मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट पर काम लगभग पूरा हो चुका है। वहीं इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के लेकर इसकी अधिकतम स्पीड और यात्रा में लगने वाले समय तक की हर बात के बारे में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी है।
मुंबई से अहमदाबाद के बीच कुल 508.17 किलोमीटर की रेल की पटरी में से 21 किलोमीटर भूमिगत रहेगी। भूमिगत सुरंग का एक प्रवेश बिंदु विखरोली में गोदरेज की जमीन पर पड़ता है।
भारत में अब जल्द बुलेट ट्रेन रफ्तार भरने जा रही है। जापान के सहयोग से तैयार किए जा रहे इस प्रोजेक्ट के ट्रायल के लिए डेट तय कर ली गई है।
महाराष्ट्र में जब भी कोई ऑथारिटी किसी पब्लिक प्रोजेक्ट के लिए मैंग्रोव के पेड़ों को काटना जरूरी समझती है तो उसे अदालत से इजाजत लेनी पड़ती है।
Bullet Train in India:कामयाबी की दिशा में भारत एक और मील का पत्थर गाड़ने जा रहा है। इसके तहत अब भारत अपने लिए बुलेट ट्रेन का निर्माण खुद करेगा। यानि मेड इन इंडिया बुलेट ट्रेन देश की पटिरयों पर रफ्तार भरेगी। इस दिशा में इंजीनियरों की प्लानिंग अंतिम दौर में है।
Ashwini Vaishnav: केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में बुलेट ट्रेन स्थल का दौरा किया। इस दौरान मंत्री ने कहा कि यह रेल कॉरिडोर मुंबई में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
Maharashtra News: एकनाथ शिंदे के महाराष्ट्र के सीएम बनने के बाद बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट में तेजी आ गई है। सरकार ने अंडरग्राउंड स्टेशन बनाने के लिए शुक्रवार को निविदाएं बुलाई हैं।
बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट का काम जमीन के साथ-साथ नदियों पर भी तेजी से चल रहा है। गुजरात में लगभग 20 पुल नदियों पर बनाए जा रहे हैं जिनमें दमन गंगा, नर्मदा, माही, साबरमती, तापी, कावेरी, अंबिका आदि नदियां शामिल हैं। अलग-अलग तकनीक का इस्तेमाल करके इन नदियों पर पिलर बनाकर पटरियां बिछाने के काम किया जा रहा है।
केंद्र सरकार शुक्रवार को संसद में स्वीकार किया कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना (बुलेट ट्रेन) के अमल में आने में फिलहाल थोड़ी देरी हुई है।
पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बुलट ट्रेन को झटका लग सकता है। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने गुरुवार को कहा कि अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पीछे रह सकता है अगर महाराष्ट्र में अगले तीन महीने में जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जाता है।
न्यू इंडिया में नई रफ्तार से दौड़ती बुलेट ट्रेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है। लेकिन पीएम के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे की नजर टेढ़ी हो गई है। मुंबई में बांद्रा-कुर्ला कांपलेक्स यानी बीकेसी की जिस जमीन पर बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का काम होना है, जहां जमीन के नीचे बुलेट ट्रेन टर्मिनल बनना है। उसी जमीन पर अब उद्धव सरकार की नजर है।
न्यू इंडिया में नई रफ्तार से दौड़ती बुलेट ट्रेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है। लेकिन पीएम के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे की नजर टेढ़ी हो गई है।
सरकार बनाते ही उद्धव ठाकरे एक्शन में हैं। उद्धव ने सबसे पहले आरे कॉलोनी के प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज किया और अब नाणार रिफाइनरी के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ नरमी दिखाई है।
मुंबई से अहमदाबाद के बीच 508 किलोमीटर लंबी बुलेट ट्रेन परियोजना का काम देख रहे एनएचएसआरसीएल द्वारा शनिवार को मैंग्रोव पेड़ों की कटाई के संबंध में बयान आने के कुछ घंटे बाद पीएमओ ने मामले में ग्रीन एक्टिविस्ट्स की अर्जी पर्यावरण विभाग के पास भेजी।
महाराष्ट्र के ठाणे बुलेट ट्रेन स्टेशन के निर्माण के कारण 53 हजार मैंग्रोव वृक्षों की कटाई होनी थी। अब इन वृक्षों को कटने से बचाने के लिए स्टेशन के डिजाइन में बदलाव किया गया है।
बुलेट ट्रेन परियोजना के क्रियान्वयन का काम देखने वाली एजेंसी एनएचएसआरसीएल ने शनिवार को कहा कि इस परियोजना से प्रभावित होने वाले मैंग्रोव वृक्षों की संख्या 53 हजार से घटा कर 32,044 करने की कोशिश की जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की समय सीमा पार कर चुकी है। अब तक आवश्यक 1,380 हेक्टेयर भूमि में से सिर्फ 39 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की समय सीमा पार कर चुकी है। अब तक आवश्यक 1,380 हेक्टेयर भूमि में से सिर्फ 39 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें देश में भी विरोध करने वालों का सामना करना पड़ रहा है। जब कभी आप नई तकनीक लाने की बात करते हैं या जब तय रूपरेखा से अलग हटते हैं तब काफी विरोध होता है।’’
रेलवे, अगस्त 2022 तक बुलेट रेल के 50 किलोमीटर के छोटे खंड को चालू करने पर विचार कर रहा है। पहले इसे इस अवधि में पूरे 508 किलोमीटर के मार्ग को चालू करने का लक्ष्य रखा गया था।
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