दुनिया के कई देशों से दुश्मनी मोल लेने वाला चीन लगातार अपना रक्षा बजट बढ़ा रहा है और इस साल चीन ने अपने रक्षा बजट में बीते पांच साल में सबसे ज्यादा 7.2 फीसदी की बढ़ोतरी की है।
जापान ने उत्तर कोरिया और चीन का सामना करने के लिए अपनी सैन्य ताकत को कई गुना बढ़ाने की ठान ली है। इसके लिए जापान कुल 300 अरब डॉलर खर्च करेगा। वर्ष 2024 के लिए भी जापान के मंत्रिमंडल ने बड़े रक्षाबजट को मंजूरी देकर उत्तर कोरिया और चीन जैसे दुश्मनों को हैरान कर दिया है।
हमास आतंकियों की तबाही के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजरायल को सबसे बड़ी रक्षा सहायता देने का ऐलान किया है। इसके लिए 14.5 अरब डॉलर रुपये की मंजूरी दी गई है। रुपये के हिसाब से यह राशि 1.20 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। यह धनराशि पाकिस्तान के कुल रक्षाबजट की दोगुनी है।
जापान अपने रक्षा बजट में रिकॉर्ड बढ़ोतरी कर रहा है। इससे चीन और उत्तर कोरिया को झटका लगेगा। इसी बीच एशिया प्रशांत क्षेत्र में दो धुरियां बन रही हैं। एक गुट चीन, उत्तर कोरिया और रूस का है। वहीं दूसरा गुट है जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया का।
आर्थिक खस्ताहाली के बीच पाकिस्तान ने अपने रक्षा बजट में 15.5 फीसदी का इजाफा किया है। वर्ष 2023-24 के लिए पाकिस्तान का रक्षा बजट 1.8 लाख करोड़ है। वहीं इसी वित्तीय वर्ष के लिए भारत का रक्षा बजट 5.94 लाख करोड़ है, जो कि पाकिस्तान के रक्षाबजट से 5 गुने से भी ज्यादा है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते बदलते वैश्विक सामरिक परिवेश में तीसरे विश्वयुद्ध की आहट ने खतरे की घंटी बजा दी है। ऐसे में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से शांत पड़ा जापान सबसे अधिक सक्रिय हो गया है। इस वक्त दुनिया के सबसे बड़े प्रतिद्वंदी देशों में चीन बनाम अमेरिका, रूस बनाम अमेरिका और जापान बनाम चीन की स्थिति पैदा हो गई है।
दुनिया में अपना सिक्का चलाने के लिए ये पांच देश अपनी सेनाओं पर सबसे ज्यादा पैसे खर्च करते हैं। इसमें पहले नंबर पर अमेरिका है, दूसरे नंबर पर चीन है और तीसरे नंबर पर भारत है। जबकि ब्रिटेन चौथे नंबर पर और रूस पांचवें नंबर पर है।
Indian Army strength: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आठ वर्षों के कार्यकाल में सेना कितनी अधिक ताकतवर हो चुकी है... इसका अंदाजा आपको भले ही न हो, लेकिन पाकिस्तान से लेकर चीन और अमेरिका तक को यह एहसास अच्छे से हो चुका है।
China Japan Relations: रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद से ही जापान ने अपने आपको सुरक्षित करने की रणनीति बनाने की शुरुआत कर दी थी। अब चीन की कारगुजारियों के बीच जापान और ज्यादा अलर्ट हो गया है। उसने रक्षात्मक नीति छोड़कर आक्रामक रूख अपनाने की राह पकड़ ली है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए रक्षा बजट को पिछले साल के 4.78 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5.25 लाख करोड़ रुपये करने का मंगलवार को प्रावधान किया और इसके साथ ही सैन्य साजोसामान के निर्माण में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने पर बल दिया गया है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अगले पांच वर्षों के लिए रक्षा उत्कृष्टता नवोन्मेष (आईडेक्स)-रक्षा नवोन्मेष संगठन (डीआईओ) के लिए 498.8 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है।’’
चीन ने 2021 के लिए छह प्रतिशत से अधिक आर्थिक वृद्धि का लक्ष्य तय किया है। चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग ने देश की संसद ‘नेशनल पीपल्स कांग्रेस (एनपीसी) में शुक्रवार को यह घोषणा की।
भारत ने अपना डिफेंस बजट कितना बढ़ाया इसको लेकर देश में कंफ्यूजन फैलाने की कोशिश हुई। राहुल गांधी ने सवाल उठाए, बोले बॉर्डर पर तनाव है बावजूद इसके रक्षा बजट क्यों नहीं बढ़ाया लेकिन उसी डिफेंस बजट के चलते पाकिस्तानी मीडिया में दहशत फैल गई है।
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को संसद में पेश किए गए आम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए आंशिक वृद्धि करते हुए 4.78 लाख करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया
शुक्रवार को पेश हुए पाकिस्तान के वार्षिक बजट में रक्षा बजट में 12 प्रतिशत का इजाफा किया गया है।
रक्षा बजट में मामूली बढ़ोतरी करते हुए 2020-21 के लिए इसमें 3.37 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जबकि इससे पिछले साल यह 3.18 लाख करोड़ रुपए था।
भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने देश के समक्ष समुद्री चुनौतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि नौसेना को अपनी क्षमता निर्माण के लिए एक सुनिश्चित बजटीय समर्थन की आवश्यकता है।
मोदी सरकार ने रक्षा पेंशन के लिए 1,12,079.57 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। कुल रक्षा आवंटन लगभग 431,010.79 करोड़ रुपये है जो आने वाले वित्त वर्ष के लिए केंद्र सरकार के कुल खर्च का 15.47% है।
ये उम्मीद की जा रही हैं कि निर्मला सीतारमण आज रक्षा बजट पर बड़ा ऐलान कर सकती है। जहां देश की पहली पूर्णकालिक रक्षामंत्री रहते हुए निर्मला सीतारमण ने अहम खरीद समझौतों को अंजाम दिया है तो वहीं उनके रक्षामंत्री रहते बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा का बदला लिया गया।
अपनी अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के लिए चीन आनन-फानन में एक नया निवेश कानून पारित करने वाला है।
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