कंगाल पाकिस्तान में सत्ता संभालते ही शहबाज शरीफ भारत विरोधी कदम उठाने से बाज नहीं आ रहे हैं। जिस सीपीईसी प्रोजेक्ट का भारत विरोध करता है, शहबाज उसी प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में काम करना चाहते हैं। सीपीईसी प्रोजेक्ट चीन और पाकिस्तान का संयुक्त प्रोजेक्ट है।
भारत चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव परियोजना के सम्मेलन में शामिल होने से इनकार कर दिया है। यह भारत के चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा के विरोध को भी दर्शाता है, जो पीओके से गुजर रहा है। भारत ने चीन की इस परियोजना को संप्रभुता के खिलाफ बताया है। चीन के अनुसार भारत के अलावा 140 देश सम्मेलन में शामिल होंगे।
चीन अपनी सीपीईसी योजना को पाकिस्तान में विस्तार देना चाहता है। इसलिए वह अब फिर पाकिस्तान पर डोरे डाल रहा है। हाल ही में चीन ने पाकिस्तान की आर्थिक मदद भी की है। हालांकि यह सब करने में उसने काफी देर कर दी। चीन ने अब हमेशा पाकिस्तान के साथ खड़े रहने की बात कही है।
चीन के उपप्रधानमंत्री पाकिस्तान के दौरे पर हैं। सीपीईसी प्रोजेक्ट के 10 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में वे पाकिस्तान आए हैं। सवाल यह उठता है कि पिछले 10 साल में क्या चीन का यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट जिनपिंग के ख्वाब पूरे कर पाया? क्या पाकिस्तान ने बड़ी होशियारी के साथ इस प्रोजेक्ट की धनराशि का उपयोग दूसरे कामों में किय
स्वीकृत योजनाएं खाद्य, कृषि, सूचना प्रौद्योगिकी, खान और खनिज, पेट्रोलियम और बिजली क्षेत्रों से संबंधित हैं। इनमें पशु फार्म; 10 अरब डॉलर की सऊदी अरामको रिफाइनरी; चगाई में तांबे और सोने की खोज; और थार कोयला रेल संपर्क योजना भी शामिल है।
चीन का सपना ग्वादर बंदरगाह से सीपीईसी के तहत बनने वाली सड़क के जरिए माल को अपने देश पहुंचाने का था। लेकिन, पाकिस्तान की कंगाली और चल रही राजनीतिक उथल पुथल,भ्रष्टाचार से यह फेल होता दिख रहा है।
संदिग्ध को जब गोदी में विदेशी नागरिकों की ओर बढ़ते हुए देखा गया तो सुरक्षाबलों ने उसे रोकने का प्रयास किया और मुठभेड़ में संदिग्ध ने गोली भी चलाई, हालांकि बाद में जवानों ने उसे मार गिराया गया।
Pakistan Turkey CPEC: पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने अपने तुर्किये दौरे के समय यहां के राष्ट्रपति रजब तैयाब एर्दोआन के साथ बैठक की और उन्हें सीपीईसी में शामिल होने का न्योता दिया है।
China Pakistan: चीन और पाकिस्तान तीन नई परियोजनाओं चीन-पाकिस्तान हरित गलियारा (सीपीजीसी), चीन-पाकिस्तान स्वास्थ्य गलियारा (सीपीएचसी) और चीन-पाकिस्तान डिजिटल गलियारा (सीपीडीसी) पर काम शुरू करेंगे।
हंबनटोटा बंदरगाह के पास राजपक्षे एयरपोर्ट है। इसे चीन से 200 मिलियन डॉलर लेकर बनाया गया है। एयरपोर्ट का इस्तेमाल बहुत कम होता है। ऐसे भी हालात आए, जब इसके पास अपना बिल भरने तक के पैसे नहीं थे।
CPEC Project News: चीन और पाकिस्तान मिलकर सीपीईसी यानी आर्थिक गलियारे के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। इसी बीच चीन और पाकिस्तान ने दोनों देशों के बीच बन रहे अरबों डॉलर के आर्थिक गलियारे सीपीईसी का हिस्सा बनने में दिलचस्पी रखने वाले दूसरे देशों को इसका न्योता दिया है।
पाकिस्तान में बना चीन का आर्थिक गलियाया अब पाकिस्तान की गले की फांस बन गया है। चीन के इस आर्थिक गलियारे में बिजली संयंत्रों के लिए मिले महंगे कर्ज के चलते आईएमएफ की मदद से पाकिस्तान को हाथ धोना पड़ सकता है।
शुरुआत में कंपनी का लक्ष्य चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे से जुड़ी परियोजनाओं में काम करने वाले चीनी लोगों को बीयर देना था। लेकिन बाद में इसे स्थानीय दुकानदारों को भी बेचा जाने लगा।
चीन की स्वतंत्र बिजली उत्पादकों के लगभग 25 प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनका भुगतान नहीं किया जाएगा, तो वे कुछ दिन के भीतर काम करना बंद कर देंगे।
विपक्षी दलों ने संसद को भंग करने और नए चुनावों की घोषणा की वैधता पर फैसला के सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
सीपीईसी चीन की बेल्ट एंड रोड पहल (बीआरआई) का हिस्सा है। बीआरआई के तहत चीन सरकार करीब 70 देशों में भारी निवेश कर रही है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत द्वारा पाकिस्तान को चीन के बीआरआई से "बाहर रखने के लिए चालें चली जा रही हैं।’’
सोहनी से कुछ वक्ताओं के पहले एक पाकिस्तानी डिप्लोमैट ने BRI और CPEC के तारीफों के पुल बांधे तथा इसे क्षेत्र के लिए निर्णायक बताया। BRI का उद्देश्य चीन का प्रभाव बढ़ाना और दक्षिणपूर्ण एशिया, मध्य एशिया, खाड़ी क्षेत्र, अफ्रीका और यूरोप को भूमि एवं समुद्री मार्ग के नेटवर्क से जोड़ना है।
चीन ने पाकिस्तान को 9 चीनी कर्मियों की बस विस्फोट में मौत के बाद एकबार फिर सुरक्षा को ठीक करने को कह दिया है। चीन CPEC के तहत कई प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। ऐसे में उसे अपने कर्मियों की सुरक्षा का खतरा महसूस हो रहा है।
पाकिस्तान में सीपीईसी प्रोजेक्ट से जुड़े चीन के इंजीनियर और अन्य कर्मचारियों को अपनी रक्षा खुद करनी पड़ रही है। यहां काम कर रहे इंजीनियर और कर्मचारी अपने साथ एक हाथ में टूलकिट और दूसरे में एके 47 जैसे हथियारों के साथ साइट पर अपनी ड्यूटी निभाते हैं।
पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान सूबे के 2 अलग-अलग इलाकों में संदिग्ध विद्रोहियों द्वारा किए गए हमलों में पाकिस्तानी सेना के कम से कम 5 सैनिक मारे गए।
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