कंपनी धोलेरा के विशेष औद्योगिक क्षेत्र में ताइवान के पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्प के साथ साझेदारी में स्थापित कर रही है। टाटा की असम फैसिलिटी 27,000 करोड़ रुपये के निवेश से बनाई जाएगी।
चिप डिजाइन में भारत के पास पहले से ही गहरी क्षमताएं हैं। उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि इन इकाइयों के साथ देश चिप निर्माण में भी क्षमता विकसित करेगा, जिससे आने वाले वर्षों में चीन की बाजार हिस्सेदारी और भी चुनौतीपूर्ण हो जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने माइक्रोन और टाटा सहित चार खिलाड़ियों को 76,000 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएसएमसी के साथ साझेदारी में धोलेरा में सेमीकंडक्टर निर्माण संयंत्र लगाने के टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। प्लांट के बनने से यहां 20,000 से अधिक रोजगार पैदा होंगे।
चंद्रशेखर ने कहा कि 2022 में प्रधानमंत्री ने सेमीकंडक्टर नीति की घोषणा की थी और इसने तुरंत वैश्विक स्तर पर ध्यान आकर्षित किया।
एलन मस्क की कंपनी ने बड़ा कारनामा किया है। कंपनी न्यूरालिंक ने इंसानी दिमाग में चिप लगाई है, जिससे लोगों खासकर दिव्यांगों को बड़ा फायदा हो सकता है।
जार्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने सिलिकॉन चिप का विकल्प ढूंढ़ लिया है। एक नए मैटीरियल से बना यह चिप सिलिकॉन की तरह इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस में उर्जा प्रदान करेगा।
माइक्रोन टेक्नोलॉजी अहमदाबाद के पास साणंद में 2.75 अरब डॉलर का प्लांट स्थापित कर रही है। गुजरात में बड़े पैमाने की परियोजनाएं स्थापित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय और घरेलू कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है। कंपनियों ने सेमीकंडक्टर उद्योग, असेंबली परीक्षण, पैकेजिंग, अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में अपनी दिलचस्पी दिखाई है।
माइक्रोन प्लांट (Micron plant in India) दिसंबर 2024 से पहली चिप का उत्पादन शुरू कर देगा। इस संयंत्र का निर्माण शुरू हो गया है।
एसके हाइनिक्स और ग्लोबल फाउंड्रीज को ईमेल भेजकर इस संबंध में पूछा गया लेकिन खबर लिखने तक उनका कोई उत्तर नहीं मिला।
एएमडी के सीटीओ पेपरमास्टर ने कहा कि कंपनी इस साल के अंत तक बेंगलुरु में अपना नया 5,00,000 वर्ग फुट में फैला डिजाइन केंद्र परिसर खोलेगी।
फॉक्सकॉन ने कहा, ‘‘हम भारत के और विदेश के हितधारकों का स्वागत करेंगे। हम यह भी चाहते हैं कि भारत अगले स्तर तक जाए।’’
फॉक्सकॉन और भारतीय दिग्गज कंपनी वेदांता ने जॉइंटवेंचर कर दुनिया को चौंका दिया। इस जॉइंटवेंचर को गुजरात में 1.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश से सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र लगाना था।
फॉक्सकॉन ने पिछले साल वेदांता के साथ मिलकर गुजरात में सेमीकंडक्टर बनाने और डिस्प्ले उत्पादन संयंत्र लगाने का करार किया था। इसमें करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाना था।
केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में कहा था कि भारत में बनी पहली सेमीकंडक्टर चिप अगले साल दिसंबर तक आ जाएगी।
देश में 2.7 अरब डॉलर के निवेश के साथ सेमीकंडक्टर परीक्षण और पैकेजिंग इकाई स्थापित करने की परियोजना को केंद्र सरकार की मंजूरी दे दी है।
चीन के साइबर स्पेस रेगुलेटर ने रविवार को ऐलान किया कि अमेरिका की सबसे बड़ी मेमोरी चिप बनाने वाली कंपनी "गंभीर नेटवर्क सुरक्षा खतरे" पैदा कर रही है।
जापानी सेमीकंडक्टर निर्माण कंपनी रेनेसस इलेक्ट्रॉनिक्स के अध्यक्ष और सीईओ हिदेतोशी शिबाता ने इस कार्यक्रम में कहा कि भारत कंपनी के वैश्विक कारोबार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और सेमीकंडक्टर क्षेत्र में सहयोग के अनगिनत अवसर हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हाल ही में पिछले साल चिप्स और विज्ञान अधिनियम को लागू किया था, जो अमेरिका को देश में अधिक चिप निर्माण को आकर्षित करने के लिए सक्षम बनाता है।
आज भारत में उपयोग होने वाले 99 प्रतिशत मोबाइल फोन यहीं बनते हैं। यह 10 साल पहले की स्थिति के विपरीत है जब 99 प्रतिशत फोन आयात होते थे।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़