इससे पहले सितंबर में कंपनियों ने कैपिटल मार्केट से 75,232 करोड़ रुपये जुटाए थे। वहीं अगस्त के दौरान कंपनियों ने बाजार से कुल 1.1 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाई थी।
एफपीआई ने इस अवधि के दौरान शेयर बाजार में 5,245 करोड़ रुपये का निवेश किया जबकि उन्होंने बांड बाजार से 4,159 करोड़ रुपये निकाले। इस तरह उन्होंने 1,086 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया।
पांच माह बाद एफपीआई डेट या बांड बाजार में भी शुद्ध निवेशक रहे
FPI ने स्टॉक मार्केट में करीब 21 हजार करोड़ की खरीद की
पी-नोट्स के जरिये अप्रैल तक शेयर बाजार में कुल 46,165 करोड़ रुपये का निवेश हुआ
पिछले दो महीने से घरेलू बाजारों से पैसा निकाल रहे हैं विदेशी निवेश
मार्च में एफपीआई ने भारतीय बाजारों से कुल 1.1 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी
उद्योग जगत को पर्याप्त नकदी तथा कर्ज सहायता मुहैया कराने के लिए कामकाज को मंजूरी
मार्च के महीने में विदेशी निवेशकों ने कैपिटल मार्केट से रिकॉर्ड निकासी की थी
शेयर बाजार में सोमवार को शुरुआती कारोबार के दौरान भारी गिरावट के चलते निवेशकों के करीब पांच लाख करोड़ रुपये डूब गए। कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते बढ़ती आर्थिक अनिश्चितता के कारण यह गिरावट हुई।
संसद के मौजूदा बजट सत्र के दौरान कंपनी अधिनियम और फेमा नियमों के पारित होने के बाद अगले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही तक प्रत्यक्ष विदेशी लिस्टिंग की अनुमति देने वाले आवश्यक नियमों को लागू किया जा सकता है।
भारतीय पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिए निवेश नवंबर अंत तक गिरकर 69,670 करोड़ रुपए पर आ गया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार से विभिन्न पक्षों के साथ के साथ बजट पूर्व बैठकों का सिलसिला शुरू करने जा रही हैं।
जुलाई 2017 में सेबी ने पी-नोट के लिए कठोर नियमों को अधिसूचित किया था।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) सितंबर के पहले पखवाड़े में शुद्ध लिवाल रहे। एफपीआई ने पूंजी बाजारों में 1,841 करोड़ रुपए की पूंजी डाली। इससे पहले लगातार दो महीने पीएफआई शुद्ध बिकवाल रहे थे।
डिपॉजिटरी के पास मौजूद ताजा आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 2-31 मई के दौरान शेयर बाजारों में शुद्ध रूप से 7,919.73 करोड़ रुपए का निवेश किया
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने देश के पूंजी बाजारों में अगस्त में 5,100 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने पिछले आठ कारोबारी सत्रों में भारतीय पूंजी बाजार में 8,500 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने जुलाई में भारतीय पूंजी बाजार में 2,300 करोड़ रुपए डाले। इससे पिछले तीन महीनों के दौरान उन्होंने भारतीय पूंजी बाजारों से निकासी की थी।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने पिछले पांच कारोबारी सत्रों में भारतीय पूंजी बाजारों में 3,000 करोड़ रुपए का निवेश किया। इससे पहले अप्रैल-जून के दौरान उन्होंने पूंजी बाजारों से भारी निकासी की थी। ताजा निवेश से पहले पिछले तीन माह के दौरान एफपीआई ने पूंजी बाजारों से 61,000 करोड़ रुपए से अधिक निकाले हैं।
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