकी रणनीतिक बिक्री के लिए वित्तीय बोलियां आमंत्रित की जाएंगी।
देश के जाने-माने अर्थशास्त्री अरुण कुमार ने इंडिया टीवी को बताया कि विनिवेश लक्ष्य चुकने से सरकार को वित्तीय चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
केंद्र ने चालू वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ओर वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बिक्री से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इनमें दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों सहित एक बीमा कंपनी का विनिवेश शामिल है।
कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली सचिवों की कोर समिति से मंजूरी मिलने के बाद ये नाम मंजूरी के लिए पहले वैकल्पिक तंत्र के पास और अंतिम मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष रखे जाएंगे।
सरकार ने अगले वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों तथा वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बिक्री से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इनमें दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और एक साधारण बीमा कंपनी शामिल है।
वित्त मंत्री ने कहा कि आज भारत की आकांक्षाओं और विकास जरूरतों के लिए भारतीय स्टेट बैंक के आकार के 20 संस्थानों की जरूरत है।
कुमार ने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने किसानों के कल्याण और कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए निरंतर प्रतिबद्धता दिखाई है।
बजट भाषण पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमें इंग्लैंड की प्रधानमंत्री मार्गेट थ्रैचर की तरह निजीकरण की प्रक्रिया अपनानी होगी।
सरकार ने केंद्रीय उपक्रमों में विनिवेश और शेयरों की पुनर्खरीद के जरिये चालू वित्त वर्ष में अब तक 19,499 करोड़ रुपये जुटाये हैं।
27 जनवरी, 2020 को जारी किए गए पीआईएम में एयर इंडिया लिमिटेड की इक्विटी शेयर पूंजी की 100 प्रतिशत बिक्री और एयर इंडिया एक्सप्रेस लिमिटेड में एआईएल की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री की पेशकश की गई थी।
डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (दीपम) ने संभावित खरीदारों से 13 फरवरी, 2021 तक अभिरुचि पत्र (EoI) आमंत्रित करने के लिए प्रारंभिक सूचना ज्ञापन (PIM) जारी किया है।
ONGC Disinvestment: सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) अहमदाबाद और वडोदरा में अपने गोल्फ कोर्स को विनिवेश से बचाने में कामयाब रही है।
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