हैदराबाद से एक दुखद घटना सामने आई है। यहां के प्राइवेट स्कूल में एक किंडरगार्टन के छात्र की टीचर ने बेरहमी से पिटाई कर दी, जिससे उसकी मौत हो गई।
उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में एक जंगली बिल्ली ने एक नवजात बच्चे को छत से गिरा दिया जिससे मासूम की मौके पर ही मौत हो गई।
बेंगलुरु में पानी की पाइप लाइन बनाने के लिए खोदे गए गड्ढे में गिरकर 2.5 साल के बच्चे की मौत हो गई है।इसके बाद इंजीनियर और ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
बच्ची की मौत 12 मार्च को हुई है और इसी दिन उसका बर्थडे भी था। परिवार ने उसी दिन बच्ची का अंतिम संस्कार भी कर दिया। परिवार बच्ची का पहला बर्थडे नहीं मना पाया था इसलिए दूसरा बर्थडे धूमधाम के साथ मनाने की तैयारी कर रहा था और इस बीच यह हादसा हो गया।
छात्र का इलाज कर रहे एक डॉक्टर ने शुक्रवार को बताया कि प्रदेश में दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत का यह सबसे कम उम्र का मामला हो सकता है।
Rajasthan News: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान के जालौर में एक शिक्षक द्वारा एक दलित बच्चे को पीटे जाने संबंधी घटना की निंदा की। उन्होंने कहा कि आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
Chhattisgarh: एमबुलेंस ने मिलने के कारण एक आदिवासी दंपत्ति कांकेरलंका स्वास्थ्य केंद्र में आधी रात तक फंसा रहा। इस पर आयोग ने नोटिस जारी करते हुए कहा है कि मीडिया में आई खबर यदि सही है तो घटना मानवाधिकारों का उल्लंघन है।
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी. आर. गवई की पीठ ने कहा कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने विभिन्न जिला अधिकारियों को अनाथ बच्चों और उनके परिवार के सदस्यों को विभिन्न योजनाओं से जोड़ने के लिए विभिन्न सिफारिशें करते हुए 19,825 पत्र लिखे हैं, लेकिन केवल 920 मामलों में कार्रवाई की रिपोर्ट मिली हैं।
आरोपी की मां ने पल्लुर्थी पुलिस थाने को सूचना दी और वहां के अधिकारियों ने डिक्रूज को गिरफ्तार कर लिया।
कोरोना वायरस को लेकर एक आम धारणा यह बनी हुई है कि इससे सबसे ज्यादा दिक्कत बुजुर्गों को है, लेकिन बच्चों पर भी इसका कहर कम नहीं टूट रहा है।
कोटा अस्पताल में बीते दिसंबर महीने में सौ से अधिक बच्चों की मौत पर राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलेट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दिए गए बयान पर कहा कि इस पर हमारी प्रतिक्रिया अधिक दयालु और संवेदनशील हो सकती थी।
सबसे दुखद बात यह है कि हमारे पास भले ही अस्पताल, डॉक्टर, दवाइयां और उपकरण हैं, लेकिन संवेदनशीलता नाम की बुनियादी चीज ही गायब है। जब संवेदनशीलता मर जाती है, तो एक जीवित इंसान और मृत शरीर के बीच कोई अंतर नहीं रह जाता।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को मस्तिष्क ज्वर सहित अन्य अज्ञात बीमारी से अबतक 96 बच्चों की मौत को लेकर एक आंतरिक बैठक बुलाई है।
अफ्रीका में हुए सशस्त्र संघर्षों ने 20 साल में करीब 50 लाख बच्चों की जान ली है। अफ्रीका में 1995 से 2015 के बीच हुए सशस्त्र संघर्षों पर किए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है।
विभिन्न कारणों से पिछले एक साल में 19 हजार 799 बच्चों की मौत हो चुकी है......
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